SAIL Bokaro Steel Plant: चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश, DIC अनिर्बान दासगुप्ता, BP सिंह और अतनु भौमिक ने दिए मंत्र

  • रिफ्रैक्टरीज पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारम्भ।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। बोकारो स्टील प्लांट-बीएसएल (Bokaro Steel Plant – BSL) के मानव संसाधन विकास केंद्र (Human Resource Development Center) में बोकारो स्टील प्लांट (Bokaro Steel Plant) की मेजबानी में दो दिवसीय “नैनो टेक्नोलॉजी और टिकाऊ समाधानों के माध्यम से लौह और इस्पात उद्योग में रिफ्रैक्टरीज़ में प्रगति” विषय पर द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आरईएफआईएस-4.0 का शुभारम्भ हुआ।

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सम्मलेन में अतानु भौमिक, निदेशक-प्रभारी राउरकेला स्टील प्लांट एवं अतिरिक्त प्रभार बोकारो स्टील प्लांट मुख्य अतिथि रहे। बोकारो स्टील प्लांट के अधिशासी निदेशक (संकार्य) बीरेंद्र कुमार तिवारी, महनिदेशक (एफआइआइ) डॉ दीपक जैन एवं डॉ. चाको जैकब, प्रोफेसर  (आइआइटी, खड़गपुर) विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

सम्मलेन में बीएसएल के अधिशासी निदेशक, मुख्य महाप्रबंधक (रिफ्रैक्टरीज) वीपी उपाध्याय सहित अन्य मुख्य महाप्रबंधक एवं अन्य वरीय अधिकारी भी उपस्थित थे।

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सम्मलेन के उद्घाटन सत्र में सेल अध्यक्ष अमरेन्दु प्रकाश, निदेशक-प्रभारी भिलाई स्टील प्लांट अनिर्बान दासगुप्ता तथा निदेशक-प्रभारी दुर्गापुर एवं आईएसपी बर्नपुर बीपी सिंह ने भी प्रतिभागियों को ऑनलाइन मोड पर सम्बोधित किया और रिफ्रैक्टरीज से जुड़े चुनौतियों एवं संभावनाओं पर अपने विचार रखे।

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निदेशक प्रभारी बीएसएल अतानु भौमिक,  अधिशासी निदेशक (संकार्य) बीरेंद्र कुमार तिवारी एवं महनिदेशक (एफआइआइ) डॉ दीपक जैन ने इस्पात उद्योग में रिफ्रैक्टरी की अहमियत और वर्ष 2030 तक देश में इस्पात उत्पादन क्षमता में वृद्धि के साथ-साथ रिफ्रैक्टरी की बढ़ती ज़रूरतों और सम्बंधित पहलुओं पर चर्चा की।

सभी वक्ताओं ने सम्मलेन के सफल आयोजन की शुभकामनाएं भी दी।  डॉ.चाको जैकब ने रिफ्रैक्टरी के क्षेत्र में नैनो टेक्नोलॉजी की संभावनाओं पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया।

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40 तकनीकी पेपर प्रस्तुत होंगे

इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया एवं इंडियन सिरेमिक सोसाइटी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस सम्मलेन में रिफ्रैक्टरी के विशेषज्ञ, रिफ्रैक्टरी निर्माताओं तथा उपयोगकर्ता सहित 350 से अधिक डेलिगेट भाग ले रहें हैं एवं लगभग 40 तकनीकी पेपर प्रस्तुत किये जाएंगे।

उद्घाटन सत्र के उपरान्त अतिथियों ने एक तकनीकी प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया. अपराह्न तकनीकी सत्रों के दौरान रिफ्रैक्टरी से जुड़े तकनीकी आलेखों का प्रस्तुतीकरण किया गया. सम्मलेन 13 अप्रैल को भी जारी रहेगा।

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300 मिलियन टन का लक्ष्य

ज्ञातव्य है कि इस सम्मलेन के दौरान रिफ्रैक्टरी उद्योग से जुड़े विभिन्न चुनौतियों, विशेषकर वर्ष 2030 तक देश में इस्पात उत्पादन क्षमता 300 मिलियन टन के लक्ष्य को हासिल करने के परिप्रेक्ष्य में रिफ्रैक्टरी सेक्टर में देश को आत्म-निर्भर बनाने, इंडस्ट्री-4.0 टेक्नोलोजी के इस्तेमाल द्वारा कम लागत तथा उच्च गुणवत्ता वाले रिफ्रैक्टरी का निर्माण तथा इस्पात एवं रिफ्रैक्टरी उद्योग के परस्पर हितों से सम्बंधित सभी बिन्दुओं पर गहन मंथन कर भविष्य के लिए रोड मैप तैयार किया जाएगा।

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कम लागत तथा उच्च गुणवता

रिफ्रैक्टरी सामग्री का उपयोग इस्पात उद्योग में बड़े पैमाने पर किया जाता है। कम लागत तथा उच्च गुणवता वाले रिफ्रैक्टरी के उपयोग से स्टील उत्पादन के लागत में भी कमी आएगी।

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