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‘BJP से सांसद विजय बघेल ने आखिर किया क्या है SAIL BSP कर्मियों के लिए, क्यों दे वोट…’

‘BJP से सांसद विजय बघेल ने आखिर किया क्या है SAIL BSP कर्मियों के लिए, क्यों दे वोट…’
  • लोकसभा चुनाव को लेकर संयुक्त यूनियन की बैठक संपन्न।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) के संदर्भ में भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) में कार्य करने वाली 6 यूनियनों की बैठक हुई। सर्वसम्मति से यह तय किया गया कि लोकसभा चुनाव में इंडिया मंच के उम्मीदवार एवं कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र साहू को वोट देने के पक्ष में प्रचार करेंगे।

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इस बैठक में आम जनता से अपील किया कि सार्वजनिक उद्योगों को बचाने के लिए भाजपा को हराना एवं इंडिया मंच को जितना की एकमात्र विकल्प है। बैठक में एटक, सीटू, ऐक्टू, स्टील वर्कर्स यूनियन, लोकतांत्रिक इस्पात इंजीनियरिंग एवं मजदूर यूनियन, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा मजदूर कार्यकर्ता समिति के नेता  उपस्थित थे।

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केंद्र सरकार के गाइडलाइन के चलते नहीं मिल रहा है 39 माह का एरियर्स

संयुक्त यूनियन के नेताओं ने कहा कि देश की आजादी के बाद भिलाई इस्पात संयंत्र के निर्माण से लेकर आज तक सेल में 9 वेतन समझौता संपन्न हो चुके हैं। कई बार समझौते के समय संयंत्र घाटे में भी रहा, किंतु कभी भी वेतन समझौता के बाद नए एवं पुराने निर्धारित मूल वेतन एवं महंगाई भत्ते के अंतर को एरियर्स के रूप में नहीं देने के लिए कभी भी पिछली सरकारों ने मजदूर विरोधी कोई गाइडलाइन जारी नहीं किया था।

ना ही गाइडलाइन का हवाला देकर सेल में इस एरियर्स को कभी रोका गया। किंतु पहली बार दसवें वेतन समझौता में मौजूदा केंद्र सरकार ने 22 नवंबर 2017 ऐसा गाइडलाइन जारी किया है, जिसके चलते 39 माह का एरियर्स रुका हुआ है।

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ग्रेच्युटी सीलिंग क्यों हुआ जवाब दो

श्रमिक नेताओं ने कहा-9वें वेतन वेतन समझौता संपन्न होते समय सेल प्रबंधन ने इस बात को कहा था कि सरकार यह सवाल कर रही है कि जब सभी सार्वजनिक उद्योगों में सीलिंग ग्रेच्युटी मिलता है तो फिर सेल में असीमित ग्रेच्युटी क्यों दिया जाता है।

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अर्थात उस समय की नवगठित मौजूदा सरकार सेल में भी ग्रेच्युटी सीलिंग करने के लिए दबाव बना रहा था, जो दसवें वेतन समझौता संपन्न होने के साथ ही एनजेसीएस में कोई चर्चा किए बिना एक तरफ आदेश निकालकर ग्रेच्युटी को सेलिंग कर दिया।

स्टील के स्थाई समिति के सदस्य एवं दुर्ग जिला के सांसद यह जवाब दें कि उन्होंने स्टील के स्थाई समिति में होने के नाते इस सीलिंग को रोकने के लिए कोई उचित कदम क्यों नहीं उठाया। अब किस नाते फिर से संयंत्र के स्थाई एवं अस्थाई कर्मियों का नेतृत्व करने के लिए वोट मांग रहे हैं।

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मजदूर विरोधी चारों श्रम कोड बनते समय क्या किया सांसद महोदय ने

बैठक में इस बात पर भी जोर-शोर से चर्चा हुई कि जब देश के अंदर संसद में 29 श्रम कानून को खत्म कर मजदूर विरोधी कर श्रम कोड बनाए जा रहे थे। पूरे देश के अंदर मजदूर वर्ग जब इसका विरोध कर रहा था, तब मजदूर बहुल क्षेत्र से जीते हुए हमारे दुर्ग के सांसद ने इन मजदूर विरोधी श्रम कोड का समर्थन क्यों किया?

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सार्वजनिक उद्योगों का खात्मा तय

श्रमिक नेताओं ने कहा-जिस तरह से लगातार सार्वजनिक उद्योगों पर गाज गिर रही है। योजना आयोग को खत्म करके नीति आयोग बनाकर सार्वजनिक उद्योगों के खिलाफ जो खेल खेला गया, उससे यह स्पष्ट हो गया है कि इस बार यदि फिर से केंद्र में एनडीए की सरकार बनती है तो देश में सार्वजनिक उद्योगों को लगभग खत्म कर दिया जाएगा।

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इसीलिए जरूरी है कि इस सरकार को बनने से रोकने के लिए उनके सभी नुमाइंदे को लोकसभा क्षेत्र में ही पराजित करना है। इसीलिए संयुक्त यूनियनों ने इंडिया मंच के उम्मीदवार कांग्रेस के प्रत्याशी राजेंद्र साहू को प्रचंड बहुमत से विजय बनाने का अपील किया है।