- 28 अक्टूबर को बोनस और बकाया एरियर को लेकर हड़ताल।
सूचनाजी न्यूज, बोकारो। सेल-बोकारो इस्पात संयंत्र (SAIL – Bokaro Steel Plant) के कोक ओवन एवं कोक केमिकल्स विभाग (Coke Oven and Coke Chemicals Department) में मेडिकल चेकअप (Medical Checkup) के नाम पर ठेका मजदूरों की छँटनी के खिलाफ 15 अक्टूबर को हड़ताल है। क्रान्तिकारी इस्पात मजदूर संघ (एचएमएस) द्वारा हड़ताल को सफल बनाने के लिए मीटिंग हुई।
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मीटिंग को सम्बोधित करते हुए संघ के महामंत्री सह-सदस्य एनजेसीएस राजेंद्र सिंह ने कहा कि प्रबंधन द्वारा लाये गये मेडिकल चेकअप (काला कानून) का हम पुरजोर विरोध करते हैं। ये कैसा कानून है जिससे बीमारी का इलाज नहीं, गेट पास छीन काम से बाहर कर मजदूर को परिवार सहित दर दर की ठोकर खाने पर मजबूर किया जा रहा है। ये काला कानून नहीं तो क्या है?
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संयंत्र के कुछ यूनियन प्रबंधन से साँठ-गाँठ कर ठेका और नियमित मजदूरों में भेदभाव कर मजदूर एकता को तोड़ने की कोशिश कर रहे है। हमें याद रखना चाहिए कि रिवीजन के मुद्दे पर अगर ठेका मजदूर 30 जुन की हड़ताल मे भाग नहीं लेते तो 30 जून की हड़ताल सफल नहीं हो सकती थी। मगर ठेका मजदूरों ने नौकरी की प्रवाह ना करते हुए नियमित मजदूरों के रिवीजन को लेकर हड़ताल में दिल खोलकर साथ दिया और हड़ताल सफल हुआ। ऐसे में मजदूर मजदूर में भेदभाव करने वाला असली ट्रेड यूनियन नहीं हो सकता है।
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राजेंद्र सिंह ने कहा-यातायात विभाग के ठेका मजदूरों द्वारा मिनिमम वेज के भुगतान के लिए साढ़े तीन घंटे का हड़ताल एक ट्रेलर था। एचएससीएल के नाम पर मजदूरो को मिनिमम वेज से वंचित रखा जाता था। मजदूरों के संघर्ष और यूनियन के नेतृत्व के कारण नियम मे संशोधन कर एच एस सी एल के सीएलसी को समाप्त कर एच एस सी एल के ठेका मजदूरो को भी मिनिमम वेज के भुगतान के लिए बी एस एल के सी एल सी के दायरे में लाया गया। मगर फिर भी ठेकेदार मिनिमम वेज भुगतान में आनाकानी कर रहे थे। परिणामस्वरूप यूनियन ने मजबूरन यातायात विभाग में हड़ताल किया और साढ़े तीन घंटे हड़ताल के बाद प्रबंधन ने लिखित आश्वासन देते हुए कहा कि आज अगर ठेकेदारो द्वारा मजदूरों को मिनिमम वेज भुगतान नहीं किया गया तो प्रबंधन डिपार्टमेंटल पेमेंट करेगी।
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15 अक्टूबर के हड़ताल के मुद्दे पर राजेंद्र सिंह ने कहा-प्रबंधन को साफ-साफ बता दिया है कि हमें मेडिकल से कतई विरोध नहीं है। मेडिकल कराइये मगर गेट पास बनने के बाद और अगर किसी मजदूर को कोई बिमारी निकलता है तो बेशक उन्हें रेस्ट दीजिए। मगर परिवार के जीविका हेतु हर हाल में पेमेंट चाजू रखना होगा।
राजेंद्र ससिंह ने सभी मजदूरों से कहा-बेखौफ और एकताबद्ध होकर 15 अक्टूबर के ठेका मजदूरो के हड़ताल तथा 28 अक्टूबर को बोनस एवं एरियर के मुद्दे पर ट्रेड युनियन संयुक्त मोर्चा द्वारा आहुत सम्पूर्ण सेल के हड़ताल को सफल बनाए।
मीटिंग को शशिभूषण, जुम्मन खान, आनंद कुमार, अभय शर्मा, टुनटुन सिंह, नीतिश कुमार, अमित यादव,सिराज अहमद, नागेंद्र कुमार आदि ने संबोधित किया।