- 55 प्रकरण का एक साथ निराकरण होगा।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल कर्मचारियों (SAIL Employees) की नजर इस वक्त ग्रेच्युटी विवाद पर टिकी हुई है। मामले की सुनवाई हो रही है। अब इस प्रकरण पर निर्णायक सुनवाई के लिए प्रबंधन तैयार हो गया है। 16 जुलाई को अंतित बहस होगी। सबकुछ सही रहा तो कर्मचारियों के हित में फैसला हो सकता है।
ग्रेच्युटी दावा प्रकरण पर सोमवार की सुनवाई में प्रबंधन की ओर से संतोख सिंह-महाप्रबंधक प्रभारी (विधि) एवं तुषार राय चौधरी, सहायक महाप्रबंधक (कार्मिक- नियम) उपस्थित हुए। ग्रेच्युटी दावा प्रकरण दायर करने वाले सेवानिवृत कर्मियों की ओर से सीटू नेता एसपी डे एवं प्रवीण कालमेघ के अलावा आवेदक रूप सिंह भुआरिया भी स्वयं उपस्थित हुए।
प्रबंधन की ओर से सीटू नेता द्वारा 27 दिसंबर 2023 को प्रस्तुत किए गए प्रत्युत्तर (Rejoin der) का counter reply प्रस्तुत किया गया एवं नियंत्रक अधिकारी से इस प्रकरण के शीघ्र निराकरण का निवेदन किया गया।
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कर्मियों की ओर से प्रस्तुत तर्क
कर्मियों की ओर से एसपी डे ने कहा कि प्रबंधन ने जानबूझकर इस मामले को इतना खींचा है। पहले 6 सुनवाई में तो प्रबंधन के अलग-अलग अधिकारी आते रहे। किंतु दावा आवेदन पर कोई भी उत्तर नहीं दिया। उसके बाद भी किसी न किसी बहाने से जवाब देने में अनावश्यक देरी की।
प्रबंधन द्वारा दावा आवेदन पर दिए गए जवाब का प्रत्युत्तर सीटू द्वारा अगले ही पेशी में दे दिए जाने के पश्चात प्रबंधन ने उसका जवाब देने के लिए 6 महीने और लगा दिए। आज भी प्रबंधन द्वारा Rejoinder का जवाब देते हुए इस्पात मंत्रालय द्वारा 5/1/2021 को जारी परामर्श पत्र का उल्लेख किया गया है, जिसमें उन्होंने अपने अधीनस्थ सभी केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों से ग्रेच्युटी में एकरूपता लाने का आग्रह किया था, किंतु उक्त पत्र की कोई प्रतिलिपि प्रस्तुत नहीं की गई।
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सीटू ने प्रबंधन की मंशा पर उठाए सवाल
सीटू नेता एसपी डे ने ग्रेच्युटी प्रकरण के शीघ्र निराकरण के प्रबंधन के निवेदन की मंशा पर सवाल उठाते हुए, जब इस्पात मंत्री के उक्त पत्र की प्रतिलिपि मांगी तो प्रबंधन की ओर से उपस्थित हुए दोनों अधिकारी असमंजस में पड़ गए और कहने लगे कि इस पत्र का इस प्रकरण से कोई विशेष संबंध नहीं है।
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तब नियंत्रक अधिकारी ने प्रबंधन प्रतिनिधियों से पूछा कि क्या उक्त पत्र का उल्लेख जिस पंक्ति में किया गया है, उसे उनके बयान का हिस्सा न माना जाए। इससे प्रबंधन के दोनों अधिकारी असमंजस में पड़ गए और अंततः यह सहमति बनी कि 16 जुलाई से पहले प्रबंधन उक्त पत्र की प्रतिलिपि आवेदक प्रतिनिधि को उपलब्ध कराएगी ताकि 16 जुलाई को दोनों पक्ष अपना अंतिम तर्क प्रस्तुत कर सके।
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कुल 55 प्रकरणों का एक साथ होगा निराकरण
सुनवाई में नियंत्रक अधिकारी ने इस बात को दोहराया कि पूर्व में बनी सहमति के अनुसार रूप सिंह भुआर्य दावा प्रकरण में वाद प्रश्नों के निराकरण के आधार पर अन्य प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा। अतः दोनों पक्ष इस बात को सुनिश्चित कर लें कि सभी प्रकरणों के वाद प्रश्न एक समान हैं।