- व्हीकल्स के पार्ट्स और स्ट्रक्चर के लिए 25 हजार नौ से 38 करोड रूपए की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) सरीखी अनेक स्कीम इस फील्ड के डेवलपमेंट को बूस्ट कर रही है।
- भारी उद्योग मंत्रालय PLI स्कीम के डेमोस्ट्रेशन के रिव्यू। ऑटोमोबाइल सेक्टर वर्ष 2030 तक विश्व का तीसरा बड़ा उत्पादक बन जाएगा।
सूचनाजी न्यूज, रायपुर। तकनीकी विकास के साथ भारत में ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी बड़े काम हो रहे है। यहां हर पखवाड़े किसी न किसी कंपनी का नया मॉडल लॉन्च हो रहा है। अब देश में बड़े लोगों के साथ-साथ मध्यम वर्गीय परिवार के साथ ही निम्न-मध्य लोग भी कारें खरीद रहे है।
इसी का नतीजा है कि भारत अब दुनिया में बड़े कार उत्पादक देशों में शामिल हो रहा है। इस उपलब्धि के साथ ही भारत में ऑटोमोबाइल सेक्टर में रोजगार के कई अवसर बढ़ेंगे। लाखों लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
दरअसल, बीते दिनों भारी उद्योग मंत्रालय PLI स्कीम के डेमोस्ट्रेशन के रिव्यू के लिए एक कॉन्फ्रेंस आयोजित किया गया।
सरकार ने बीते दिनों बताया कि भारत देश का ऑटोमोबाइल सेक्टर वर्ष 2030 तक विश्व का तीसरा बड़ा उत्पादक बन जाएगा। साथ ही इसी दिशा में कदम आगे बढ़ रहे हैं।
गौरतलब है कि व्हीकल्स के पार्ट्स और स्ट्रक्चर के लिए 25 हजार नौ से 38 करोड रूपए की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) सरीखी अनेक स्कीम इस फील्ड के डेवलपमेंट को बूस्ट कर रही है।
नए जॉब क्रिएट होने की भी उम्मीद
ऑटोमोबाइल सेक्टर से जुडे विशेषज्ञों का मानना हैं कि ऑटोमोबाइल सेक्टर के विस्तारित होने से न केवल इंडियन इकोनॉमी को लाभ होगा, बल्कि लाखों लोगों के लिए नए जॉब क्रिएट होने की भी उम्मीद जताई जा रही है। इससे युवाओं को ऑटोमोबाइल सेक्टर में अलग-अलग फील्ड के युवाओं को जॉब मिलेगी।
GDP में ऑटोमोबाइल सेक्टर की भूमिका बढ़कर करीब 7.1 फीसदी
गौरतलब है कि ऑटोमोबाइल सेक्टर देश की अर्थव्यवस्था के लिहाज से एक प्रमुख स्तम्भ में शामिल है। देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में ऑटोमोबाइल सेक्टर की भूमिका बढ़कर करीब 7.1 फीसदी हो चुकी है।
यह साल 1992-93 में 2.77 फीसदी ही था। यह सेक्टर डायरेक्ट और इनडायरेक्ट तौर पर करीब दो करोड से ज्यादा लोगों को जॉब उपलब्ध करवाता है।