- केंद्रीय नेतृत्व ने फीडबैक लिया है। हर प्लांट से यही फीडबैक दिया गया है कि हड़ताल की तारीख घोषित की जाए।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल प्रबंधन (SAIL Management) कर्मचारियों के खाते में बोनस की राशि डाल रही है। बावजूद, राहत नहीं मिलने वाली है। कर्मचारियों का गुस्सा भड़का हुआ है।
इस्को बर्नपुर का एक कर्मचारी इंटक के अध्यक्ष डाक्टर जी.संजीवा रेड्डी से गुहार लगाते हुए रो रहा था कि 23 हजार बोनस मत खाते में डलवाइए। इसे रुकवा दीजिए।
बोनस की रकम से कर्ज अदा करने की तैयारी थी,लेकिन सब बर्बाद हो गया। इस तरह के फीडबैक हर प्लांट से केंद्रीय नेताओं तक पहुंच रहे हैं।
भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) की कर्मचारी एचएमएस, इंटक, सीटू, इस्पात श्रमिक मंच, बीएसपी वर्कर्स यूनियन, स्टील वर्कर्स यूनियन (Steel Workers Union), लोइमू, एटक, एक्टू खासा नाराज है। संयुक्त यूनियन के संयोजक वंश बहादुर सिंह ने कहना है कि हड़ताल की तैयारी चल रही है।
केंद्रीय नेतृत्व ने फीडबैक (Feedback) लिया है। हर प्लांट से यही फीडबैक दिया गया है कि हड़ताल की तारीख घोषित की जाए। जिस तरह से बोनस मीटिंग में पांचों यूनियन एक मंच पर थी, उसी तरह हड़ताल के लिए भी एक मंच पर रहें।
इधर-भिलाई श्रमिक सभा एचएमएस के महासचिव प्रमोद कुमार मिश्र ने कहा कि सेल प्रबंधन द्वारा तानाशाही वाला रवैया अपनाया गया है। एक तरफ आदेश जारी कर वार्षिक बोनस की राशि तय कर दी है।
यह निंदनीय है। यदि प्रबंधन को इसी प्रकार स्वयं निर्णय कर बोनस की राशि तय करनी थी तो बोनस के लिए एनजेसीएस की बैठक बुलाने की आवश्यकता ही नहीं थी।
यदि प्रबंधन को एनजेसीएस फोरम (NJCS Forum) की आवश्यकता नहीं है तो पुरानी व्यवस्था को लागू किया जाना चाहिए, जिसमें यूनिट स्तर पर यूनियन के साथ वार्ता कर बोनस तय किया जाता था। यूनिट स्तर पर बोनस की राशि तय होने पर स्थानीय यूनियन और स्थानीय प्रबंधन की जिम्मेदारी भी तय होगी और कर्मचारियों का सामना सीधे स्थानीय प्रबंधन को करना होगा।
वार्षिक बोनस का कानून कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने और मनोबल बढ़ाने के लिए बनाया गया था। सेल प्रबंधन और केंद्र सरकार दोनों मिलकर कर्मचारियों का शोषण कर रही हैं, इस प्रकार आदेश निकालकर बोनस की राशि तय करना कर्मचारियों का अपमान है।