TAN और PAN में क्या है अंतर, Income Statement में टीडीएस का दावा करें या नहीं

  • टैन उस व्यक्ति को प्राप्त करना होता है जो कर-कटौती के लिए जिम्मेदार हो, यानी, कटौती-कर्ता।

अज़मत अली, भिलाई। कर्मचारी (Employee) हों या व्यापारी (Businessman) TAN और PAN का नाम जुबां पर अक्सर आता है। आखिर पैन और टैन के बीच क्या अंतर है? इसका जवाब लोग तलाशते हैं। इसी तरह एक और अक्सर सवाल पूछा जाता है कि मुझे कटौतीकर्ता से टीडीएस प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं हुआ है, क्या मैं आय विवरणी यानी Income Statement में टीडीएस का दावा कर सकता हूं?

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इन दो सवालों का सही जवाब Income Tax Department से मिला। Suchnaji.com में आप इसके शाब्दिक अर्थ को पढ़ें। पैन (PAN) का अर्थ है परमानेंट एकाउंट नंबर यानी स्थायी खाता संख्या (Permanent Account Number) और टैन (TAN) का अर्थ है टैक्स डिडक्शन एकाउंट नंबर (Tax Deduction Account Number)। इसे कर कटौती खाता संख्या भी बोलते हैं।

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टैन उस व्यक्ति को प्राप्त करना होता है जो कर-कटौती के लिए जिम्मेदार हो, यानी, कटौती-कर्ता। टीडीएस से सम्बंधित सारे दस्तावेजों में और आय-कर विभाग से टीडीएस से सम्बंधित सारे पत्राचार में, उसे अपना टैन नंबर दर्ज करना अनिवार्य होता है।

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टैन (TAN) के लिए पैन (PAN) का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। अत: कटौतीकर्ता को टैन (TAN) प्राप्त करना ही पड़ता है, अगर उसके पास पैन है तब भी। हालांकि, भूमि और भवन धारा 194 के अनुसार की खरीदी पर, कटौतीकर्ता के लिए टैन प्राप्त करना जरूरी नहीं और वह टीडीएस भरने के लिए पैन का इस्तेमाल कर सकता है।

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Income Statement में टीडीएस का दावा पर जवाब

हां आप भी दावा कर सकते हैं। आपके मामले में कर क्रेडिट आपके फॉर्म 26 में परिलक्षित होता है और इसलिए, आप फॉर्म 26कध की जांच कर सकते हैं और तदनुसार कर की क्रेडिट का दावा कर सकते हैं। हालांकि, आपकी आय विवरणी यानी Income Statement में टीडीएस (TDS) का दावा सख्त सही ढंग से फॉर्म 26कध में परिलक्षित टीडीएस क्रेडिट के अनुसार होना चाहिए। यदि वास्तव में की गयी कर-कटौती और फॉर्म 26 कध में परिलक्षित कर-क्रेडिट (Tax Credit) में कोर्इ विसंगति है तो आपको यह बात कटौतीकर्ता को सूचित कर देनी चाहिए और आपस में सामंजस्य बिठाते हुए अंतर को ठीक करना चाहिए। आयकर विभाग द्वारा दिया गया क्रेडिट फॉर्म 26 कध के अनुसार होगा।

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