सेल कर्मचारियों को 1 महीने के अर्जित अवकाश नगदीकरण में 20000 तक नुकसान

  • ग्रेच्युटी के मामले में 26 कार्य दिवस का महीना मानकर 1 दिन के वेतन की गणना किया जाता है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सीटू (CITU) ने अर्जित अवकाश नकदीकरण (Earned Leave Encashment) की वर्तमान गणना प्रणाली की ओर प्रबंधन का ध्यान आकर्षित करते हुए मुख्य महाप्रबंधक को पत्र लिखा है। वरिष्ठ प्रबंधक एम प्रसाद के साथ सीटू के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की।

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सीटू नेताओं (CITU Leaders) ने कहा कि वर्तमान गणना प्रणाली के अनुसार अर्जित अवकाश नगदीकरण हेतु अवकाश वेतन की गणना के लिए मासिक वेतन (मूल वेतन +महंगाई भत्ता) को 30 दिन का महीना मानकर 30 से विभाजित किया जाता है, जबकि 26 कार्य दिवस का महीना मानकर मासिक वेतन को 26 से विभाजित कर प्रतिदिन का वेतन निकालना चाहिए एवं कर्मी जितने दिन का अर्जित अवकाश का नगदीकरण करवा रहे हैं, उससे निकाले गए प्रतिदिन का वेतन को गुणा करके प्राप्त राशि का भुगतान करना चाहिए।

सीटू के प्रतिनिधिमंडल में विजय कुमार जांगड़े, अशोक खातरकर, टी जोगा राव, यशवंत कुमार एवं डीवीएस रेड्डी शामिल थे।

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26 दिन का महीना मानकर होता है गणना

सीटू ने कहा कि अर्जित अवकाश गणना के मामले में 26 दिन का माह मानते हुए, मासिक वेतन (मूल वेतन+महंगाई भत्ता) को 26 दिनों से विभाजित कर एक दिन का वेतन की गणना करना उचित है, क्योंकि ग्रेच्युटी के मामले में 26 कार्य दिवस का महीना मानकर 1 दिन के वेतन की गणना किया जाता है। उक्त गणना को सीटू के यूथ ब्रिगेड ने अध्ययन कर प्रस्तुत किया है।

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सिर्फ 26 ईएल भरकर ले सकते हैं एक महीने की छुट्टी

वहीं किसी कर्मी को 30 दिन के अवकाश पर रहने के लिए मात्र 26 दिन का अर्जित अवकाश लेना पड़ता है। अर्थात साप्ताहिक अवकाश के दिन अर्जित अवकाश लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

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इसका तात्पर्य यह है कि 30 दिन के लिए छुट्टी पर रहने से सिर्फ 26 ई एल भरना होता है। साप्ताहिक अवकाश की छुट्टी देने की आवश्यकता नहीं होती है। इसीलिए अर्जित अवकाश नगदीकरण के मामले में भी यही नियम अपनाया जाना चाहिए।

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1 महीने के अर्जित अवकाश नगदीकरण में हो रहा है 6000 से 20000 का नुकसान

सीटू महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी ने कहा कि एक माह का मासिक वेतन को मूल वेतन एवं महंगाई भत्ता अर्जित अवकाश नगदीकरण के रूप में लेने के लिए 30 दिन अर्जित अवकाश को बेचना पड़ता था, जबकि 26 अर्जित अवकाश लेने पर एक मासिक वेतन प्राप्त हो सकता है। अर्थात हर बार नगदीकरण के समय एक मासिक वेतन लेने हेतु चार अतिरिक्त अर्जित अवकाश देना पड़ रहा है जिससे कर्मियों को S1 ग्रेड से लेकर S11 ग्रेड तक ₹6000 से ₹20000 तक का नुकसान हो रहा है।

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