पेंशनभोगियों को चाहिए 7500 रुपए न्यूनतम पेंशन, EPFO, सीबीटी ट्रस्ट, केंद्र सरकार पर तिलमिलाए

  • ट्रेड यूनियनों के रवैये को लेकर भी पेंशनर्स खासा नाराज।

सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। ईपीएस 95 पेंशन (EPS 95 Pension) को लेकर आंदोलन अब सियासी रूप ले चुका है। केंद्र सरकार (Central Goverment) के खिलाफ पेंशनर्स ने मोर्चा खोल दिया है। पेंशनभोगी CP Tiwari ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा-बड़े आश्चर्य की बात है कि देश की सभी राजनीतिक पार्टियां ईपीएस 95 पेंशनर्स सीनियर सिटीजन के आंदोलन को समर्थन नहीं करती हैं। इसके पीछे क्या कारण है?

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सरकारी कर्मचारियों (Government Employees) के लिए सरकार ने 50 प्रतिशत पेंशन योजना प्रारूप को मंजूरी दे दी, लेकिन प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत या रिटायर्ड श्रमिकों के लिए सरकार ने कुछ भी नहीं करने की मानसिकता बना ली है, जो कि घोर अप्रजातांत्रिक है। ईपीएस 95 पेंशनर्स अपने आधिकारों एवं हक के लिए देश में अलग पड़ गये हैं।

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देश का संसद भी अलग-थलग पड़ गया है। विगत दस वर्षों से हम लोग अपनी लड़ाई क्यों लड़ रहे हैं। संसद भी ध्यान नहीं दे रहा है। देश की कैसी संवैधानिक व्यवस्था है?

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सोशल मीडिया (Social Media) पर सीजी तिवारी के पोस्ट पर Vilas Ramchandra Gogawale ने भी कमेंट किया। लिखा-CP Tiwari बिल्कुल सही हैं। इसके पूरी जिम्मेदार सीबीटी ट्रस्ट है। इस सीबीटी ट्रस्ट में हमारे अलग-अलग मजदूर यूनियन के पांच सदस्य ट्रस्ट पर होते है, उन्होंने ही हमारा पूरा पैसा सरकार ईपीएफओ ( केंद्र सरकार के पास जमा किया), उसे मंजुरी दी। उन्होंने कोई भी विरोध नहीं किया और हमें हमने जमा किए राशि की सिर्फ 1.16 /टक्का पेंशन मिलती है। बाकी सरकार के पास है।

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आज सरकार के पास दस लाख करोड़ रुपया जमा है। 2014 में कोशियारी समिति ने हमें 3000 रुपए पेंशन बढ़ाकर देने की सिफारिश की थी, लेकिन वो भी हिसाब सरकार ने हमें नहीं दिया। वही 3000 रुपये ब्याज के साथ दस साल के हिसाब से हर पेंशनर्स को कम से कम 7500/रुपये +DA मिलना चाहिए।

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