10 महीने में 30 से ज्यादा हत्याएं दुर्ग जिले में, कानून व्यवस्था चौपट, मंत्री को भेजा ये पत्र

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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की दुर्ग जिला सांगठनिक समिति ने थाना प्रभारी, कोतवाली के जरिए गृहमंत्री को भेजा मांग पत्र।

माकपा ने गृह मंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन। दुर्ग जिले में पिछले 10 महीनों में 30 से ज्यादा लोगों की हत्याएं हुई है।

नशाखोरी, अंधविश्वास, विधिक नियमों का उल्लंघन कर आयोजित होने वाले सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लगाया जाए।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। बढ़ते अपराध एवं बिगड़ती कानून व्यवस्था को रोकने हेतु पूरी स्थिति की समीक्षा कर आवश्यक कदम उठाए जाने की मांग की गई है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की दुर्ग जिला सांगठनिक समिति ने थाना प्रभारी, कोतवाली भिलाई नगर के माध्यम से छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा के नाम ज्ञापन सौंपा।

कानून व्यवस्था की समीक्षा की मांग

पूरे छत्तीसगढ़ में सामान्य तौर पर तथा दुर्ग जिले में विशेष रूप से अपराधों की बढ़ती घटनाएं एवं बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर हर नागरिक चिंतित है। दुर्ग जिले में पिछले 10 महीनों में 30 से ज्यादा लोगों की हत्याएं हुई है। हत्या के कारणों में नशाखोरी, क्षणिक आवेश, अवैध वसूली, अंधविश्वास (टोनही होने का शक) आदि शामिल हैं।

हत्या के अलावा सरेआम लूट, चोरी, अवैध वसूली, सार्वजनिक स्थलों पर नशाखोरी, छेड़खानी, परिवहन नियमों के उल्लंघन से बढ़ती सड़क दुर्घटनाएं, आवारा पशुओं से होने वाली दुर्घटनाओं आदि से कानून व्यवस्था में गिरावट आई है।

समीक्षा हेतु माकपा द्वारा सुझाए गए बिंदु

1) विगत वर्षों में जनसंख्या में हुई वृद्धि के अनुपात में आवश्यक पुलिस बल की समीक्षा कर तदनुसार भर्ती की जाए।
2. पुलिस प्रशासन को प्रभावी बनाए रखने हेतु आवश्यक आधुनिक निगरानी प्रणाली, अभिलेख प्रणाली, एवं अन्य आधुनिक उपकरणों की आवश्यकता की समीक्षा कर उसकी आपूर्ति की जाए एवं आपूर्ति किए गए सभी संसाधनों की उचित अनुरक्षण सुनिश्चित की जाए।
3. प्रशासन में आवश्यक मानव संसाधन एवं अन्य जरूरी संसाधनों की आवश्यकता की समीक्षा कर, उसे उपलब्ध कराने हेतु विशेष पहल की जाए।
4). नशाखोरी, अंधविश्वास, विधिक नियमों का उल्लंघन कर आयोजित की जाने वाले सार्वजनिक कार्यक्रमों को रोकने हेतु, विभिन्न राजनीतिक दलों, जन संगठनों (ट्रेड यूनियन, किसान संगठन, आदिवासी संगठन छात्र संगठन युवा संगठन) से सुझाव आमंत्रित कर आवश्यक कदम उठाए जाएं।