केवाईसी भी अपडेट नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण उनको फैमिली पेंशन से भी वंचित होना पड़ रहा है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट का एक अजीम और हैरान करने वाला मामला सामने आया है। रेल एंड स्ट्रक्चरल मिल के कर्मचारी को सात साल पहले ही रिटायर किया जा रहा है। 2030 में रिटायर होने की अवधि है, लेकिन कर्मचारी को इसी माह रिटायर करने की तैयारी कर ली गई है।
भिलाई इस्पात संयंत्र के ठेका श्रमिक प्रकोष्ठ द्वारा एचएसएलटी ठेका श्रमिक भोला राम साहू, जो रेल एंड स्ट्रक्चरल मिल के मिल एरिया में ब्लूम लाइम कोटिंग का कार्य करते हैं, जिसकी आयु स्कूली हस्तांतरण प्रमाण के अनुसार 01/08/70 है। उसे साठ साल का होने में अभी सात साल और बाकी है। नियमानुसार उसे 2030 में सेवानिवृत्त होना चाहिए, लेकिन बीएसपी द्वारा विगत पांच वर्षों से भोला राम साहू को शाला हस्तांतरण का प्रमाण देने के बावजूद भी घुमाया जा रहा है और उसकी आयु में सुधार आज तक नहीं किया गया। इसके कारण उसे जबरन इसी माह सेवानिवृत्त किया जा रहा है।
गौरतलब है कि भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरत एचएसएलटी ठेका श्रमिकों से नामीनेशन फार्म आज से कई वर्षों पूर्व ठेकेदार द्वारा भरवाया गया था, जिसमे अधिकांश श्रमिकों की आयु तथा नाम ,पिता का नाम गलत भर दिया गया था, जिसका खामियाजा ग़रीब ठेका श्रमिकों को आज भी भुगतना पड़ रहा है।
आज से दस वर्ष पूर्व इसी तरह से आयु में सुधार के कुछ प्रकरणों को लेकर पूर्व राज्य मंत्री एंव तत्कालीन विधायक बीडी कुरैशी ने संयंत्र प्रबंधन और क्षेत्रीय श्रम आयुक्त रायपुर पर संयुक्त रूप से श्रमिक हित में शिकायत दर्ज कर दबाव बनाया गया था। उस वक्त लगभग सैकड़ों श्रमिकों की आयु में सुधार वास्तविक आयु संबंधी प्रमाण प्रस्तुत करने पर किया गया।
इसके बाद से बहुत से ऐसे श्रमिक हैं, जिन्होंने आयु संबंधी प्रमाण भी प्रस्तुत किया। लेकिन भिलाई इस्पात संयंत्र के ठेका श्रमिक प्रकोष्ठ ने उन गरीब ठेका श्रमिकों की सुनवाई करना उचित नहीं समझा। इसके फलस्वरूप ही भोला राम साहू को सात वर्ष पूर्व जबरन सेवानिवृत्त किया जा रहा है।
इस तरह के बहुत से प्रकरणों में ठेका श्रमिकों से आइआर विभाग ने केवाईसी अपडेट करने के लिए त्रुटिपूर्ण नामिनेशन के अनुसार ही ठेका श्रमिक को बाध्य कर उनके आधार कार्ड में सुधार करवा लिया है। जबकि आधार कार्ड जैसे भारत सरकार के दस्तावेज में सुधार के बजाय नामीनेशन फार्म में सुधार कर समाधान किया जा सकता था, क्योंकि आधार कार्ड मे नियमानुसार आयु केवल दो बार सुधारी जा सकती है।
इसके बावजूद भी ठेका श्रमिक प्रकोष्ठ ने गरीब ठेका श्रमिकों से जानबूझकर उनके पास जमा नामीनेशन फार्म के अनुसार आधार कार्ड में आयु सुधरवाने को कहा। जबकि श्रमिक कह रहा है और आयु संबंधित प्रमाण पेश कर रहा है कि नामिनेशन फार्म गलत भरा गया है। लेकिन हकीकत जानते और समझते हुए भी विभाग त्रुटिपूर्ण नामिनेशन फार्म को सही करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।
ये खबर भी पढ़ें: SAIL Rourkela Steel Plant में सुरक्षा बोर्ड की बैठक, हादसा रोकने का दिया मंत्र
उल्टे श्रमिकों को मुसीबत में डाल रहा है। आज स्थिति ये है कि बहुत से श्रमिकों के नामिनेशन फार्म में कुछ, आयु संबंधित शाला प्रमाण में कुछ और आधार कार्ड में कुछ है। श्रमिकों को इस तरह से मुसीबत में डाला जा रहा है। उनका केवाईसी भी अपडेट नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण उनको फैमिली पेंशन से भी वंचित होना पड़ रहा है।