बोनस, एरियर पर सेल के सभी प्लांट-खदान में धरना 8 बजे से, यूनियन बोली-प्रबंधन के झांसे में रास्ता मत बदलना

कल 14 अक्टूबर को मुर्गा चौक होगा एक दिवसीय धरना।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल कर्मचारियों के 39 महीने के एरियर, बोनस फार्मूला परिवर्तन करने, ठेका श्रमिकों को S1 ग्रेड के बराबर वेतन देने इत्यादि विभिन्न मांगों को लेकर कल 14 अक्टूबर को पूरे सेल में एकदिवसीय धरना दिया जाएगा।

भिलाई के मुर्गा चौक पर संयुक्त ट्रेड यूनियन द्वारा भी 14 अक्टूबर सोमवार को एक दिन सुबह 8:00 बजे एक दिवसीय धरना दिया जाएगा। इस धरने में शामिल होने के लिए संयुक्त ट्रेड यूनियन कर्मचारी से अपील कर कर रही है।

भिलाई इस्पात संयंत्र की संयुक्त ट्रेड यूनियन ने कर्मचारियों से अपील करते हुए कहा कि जब भी बोरिया गेट अथवा मेन गेट पर किसी भी यूनियन का कोई धरना प्रदर्शन होता है तो प्रबंधन द्वारा अलग-अलग माध्यम से कर्मियों के बीच संदेश भिजवाता है कि “अमुक चौक पर धरना प्रदर्शन हो रहा है, यदि उस चौक से जाओगे तो जाम में फंस सकते हो।

इसीलिए रास्ता बदल के चले जाओ” और कर्मियों का एक हिस्सा कहीं ना कहीं प्रबंधन के झांसे में आ जाते हैं। अपना रास्ता बदल देते हैं।

ये खबर भी पढ़ें: इंडिया गठबंधन के सहयोगियों का भ्रष्टाचार, ईपीएस 95 पेंशन पर मोदी सरकार लाचार, कौन जिम्मेदार

संयुक्त यूनियन का कहना है कि कर्मियों को प्रबंधन की बात सुनकर अपना रास्ता नहीं बदलना चाहिए, क्योंकि प्रबंधन आंदोलन को कमजोर करने के लिए इस तरह की चालबाजी करता है। इसीलिए संयुक्त यूनियन सभी कर्मियों से अपील करता है कि 14 अक्टूबर को सुबह 8:00 से शाम 6:15 तक मुर्गा चौक में हो रहे एक दिवसीय धरना में अपनी ड्यूटी से छुट्टी लेकर अथवा ड्यूटी के बाद उपस्थिति दर्ज कर आंदोलन को मजबूत करें।

कर्मियों की समस्याओं को प्रबंधन गंभीरता से नहीं ले रहा

संयुक्त यूनियन ने कहा कि कर्मी अपनी समस्याओं को लेकर अलग-अलग यूनियनों के नेतृत्व में अनवरत संघर्षरत रहते हैं। प्रबंधन के साथ समय-समय पर बैठके कर समस्याओं को अवगत कराते हैं किंतु प्रबंधन कर्मियों के इन समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेता।

ये खबर भी पढ़ें: स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड और BHP के बीच बड़ा समझौता, लो-कार्बन स्टील मेकिंग टेक्नोलॉजी पर फोकस

अक्सर प्रबंधन समस्याओं को सुनने के बाद उसे हल करने की दिशा में गंभीर पहल नहीं करता है किंतु उन समस्याओं को लेकर जब मजदूर सड़कों पर उतरता है तो उस आंदोलन को कमजोर करने के लिए प्रबंधन तरह-तरह के तरकीब लगाने लगता है आंदोलन के समय रास्ते को डाइवर्ट करना भी प्रबंधन की इन्हीं तरकीबों का एक हिस्सा है, जिससे कर्मियों को हमेशा बचना चाहिए।

अब कर्मी स्वेच्छा से भाग ले रहे हैं आंदोलन में

5 अक्टूबर के प्रदर्शन मे कर्मी स्वेच्छा से रुक कर यह संदेश दे दिए कि “अब वे स्वेच्छा से आंदोलन में भाग लेने लगे हैं” संयुक्त यूनियन का मानना है कि कर्मी जब मुद्दों को समझने लगते हैं एवं आत्मसात कर लेते हैं वे आंदोलन में भी पूरी ताकत के साथ उतरते हैं।

ये खबर भी पढ़ें: सेल बोनस: बोकारो स्टील प्लांट में कर्मचारियों ने प्रबंधन को ललकारा, 14-15 को धरने के लिए सबको पुकारा

30 जून 2021 का हड़ताल इस बात का प्रमाण है। कर्मी प्रबंधन के मनमानी से नाराज है एवं प्रबंधन द्वारा द्विपक्षीय वार्ता समिति के परिपाटी को ताक पर रखकर एक तरफा निर्णय लेकर थोपे जा रहे फैसला के खिलाफ आर पार की लड़ाई का मन बना चुके हैं, जिसकी झलक इन आंदोलनों में परिलक्षित हो रही है।

ताज़ा ख़बरें

खबरें और भी हैं...

अतिरिक्त ख़बरें