हे भगवान हमें अपने पास बुला ले, सरकार-EPFO के लिए छोड़ देंगे EPS 95 पेंशन का 1000 रुपए…!

  • बीएसपी से रिटायर एक कर्मी ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा-जिन हाथों से भिलाई स्टील प्लांट आज देश का नंबर 1 स्टील प्लांट है, उसके पूर्व कार्मिकों के साथ ऐसा बर्ताव।

सूचनाजी न्यूज, रायपुर। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organisation) के क्षेत्रीय कार्यालय के बाहर जुटे पेंशनर्स का दुखड़ा सुनते ही आपकी रूह कांप जाएगी। 1000 रुपए में पत्नी-पत्नी का खर्च कैसे पूरा होता है? किसी एक की मृत्यु पर 500 रुपए में पूरा महीना कैसे कटता है? इन तमाम तकलीफों को लेकर ईपीएफओ और सरकार के खिलाफ खासा गुस्सा है।

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रायपुर क्षेत्रीय कार्यालय के बाहर पूर्व कार्मिकों ने कहा सरकार और ईपीएफओ (EPFO) की मंशा अब जग जाहिर होती जा रही है। अब लोगों की यह सोच है कि पेंशनर्स 70-80 साल तक जिंदा क्यों हैं? मर क्यों नहीं गए। जबकि सरकार 60 साल में रिटायर कर देती है। इन कटाक्ष का जवाब देते हुए पेंशनर्स बोले-क्यों कि ऊपर वाला नहीं बुला रहा है। जिस दिन ऊपरवाला बुला लेगा, उस दिन हम भी 1000 हजार रुपए छोड़ देंगे।

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इस दौरान एक सदस्य ने कहा-संसद सदस्य जो आते हैं, उनकी पेंशन के बारे में जरा पता कर लीजिए। वे अपना तो पूरा लाभ ले रहे हैं। जो लोग राष्ट्र निर्माण में योगदान दिए, उन्हें छोड़ दिया गया है।

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बीएसपी से रिटायर एक कर्मी ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा-जिन हाथों से भिलाई स्टील प्लांट आज देश का नंबर 1 स्टील प्लांट है, उसके पूर्व कार्मिकों के साथ ऐसा बर्ताव। 1 हजार रुपए पेंशन पा रहे हैं। 1 हजार रुपए के लिए आज हम लोग दौड़ रहे हैं। ये है सरकार की मंशा। जन प्रतिनिधि जितनी बार जीतते हैं, उतनी पेंशन मिलती है।

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सीटू के उपाध्यक्ष डीवीएस रेड्‌डी ने कहा-मिशन 2024 की तरफ सरकार जा रही है। ईपीएफओ (EPFO) का जवाब भी केंद्र पर निर्भर रहता है। चुनाव तक समय काट रहे हैं, क्योंकि पेंशनर्स नारा दे चुके हैं, जो पेंशन की बात करेगा, वही देश पर राज करेगा। इससे सरकार घबराई हुई है। इसलिए 2024 चुनाव तक आश्वासनों से समय काट रहे हैं।

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यही वजह है कि 31 मई तक का समय बढ़ाया गया है। तब तक नई सरकार बन चुकी होगी। 5 साल तक हम लोगों में से कई लोग स्वर्गीय हो जाएंगे। दीवार पर टंग जाएंगे। डीवीएस रेड्डी ने चेतावनी देते हुए कहा-जो पेंशन की मांग करने आए हैं, वे मामूली लोग नहीं है। देश के निर्माण में इनकी भूमिका है। आज यही अनवांटेड लोग हो गए हैं। सरकार की नजर में इनकी कोई भूमिका नहीं रह गई है।

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सरकार भूले नहीं। विकास का पहिया खड़ा करने वाला यही पेंशनर्स है। पत्नी को 500 रुपए पेंशन देते हैं। 500 रुपए में कैसे जिंदगी कटेगी। ईपीएफओ हर बार यही बोलती है कि दिल्ली से आदेश है। भूख हड़ताल शुरू होने जा रही है। यह अखिल भारतीय स्तर पर आवाज उठ चुकी है। देशभर से लोग दिल्ली में जुटने जा रहे हैं।

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