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बिजली कटौती और लो-वोल्टेज से Bokaro Steel Plant के कर्मचारियों की उड़ रही नींद, कहीं प्रोडक्शन…

बिजली कटौती और लो-वोल्टेज से Bokaro Steel Plant के कर्मचारियों की उड़ रही नींद, कहीं प्रोडक्शन…
  • कर्मचारियों का कहना है कि बदले में हमें बिजली जैसी बुनियादी सुविधा से भी वंचित किया जा रहा है,ये कैसा प्रबंधन है और कैसे नेता है, जिन्हे प्रचंड गर्मी से परेशान कर्मचारियों की पीड़ा का अनुभव नहीं हो रहा है?

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। बोकारो स्टील प्लांट के कर्मचारी इस वक्त बिजली कटौती से तंग हो चुके हैं। रात में करवटें बदलने को मजबूर हो रहे हैं। बोकारो स्टील सिटी के हर सेक्टर में बिजली की समस्या इतनी अधिक हो गई है कि शब्दों में बता पाना कठिन है। जहां बिजली है, वहां लो वोल्टेज आंख-मिचौली खेलता है। वोल्टेज का उतार-चढ़ाव इतना है कि ढंग से आप न एसी चला पाएंगे, न कूलर…। इस भीषण गर्मी में इससे बड़ी समस्या और क्या होगी?

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इतनी गंभीर समस्यायों का न ही कोई निदान हो रहा है और न ही किसी यूनियन नेता के मुंह से आवाज ही निकल रही है…ऐसा क्यों? कर्मचारी लगातार सवाल उठाते हैं। क्या कंपनी को अपने कमचारियों की तनिक भी चिंता नहीं, जिन्होंने इस भीषण गर्मी में भी अपने खून पसीने बहाकर कंपनी को करोड़ों का लाभ अर्जित करवाया। क्या यही कर्मचारियों की गलती है कि हमने रिकॉर्ड उत्पादन कर कंपनी को आर्थिक लाभ पहुंचाया।

कर्मचारियों का कहना है कि बदले में हमें बिजली जैसी बुनियादी सुविधा से भी वंचित किया जा रहा है,ये कैसा प्रबंधन है और कैसे नेता है, जिन्हे प्रचंड गर्मी से परेशान कर्मचारियों की पीड़ा का अनुभव नहीं हो रहा है? ये सारी समस्याएं सिर्फ अनाधिशासी आवासीय सेक्टरों में ही क्यों है?

कुछ लोग फालतू के तर्क देते हैं कि अनाधिशासी आवासीय सेक्टर की डिजाइन इस प्रकार की नहीं है कि उसमे आप एसी, फ्रिज चला पाएं। इस पर कर्मचारी उल्टे सवाल दाग रहे हैं कि भाई साहब एसी-फ्रिज कोई अपने मन से नहीं चलाता। जलवायु परिवर्तन होने के कारण आज के दिन में एसी,फ्रिज बुनियादी सुविधाएं है।

ऐसे में कंपनी प्रबंधन को चाहिए कि जब वोल्टेज की इतनी समस्या है तो क्यों न पूरे टाउनशिप के घरों में नए सिरे से वायरिंग करा दी जाए, ताकि श्रमिक भी रातों को सुकून की नींद ले पाएं, जिससे की कंपनी का उत्पादक भी बढ़े।

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