EPS 95 Higher Pension Movement: सरकार, EPFO और कोर्ट का चक्कर, “लगे रहो मुन्ना भाई”

EPS 95 Higher Pension Movement: Government, EPFO and Court, "Lage Raho Munna Bhai"
कोर्ट का सहारा तो EPFO को उन तमाम 735 लंबित प्रकरणों का रहेगा ही,जिसमें वो सभी को SC और HC में लटकाए रख सकती है।
  • कितनी बार पेंशनर्स कोर्ट जाएंगे। कितनी बार सड़कों में उतरेंगे। एक दिन थक हार कर सभी हार जाएंगे।

सूचनाजी न्यूज, रायपुर। ईपीएस 95 हायर पेंशन (EPS 95 Higher Pension) विवाद ने पेंशनभोगियों को रुला दिया है। सारी उम्र देश सेवा में बिताने के बाद जब उच्च पेंशन की बारी आई तो ढेरों अड़चनें पैदा होती जा रही है। कोर्ट-कचहरी का चक्कर लगाना पड़ रहा है। ईपीएस 95 राष्ट्रीय पेंशन संघर्ष समिति रायपुर (EPS 95 Rashtriya Pension Sangharsh Samiti Raipur) के अध्यक्ष Anil Kumar Namdeo ने EPS 95 पेंशन (EPS 95 Pension) का जिक्र करते हुए अहम ब्रह्मांड पर टिप्पणी की है।

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उन्होंने कहा-देश के सभी सेवानिवृत बंधु भलीभांति जानते हैं कि EPFO और भारत सरकार इस मामले में अपनी आखिरी सांस सर्वोच्च न्यायालय में REVISION /SLP की ventileter के सहारे ले रही है। देखने की बात तो ये होगी कि खुदा न खस्ता उनकी वहाँ पर शिकस्त होती है,तो क्या हम में इतना दम होगा की उसका अनुपालन करा सकें।

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कोर्ट का सहारा तो EPFO को उन तमाम 735 pending प्रकरणों का रहेगा ही,जिसमें वो अपने कानूनी अधिकार का हवाला देते हुए सभी को SC और HC में लटकाए रख सकती है। कितनी बार पेंशनर्स कोर्ट जाएंगे। कितनी बार सड़कों में उतरेंगे। एक दिन थक हार कर सभी हार जाएंगे। बहुत से महाप्रयाण कर जाएंगे।

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शायद यही पालिसी पर अमल किया जा रहा हो,कौन जाने? हमारी अनेक मजबूरियों में से सबसे बड़ी मजबूरी सभी में एकता न होने की भी है। सामने वाले के लिए तो और क्या चाहिए। उसकी तो पांचों उंगली घी में है और सर कढ़ाई में। अब आप ही बताओ कि इस जन्म में आपकी मांग किस प्रकार पूरी ही सकती हैं।

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समस्या तो बहुत है, पर इसके समाधान की राह कोई बताता ही नहीं। सभी की सोच अभी यही देखने को मिल रही है कि “सब्र का फल मीठा होता है। अच्छा-अच्छा सोचो, अच्छा ही होगा/Think positive…। अगर यही आम रास्ता बचा है ,तो कोई क्या कहे। लोग तो अब मजाक में कहने लगे है “लगे रहो मुन्नाभाई”

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