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मेडिकल चेकअप के लिए 6 बार नहीं पहुंची, जा सकती है नौकरी।
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बंगला, गाड़ी, गनर, एक्स्ट्रा स्टाफ और तमाम मांगों को लेकर पहले ही हो चुका है ट्रांसफर
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कलेक्टर ने मुख्य सचिव से की शिकायत।
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पुणे के कलेक्टर ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव से शिकायत की थी।
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पूजा का पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया गया।
सूचनाजी न्यूज, मुम्बई। महाराष्ट्र की ट्रेनी IAS पूजा खेडकर के साथ विवाद बढ़ते ही जा रहा है। ताजा विवाद की बात करें तो पूजा पर जाति प्रमाण पत्र में गलत उल्लेख और दिव्यांगता प्रमाण पत्र को लेकर सवाल उठ रहे है। जबकि निजी Audi में लालबत्ती लगाने से लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है।
महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी IAS पूजा खेडकर के साथ विवाद खत्म ही नहीं हो रहा है। पूजा एक बार भी विवादों में फंसती हुई दिख रही है। पूजा के सलेक्शन पर सवाल उठ रहा है। चर्चा है कि अब नौकरी पर भी बात आ चुकी है।
बताया जाता है कि पूजा ने UPSC में दिव्यांगता प्रमाण पत्र लगाकर एग्जाम क्रैक किया था। पूजा ने मानसिक बीमारी और कई तरह की दिव्यांगता का उल्लेख किया था। 2022 बैच की पूजा ने AIR 821वीं रैंक हासिल कर IAS बनी थी।
परीक्षा पास करने के बाद UPSC ने पूजा को दिल्ली एम्स में मेडिकल के लिए छह बार कॉल किया, लेकिन पूजा नहीं गई। 22 अप्रैल 2022 से लेकर 2024 तक उन्हें छह बार मेडिकल चेकअप के लिए अलग-अलग हॉस्पिटल में बुलाया गया, लेकिन कभी कोरोना, तो कभी कुछ और बहाना करके पूजा आने के लिए आनाकानी ही करती रही।
पोस्टिंग पर विवाद बढ़ता ही जा रहा
बताया जाता है कि उन्हें किसी सेंटर से MRI रिपोर्ट मिली थी, जिसके बेस पर वे IAS बन गई थी। इसलिए उनकी पोस्टिंग पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। मगर मेडिकल के लिए बार-बार अनुपस्थित होने पर UPSC उन पर शिकंजा करता हुआ दिख रहा है।
UPSC ने सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल में चुनौती दी थी
UPSC ने सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) में उनकी नियुक्ति को चुनौती दी थी। इसके बाद 23 फरवरी 2023 को उनके खिलाफ फैसला आया। बावजूद पूजा की MRI रिपोर्ट को एक्सेप्ट कर लिया गया, जिसके बेस पर उनकी IAS की पोस्टिंग स्वीकृत हो पाई।
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Cast सर्टिफिकेट का भी विवाद
दिव्यांगता सर्टिफिकेट के अलावा कास्ट सर्टिफिकेट का भी विवाद है। पूजा खेडकर ने OBC में नॉन-क्रीमीलेयर स्टेट का सर्टिफिकेट लगाया था। इसमें उनके स्टेट को लेकर कई पेंच है।
पिता लड़ चुके हैं लोकसभा चुनाव
पूजा के पिता दिलीप खेडकर पूर्व प्रशासनिक अधिकारी है। वे अहमदनगर (महाराष्ट्र) से बहुजन आघाड़ी के टिकट पर 2024 लोकसभा चुनाव लड़ चुके है। उन्होंने चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्ति 40 करोड़ रुपए बताई थी।
पिता की संपत्ति को देखते हुए पूजा खेडकर का नॉन क्रीमीलेयर स्टेटस कई सवालों के घेरे में है। जबकि महाराष्ट्र के कई जगहों में पूजा के नाम अचल संपत्तियां है।
सवाल उठना लाजिमी है
सवाल उठता है कि देश की सबसे बड़ी और प्रतिष्ठित परीक्षा में मानसिक बीमार व्यक्ति कैसे चयनित हो सकता है? शारीरिक दिव्यांग व्यक्ति के लिए अलग कोटा होता है। लेकिन मानसिक दिव्यांग का चयनित होना समझ से परे है। जबकि UPSC में तार्किकता से लेकर सांख्यिकीय, गणितीय, भाषाई और हरेक पहलुओं पर परीक्षण, आंकलन और जांच-पड़ताल की जाती है।
इसके बावजूद भी पूजा खेडकर का चयन होना और फिर उसमें भी सबसे बड़ी पदवी IAS का मिलना तमाम सवालों के दायरे में है। इसमें महाराष्ट्र के कई एक्टिविस्ट राजनीतिक बू का आरोप लगा रहे है।
ट्रेनिंग में कर चुकी है कई मांगें
प्रोबेशन पीरिएड (परिवीक्षा अवधि) में IAS पूजा खेडकर ने कई अधिकारों की मांग कर पहले ही विवाद कर चुकी है। उन्होंने लाल-नीली बत्ती और VIP नंबर वाली Audi का उपयोग किया। उन्होंने अपने निजी Audi में महाराष्ट्र सरकार का बोर्ड लगाया।
इसके अतिरिक्त कार, बंगला, ऑफिसर, एक्स्ट्रा एम्प्लॉयज की मांग पहले ही कर विवाद खड़ा कर चुकी है। बताया जाता है कि पूजा ने एक एडिशनल कलेक्टर की गैर मौजूदगी में उनके चैंबर पर कब्जा जमा लिया था, जिससे विवाद और बढ़ गया।
कलेक्टर ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र
बताया जाता है कि पूजा के पिता और दादा दोनों ही प्रशासनिक अफसर रह चुके है। पूजा के पिता पुणे के कलेक्टर पर बेटी की मांग के अनुरूप सुविधाएं मुहैया कराने दबाव बनाते रहे है।
चर्चा तो यह भी है कि उनके पिता ने कलेक्टर को बात नहीं मानने पर अंजाम भुगतने तक की धमकी दे चुके है। इसके बाद पुणे कलेक्टर ने इस मामले का महाराष्ट्र के मुख्य सचिव से शिकायत की थी, जिसके बाद ही पूजा का पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया गया।
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