- -केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मेधावी विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी दी।
- -एक मिशन मोड वाला तंत्र देश के शीर्ष 860 गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पाने वाले मेधावी को फायदा।
- -विद्यार्थियों को शिक्षा ऋण प्रदान करना सुविधाजनक व सहज बनाएगा और हर वर्ष 22 लाख से अधिक विद्यार्थियों को कवर करेगा
- -एक विशेष ऋण उत्पाद गिरवी मुक्त एवं गारंटर मुक्त शिक्षा ऋण को संभव बनाएगा।
- -इसे एक सरल, पारदर्शी, विद्यार्थियों के अनुकूल और पूरी तरह से डिजिटल आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से सुलभ बनाया गया है
- -कुल 7.5 लाख रुपये तक की ऋण राशि पर भारत सरकार द्वारा 75 प्रतिशत क्रेडिट गारंटी प्रदान की जाएगी, ताकि बैंकों को कवरेज बढ़ाने में सहायता मिल सके।
- -यह 4.5 लाख रुपये तक की वार्षिक पारिवारिक आय वाले विद्यार्थियों को पहले से दी गई पूर्ण ब्याज छूट के अतिरिक्त है
- -पीएम विद्यालक्ष्मी युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा को अधिकतम सुलभ बनाने हेतु पिछले दशक में की गई विभिन्न पहलों के दायरे एवं सुलभता को आगे बढ़ाएगी।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने केन्द्रीय क्षेत्र की एक नई योजना पीएम विद्यालक्ष्मी (New Scheme PM Vidyalakshmi) को मंजूरी दे दी है। इस नई योजना का उद्देश्य मेधावी विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि वित्तीय बाधाएं किसी को भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने से न रोकें।
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पीएम विद्यालक्ष्मी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 से निकली एक और महत्वपूर्ण पहल है, जिसने यह सिफारिश की थी कि सार्वजनिक और निजी, दोनों प्रकार के उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) में विभिन्न उपायों के माध्यम से मेधावी विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
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पीएम विद्यालक्ष्मी योजना (PM Vidyalakshmi Scheme) के तहत, गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा संस्थान (क्यूएचईआई) में प्रवेश लेने वाला कोई भी विद्यार्थी ट्यूशन फीस की पूरी राशि और पाठ्यक्रम से संबंधित अन्य खर्चों को कवर करने हेतु बैंकों और वित्तीय संस्थानों से गिरवी मुक्त एवं गारंटर मुक्त ऋण प्राप्त करने का पात्र होगा। यह योजना एक सरल, पारदर्शी एवं विद्यार्थियों के अनुकूल प्रणाली के माध्यम से संचालित की जाएगी, जो अंतर- संचालनीय और पूरी तरह से डिजिटल होगी।
शीर्ष गुणवत्ता वाले उच्च शिक्षण संस्थानों में लागू
यह योजना एनआईआरएफ रैंकिंग (NIRF Ranking) द्वारा निर्धारित देश के शीर्ष गुणवत्ता वाले उच्च शिक्षण संस्थानों में लागू होगी। इस योजना में एनआईआरएफ के समग्र, श्रेणी-विशिष्ट और डोमेन -विशिष्ट रैंकिंग में शीर्ष 100 में स्थान रखने वाले सभी एचईआई, सरकारी एवं निजी, शामिल हैं।
एनआईआरएफ रैंकिंग (NIRF Ranking) में 101-200 में स्थान रखने वाले राज्य सरकार के उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) और केन्द्र सरकार द्वारा प्रशासित सभी संस्थानों को इसमें शामिल किया गया है।
22 लाख से अधिक विद्यार्थी शामिल होंगे
इस सूची को एनआईआरएफ (NIRF) के नवीनतम रैंकिंग का उपयोग करके हर वर्ष अद्यतन किया जाएगा और शुरुआत 860 योग्य क्यूएचईआई से होगी, जिसमें 22 लाख से अधिक विद्यार्थी शामिल होंगे जो अपनी इच्छानुसार संभावित रूप से पीएम-विद्यालक्ष्मी का लाभ उठा सकेंगे।
75 प्रतिशत की क्रेडिट गारंटी
कुल 7.5 लाख रुपये तक की ऋण राशि के लिए, विद्यार्थी बकाया डिफॉल्ट के 75 प्रतिशत की क्रेडिट गारंटी के भी पात्र होंगे। इससे बैंकों को इस योजना के तहत विद्यार्थियों को शिक्षा ऋण उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी।
10 लाख रुपये तक के ऋण
उपरोक्त सुविधाओं के अलावा, जिन विद्यार्थियों की वार्षिक पारिवारिक आय 8 लाख रुपये तक है और वे किसी अन्य सरकारी छात्रवृत्ति या ब्याज छूट योजनाओं के तहत लाभ के पात्र नहीं हैं, उन्हें 10 लाख रुपये तक के ऋण पर अधिस्थगन अवधि के दौरान 3 प्रतिशत की ब्याज छूट भी प्रदान की जाएगी।
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छूट का लाभ मिलने की उम्मीद
हर वर्ष एक लाख विद्यार्थियों को ब्याज छूट सहायता दी जाएगी। उन विद्यार्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी जो सरकारी संस्थानों में अध्ययनरत हैं और जिन्होंने तकनीकी/व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का विकल्प चुना है। वर्ष 2024-25 से 2030-31 के दौरान 3,600 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रावधान किया गया है और इस अवधि के दौरान 7 लाख नए छात्रों को इस ब्याज छूट का लाभ मिलने की उम्मीद है।
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एकीकृत पोर्टल “पीएम-विद्यालक्ष्मी”
उच्च शिक्षा विभाग के पास एक एकीकृत पोर्टल “पीएम-विद्यालक्ष्मी” उपलब्ध होगा, जिस पर विद्यार्थी सभी बैंकों द्वारा उपयोग की जाने वाली सरलीकृत आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षा ऋण के साथ-साथ ब्याज छूट के लिए आवेदन कर सकेंगे। ब्याज छूट का भुगतान ई-वाउचर और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) वॉलेट के माध्यम से किया जाएगा।
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क्रेडिट गारंटी फंड योजना
पीएम विद्यालक्ष्मी (PM Vidhya Lakshmi) देश के युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा को अधिकतम सुलभ बनाने हेतु शिक्षा एवं वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में पिछले एक दशक में भारत सरकार द्वारा की गई विभिन पहलों के दायरे एवं सुलभता को आगे बढ़ाएगी। यह योजना उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही पीएम-यूएसपी की दो घटक योजनाओं, केन्द्रीय क्षेत्र ब्याज सब्सिडी (सीएसआईएस) और शिक्षा ऋण के लिए क्रेडिट गारंटी फंड योजना (सीजीएफएसईएल) की पूरक होगी।
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तकनीकी/व्यावसायिक पाठ्यक्रम में अध्ययन
पीएम-यूएसपी सीएसआईएस (PM-USP CSIS) के तहत, 4.5 लाख रुपये तक की वार्षिक पारिवारिक आय वाले और स्वीकृत संस्थानों में तकनीकी/व्यावसायिक पाठ्यक्रम में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को 10 लाख रुपये तक के शिक्षा ऋण के लिए अधिस्थगन अवधि के दौरान पूर्ण ब्याज छूट मिलती है।
इस प्रकार, पीएम विद्यालक्ष्मी और पीएम-यूएसपी मिलकर सभी योग्य विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण एचईआई में उच्च शिक्षा और स्वीकृत एचईआई में तकनीकी/व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए समग्र सहायता प्रदान करेंगी।