- मोदी सरकार पर आरोप लगाया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर की अवहेलना की गई है।
सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। Eps 95 Pension Latest News Today: ईपीएस 95 पेंशन (EPS 95 Pension) के आंदोलन को आगे बढ़ाने की मुहिम शुरू की जा रही है। लोकसभा चुनाव 2024 में राजनीतिक पार्टियों को सबक सिखाने का दम भरा जा रहा है। सत्ताधारी पार्टी से खासतौर से नाराजगी है।
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पेंशनर्स इतना भड़के हुए हैं कि नोटा के पक्ष में भी जाने को तैयार हैं। पेंशनर्स के मन में क्या चल रहा है, इसकी झलक सोशल मीडिया पर देखने को मिल रही है।
पेंशनर्स के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (Social Media Platform) पर Putra Anjani Sanatani के एक पोस्ट ने हड़कंप मचा दिया है। लिखा-कोई भी ईपीएफओ पेंशनधारी और निजी संस्थानों में कार्यरत कर्मचारी किसी भी पार्टी को वोट न दें। सब मतलबपरस्त हैं। और 10 रुपए, 20 रुपए, 100 रुपए जितना दे सकें दें और उच्च न्यायालय में केस दायर करें। सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर की अवहेलना मोदी सरकार ने की है।
एक अन्य पोस्ट में Putra Anjani Sanatani ने लिखा-ये साबित हो चुका मोदी सरकार मतलब प्रस्त है। सिर्फ वाहवाही लूटने वाली है। सिर्फ नंबरो का खेल खेलती है।
ईपीएफओ पेशनर्स के हक का पैसा कहीं और खर्च कर रहा है। आज के राजनीतिक हालात का फायदा उठाने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस और भाजपा एक ही राह पर है।
पीएम मोदी को EPS 95 पेंशन से नफरत क्यों है?
पेंशनर्स सीपी तिवारी सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं। उन्होंने लिखा-हम EPS95 पेंशनभोगी नहीं जानते कि पीएम मोदी को EPS 95 पेंशन से नफरत क्यों है? जबकि हमारी मांग कानूनी है और वंचित वर्ग के पीड़ित श्रमिक वर्ग की कानूनी मांग है।
वहीं, ईपीएफओ की तरफ से अंदर की बात यह सामने आती रही है कि पेंशन मद में आर्थिक भार पड़ने की वजह से सरकार को फैसला लेने में दिक्कत हो रही है। अर्थव्यवस्था पर इसका असर पड़ जाएगा।
एनएसी नेताओं पर भी सवाल उठा
पेंशनर्स कृष्णपद बनर्जी ने लिखा-भाजपा आंदोलन की शुरुआत से ही एनएसी नेताओं को बेवकूफ बना रही है। एनएसी नेता या तो नौसिखिया हैं या वे वास्तव में भाजपा के समर्थक हैं और वे हम सभी को बेवकूफ बना रहे हैं। उनसे कोई उम्मीद करना बेकार है।
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