- जिला पुलिस और नगर निगम से बातचीत की जा रही है। हादसों को दावत देने वालों को अब भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। एफआइआर तक कराई जाएगी।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई टाउनशिप (Bhilai Township) की सड़कों पर लगातार हादसे हो रहे हैं। हादसों के कारणों में सड़कों को घेरकर ठेला लगाने वाले भी शामिल हैं। ठेका संचालकों का गैंग चल रहा है। मनमानी और दबंगई का आलम यह है कि भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel plant) के बोरिया गेट तक ठेला लगा रहे हैं। सीआइएसएफ के नाक के नीचे ठेले वाले अपनी सल्तनत चला रहे हैं, लेकिन चंद कदमों की दूरी पर सीआइएसएफ जवान तमाशबीन बने रहते हैं।
भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के इंफोर्समेंट डिपार्टमेंट (Enforcement Department) के जीएम केके यादव फिल्मी स्टाइल में खुद बोरिया गेट पर छापेमारी की। अचानक से गाड़ी रुकी और धमाधम अंदर बैठे लोग कूदते हुए दौड़े। यह देख वहां मौजूद ठेले वालों के होश उड़ गए। फिर क्या, देखते ही देखते भगदड़ मच गई।
कई दिनों से समझाइश के बाद भी फलों का ठेला लगाने वाले मानने को तैयार नहीं थे। अक्सर यह देखा जाता है कि बीएसपी की टीम को आते देख ठेला लेकर लोग मौके से नदारद होने का खेल खेलते हैं। चंद मिनटों में दोबारा लौट आते हैं। ड्यूटी टाइम पर ठेलों की संख्या इतनी बढ़ जाती है कि आवागमन तक बाधित होने लगता है। एक्सीडेंट भी होते हैं। कई बार वाहन आपस में टकरा जाते हैं।
तमाम शिकायतों को संज्ञान में लेकर सोमवार शाम करीब साढ़े 5 बजे केके यादव बोरिया गेट पहुंचे। इन्हें देखते ही ठेला संचालकों में भगदड़ मच गई। बीएसएसएनल चौक की तरफ आधा दर्जन से ज्यादा ठेला लेकर लोग भागते दिखे। वहीं, कुछ लोग मैत्रीबाग की तरफ दौड़ते नजर आए। बीएसपी की टीम की दस्तक से ही बोरिया चौक पर सियापा पसर गया। रास्ता खाली हो गया।
वेंडिंग जोन में ठेला लगाने वालों को केके यादव ने मुहब्बत से समझाया कि यह आखिर बार है। बार-बार समझाने के लिए कोई नहीं आएगा। जिला पुलिस और नगर निगम से बातचीत की जा रही है। हादसों को दावत देने वालों को अब भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। एफआइआर तक कराई जाएगी। नुकसान से बचना है तो वेंडिंग जोन के अंदर ही ठेला लगाएं, अन्यथा फारेस्ट एवेंन्यू पर एक भी ठेला लगने नहीं दिया जाएगा।