श्रम संहिता: SAIL कर्मचारियों का टल सकता है अगला वेतन समझौता, यहां शून्य होगा स्टैंडिंग आर्डर, हड़ताल तय

Strike on Labor Code: SAIL employees' next wage agreement may be postponed, standing order will be nullified here
अखिल भारतीय कन्वेंशन के निर्णय पर भिलाई में संयुक्त ट्रेड यूनियन ने निदेशक प्रभारी को संबोधित हड़ताल नोटिस जीएम आइआर को सौंपा।
  • नए श्रम संहिताओं के अनुसार 300 से कम कर्मियों वाले फैक्ट्री पर श्रम कानून लागू नहीं होगा।
  • भिलाई इस्पात संयंत्र लगभग 40 फैक्ट्रियां हैं।
  • अधिकांश विभाग ऐसे हैं जहां 300 से कम स्थाई कर्मी कार्यरत हैं।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के कर्मचारियों के अगले वेतन समझौते को लेकर बड़ी आशंका जाहिर कर दी गई है। वेतन समझौता अटकने का दावा कर दिया गया है। इस तरह आधे-अधूरे पिछले वेतन समझौते की मार झेल रहे कर्मचारियों के लिए आगे और मुसीबत इंतजार कर रही है।

सेल के भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) की संयुक्त यूनियन के सदस्य सीटू महासचिव जेपी त्रिवेदी का कहना है कि केंद्र में सत्तासीन होने के बाद से ही मौजूदा केंद्र सरकार कामगार वर्ग पर हमलावर है। 2017 में अफॉर्डेबिलिटी क्लाज लागू करके कर्मियों के वेतन समझौता पर चोट किया है, जिसके कारण सेल प्रबंधन द्वारा कर्मियों का 39 महीने का एरियर्स रोक दिया गया है।

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असीमित ग्रेच्युटी को एक तरफ सिलिंग कर दिया गया है। वेतन समझौते की अवधि 5 साल से बढ़ा कर 10 साल कर दिया गया है। ऐसे में इन नए श्रम संहिताओं के लागू होने से 2027 में होने वाले वेतन समझौता पर भी विपरीत असर पड़ेगा। इसीलिए इन श्रम संहिताओं को रोकने के लिए सभी कामगारों को अपने हिस्से की लड़ाई लड़नी होगी।

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18 मार्च को दिल्ली में आयोजित हुए अखिल भारतीय कन्वेंशन में लिए गए निर्णय के तहत भिलाई में संयुक्त ट्रेड यूनियन ने निदेशक प्रभारी को औद्योगिक संबंध विभाग के माध्यम से 20 मई 2025 के लिए एक दिन का हड़ताल का नोटिस दिया।

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संयुक्त यूनियन ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार कामगार वर्ग पर हमला कर रही है। 29 श्रम कानून को खत्म करके चार श्रम संहिताओं को बनाया गया है। इसके लागू होने से कर्मी धीरे-धीरे गुलामी की तरफ चल जाएंगे।

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अपने आप खत्म हो जाएगा स्टैंडिंग आर्डर

नए श्रम संहिताओं के अनुसार 300 से कम कर्मियों वाले फैक्ट्री पर श्रम कानून लागू नहीं होगा। भिलाई इस्पात संयंत्र लगभग 40 फैक्ट्रियां हैं। इनमें से अधिकांश विभाग ऐसे हैं जहां 300 से कम स्थाई कर्मी कार्यरत हैं। ऐसे में उन विभागों में कार्यरत कर्मियों पर श्रम कानून एवं स्थाई आदेश लागू ही नहीं होगा।

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