- रेलों के अनियमित चालन, कभी भी निरस्त किये जाने से आम जनता हलाकान।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कराया अवगत।
- पत्र में लिखा, रेलवे द्वारा पैसेंजर ट्रेनों के यात्रियों से भी एक्सप्रेस ट्रेन का किराया वसूला जा रहा।
सूचनाजी न्यूज, रायपुर। ट्रेनों के अनियमित चालन, कभी भी निरस्त किये जाने और पैसेंजर ट्रेनों के यात्रियों से भी एक्सप्रेस ट्रेन (Express Train) का किराया लिये जाने जैसी दिक्कतों से आम जनता को हो रही परेशानी के संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि रेलवे प्रशासन द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य (Chhattisgarh State) से गुजरने वाली अनेक लम्बी दूरी की ट्रेनों तथा स्थानीय यात्री ट्रेनों को विगत लम्बी अवधि से बिना किसी पूर्व सूचना एवं औचित्य पूर्ण कारण के निरस्त करने की कार्यवाही की जा रही है। शेष ट्रेनों के भी अत्यधिक विलम्ब से चलने के कारण राज्य के लाखों ट्रेन यात्रियों के मन में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
रेलवे प्रशासन (Railway Administration) एवं केन्द्र सरकार से अनेक बार अनुरोध करने के बाद भी हालात में कोई सुधार नहीं हो रहा है। व्यापक जनहित के इस विषय पर केन्द्र सरकार की उदासीनता से जनमानस अत्यधिक उद्वेलित है।
उन्होंने लिखा कि यात्री ट्रेनों के अव्यवस्थित संचालन का मुख्य कारण राज्य के खनिजों की अन्य राज्यों को ले जाने वाली माल गाड़ियों की संख्या में वृद्धि होना तथा परिचालन में उन्हें यात्री ट्रेनों की तुलना में प्राथमिकता दिया जाना है।
यात्रियों के असंतोष का एक अन्य कारण यह भी है कि रेलवे (Railway) द्वारा पैसेंजर ट्रेनों (Passenger Train) के यात्रियों से भी एक्सप्रेस ट्रेन (Express Train) का किराया वसूला जा रहा है। यात्री ट्रेनों के परिचालन में ऐसी अव्यवस्था तथा अराजकता देश के अन्य किसी प्रदेश में नहीं है। प्रदेश के इतने गंभीर मामले का इसने समय से हल नहीं निकलने से राज्य की जनता में आक्रोश एवं असंतोष बढ़ता जा रहा है।
भूपेश बघेल (bhupesh Baghel) ने प्रधानमंत्री (Prime Minister) से अनुरोध किया है कि राज्य की जनता की पीड़ा के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए बिना किसी और विलम्ब के सभी यात्री ट्रेनों का परिचालन पूर्ववत आरंभ करने तथा ट्रेनों की घंटों लेट लतीफी पर रोक लगाने हेतु रेलवे मंत्रालय को आवश्यक निर्देश प्रदान किया जाए, जिससे कि जनता के व्यापक असंतोष एवं आन्दोलन को समाप्त किया जा सके।