बैंक धोखाधड़ी केस में पंजाब एंड सिंध बैंक के 2 ब्रांच मैनेजर समेत 7 को 3-3 साल की सजा

7 people including 2 branch managers of Punjab and Sindh Bank sentenced to 3 years each in bank fraud case
सीबीआई ने वर्ष 2000-2002 के दौरान पंजाब एंड सिंध बैंक की सूरत शाखा में धोखाधड़ी करने के आरोपों पर दोषी पाए जाने पर सजा दी।
  • अभियोजन पक्ष के 53 गवाहों की जांच की गई।
  • आरोपों के समर्थन में 243 दस्तावेजों/प्रमाणों पेश।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। सीबीआई कोर्ट (CBI Court) ने बैंक धोखाधड़ी (BANK Fraud) के एक मामले में पंजाब एंड सिंध बैंक, सूरत शाखा के तत्कालीन दो प्रबंधकों और एक अधिकारी, चार अन्य व्यक्तियों सहित सात आरोपियों को 27.5 लाख रुपये के कुल जुर्माने के साथ तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

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सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश, अहमदाबाद ने बैंक धोखाधड़ी के एक मामले में पंजाब एंड सिंध बैंक, सूरत शाखा (गुजरात) के तीनों तत्कालीन प्रबंधकों के.आर. गोयल और राकेश बहल तथा तत्कालीन अधिकारी शिव राम मीना और चार निजी व्यक्तियों मंजीत सिंह बख्शी, मनीष जी. पटेल, पवन कुमार बंसल और संदीप कुमार बंसल को सजा दी है।

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सीबीआई ने वर्ष 2000-2002 के दौरान पंजाब एंड सिंध बैंक की सूरत शाखा में धोखाधड़ी करने के आरोपों पर दोषी आरोपियों सहित आरोपियों के खिलाफ तत्काल मामला दर्ज किया था। बैंक के अधिकारियों ने बैंक के सक्षम प्राधिकारी से कार्योत्तर अनुमोदन प्राप्त नहीं किया।

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जांच के बाद, 31.03.2004 को सीबीआई द्वारा निम्नलिखित आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की आपराधिक साजिश, बैंकरों द्वारा आपराधिक विश्वासघात, खातों में जालसाजी और आपराधिक कदाचार के अपराधों के लिए अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए और सजा सुनाई गई।

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आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया। अदालत ने, सुनवाई के बाद, आरोपियों को दोषी पाया और तदनुसार उन्हें सजा सुनाई। मुकदमे के दौरान, अभियोजन पक्ष के 53 गवाहों की जांच की गई और आरोपियों के खिलाफ आरोपों के समर्थन में 243 दस्तावेजों/प्रमाणों पर भरोसा किया गया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें दोषी ठहराया गया।

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