BSP वर्कर्स यूनियन की केन्द्रीय इस्पात मंत्री से मुलाकात, कर्मचारी हित और इन अहम विषयों पर हुई चर्चा

सूचनाजी न्यूज, भिलाई।BSP वर्कर्स यूनियन के प्रतिनिधि मंडल ने मंगलवार को सेन्ट्रल स्टील मिनिस्टर एच.डी.कुमारस्वामी से इस्पात भवन में मुलाकात की। इसमें यूनियन के अध्यक्ष उज्ज्वल दत्ता ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर स्टील मिनिस्टर से अपनी मांगें रखी गई।

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इस बैठक में प्रमुख रूप से BSP वर्कर्स यूनियन की ओर से अध्यक्ष उज्ज्वल दत्ता, कार्यकारी महासचिव शिव बहादुर सिंह, मनोज कुमार डडसेना, विमल कांत पांडे, अमित कुमार बर्मन, सुभाष महाराणा, धनंजय गिरी आदि मौजूद रहे।

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-देखिए मांगों का ब्यौरा

01) यूनियन ने सबसे पहले SAIL भिलाई स्टील प्लांट (BSP) कर्मियों के 39 महीने की फिटमेंट एरियर की मांग को पूरा करने और शीघ्र एरियर्स के भुगतान करने की मांग की गई है।

02) BSP कर्मचारियों के 59 माह के पर्क्स के एरियर को शीघ्र भुगतान करने की मांग की गई।

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03) वेतन समझौता एक जनवरी 2017 से लंबित हैं। इस आधे-अधूरे वेतन समझौता को एमओए कर शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए।

04) भिलाई टाउनशिप में मौजूद आवास किसी भी तरह से मेंटेनेंस नहीं किया जा रहा। इसके चलते आवास की हालत खराब होते जा रही है। इसीलिए यूनियन ने मांग की है कि आठ सौ 50 (850) स्क्वायर फीट तक के मकानों को BSP कर्मियों को लाइसेंस पद्धति से सौंप दिया जाएं। इससे इन मकानों का संधारण हो सके और करोड़ों की संपत्ति की रक्षा हो पाएगी।

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05) FSNL का निजीकरण न करें क्योंकि FSNL एक सरकारी संस्था हैं। इसके जरिए BSP में स्क्रैप को एकत्र किया जाता हैं, अगर निजी संस्था द्वारा इस काम को किया गया तो बहुत व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार होगा और भिलाई में अशांति फैलेगी। साथ ही FSNL में कर्मियों का भविष्य भी अधर में रह जाएगा।

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06) भिलाई स्टील प्लांट द्वारा संचालित सेक्टर-9 हॉस्पिटल की हालत दिनों-दिन खराब होते जा रही हैं। चिकित्सकों की कमी के चलते आज यह केवल रेफरल सेंटर बनकर रह गया हैं। निवेदन किया गया कि शीघ्र ही एक्सपर्ट चिकित्सकों की तैनाती की जाए। साथ ही सेक्टर-9 हॉस्पिटल के पुराने गौरव को वापस लौटने का काम किया जाए।

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07) प्लांट के भीतर टेक्निकल स्कील्स रखने वाले कर्मियों की ट्रेनिंग परेड को उनके सेवाकाल में जोड़ दिया गया हैं। लेकिन ऐसे कर्मी आज भी इस सुविधा से वंचित हैं। जिसके पास तकनीकी दक्षता नहीं हैं वे कृपया उनके भी ट्रेनिंग पीरिएड को सेवाकाल में जोड़ा जाए।

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