- पास की चीजें देखने और पढ़ने लेना पड़ता है चश्मे का सहारा तो ये है आपके काम की खबर।
सूचनाजी न्यूज, रायपुर। चश्मा उतारने में मदद करेगी ये आई ड्रॉप। क्या हैं प्रेसवू आई ड्रॉप्स ? इसके बारे में आज आपका विश्वसनीय न्यूज प्लेटफॉर्म @Suchnaji.com News आपको विस्तार से बताने जा रहा है।
दरअसल, हाल ही में मुंबई (महाराष्ट्र) स्थित एनटोड फॉर्मास्यूटिकल्स (Entod Pharmaceuticals) ने घोषणा की है कि भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने उसके आई ड्रॉप को मंजूरी दे दी है।
यह आई ड्रॉप विशेष रूप से प्रेसबॉयोपिया से प्रभावित व्यक्तियों के लिए पढ़ने के चश्मे पर निर्भरता कम करने के लिए विकसित किया गया हैं।
कंपनी के अनुसार, प्रेसवू आई ड्रॉप भारत में अपनी तरह की पहली ड्रॉप है और एनटोड ने “इसके निर्माण और प्रक्रिया के संदर्भ में इस आविष्कार के लिए पेटेंट के लिए आवेदन किया है’।
-जानिए प्रेसबॉयोपिया क्या है
प्रेसबॉयोपिया एक उम्र से जुड़ी स्थिति है, जिसमें आंखें धीरे-धीरे पास की वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता खो देती हैं।
सामान्यत: लोगों में प्रेसबॉयोपिया की समस्या 40 की उम्र के आसपास शुरू होती है। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए चश्मा सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है। प्रेसवू में सक्रिय घटक के रूप में पिलोकार्पाइन यौगिक हैं, जो शरीर पर प्रभाव डालते हैं।
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एन्टोड फॉर्मास्यूटिकल्स (Entod Pharmaceuticals) के अनुसार यह यौगिक आईरिस मांसपेशियों को सिकोड़ता है, जो पुतली के आकार को नियंत्रित करते हैं।
यह मनुष्यों को चीजों को स्पष्ट रूप से देखने में मदद करते हैं, जिससे किसी की आंखें आसपास की वस्तुओं पर बेहतर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम होती हैं।
ऐसा नहीं है कि प्रेसवू एक नई थैरेपी है क्योंकि आई ड्रॉप में इस्तेमाल होने वाला मुख्य यौगिक पिलोकार्पाइन भारत में दशकों से उपलब्ध है। आपको बता दें कि संयुक्त राज्य अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने 2021 में प्रेसबॉयोपिया के लिए पिलोकार्पाइन आई ड्रॉप को मंजूरी दी थी।
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