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BSP अधिकारी की पत्नी सावित्री जंघेल ने प्राप्त की डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी की उपाधि

BSP अधिकारी की पत्नी सावित्री जंघेल ने प्राप्त की डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी की उपाधि
  • शोधकर्ता डॉ सावित्री जंघेल, आर्यावर्त शिक्षा महाविद्यालय रूआबंधा, भिलाई नगर, दुर्ग (छ.ग.) में शिक्षा संकाय की सहायक प्राध्यापक हैं।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel plant) के कनिष्ठ अधिकारी (आरसीएल) चैन दास जंघेल की पत्नी सावित्री जंघेल ने डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) (Doctorate of Philosophy (PhD)) की उपाधि प्राप्त की है। शोध निर्देशक डॉ बनिता सिन्हा, विभागाध्यक्ष (शिक्षा संकाय, कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय, भिलाई नगर, दुर्ग) के मार्गदर्शन में रिसर्च किया है। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग से डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) (Doctorate of Philosophy (PhD)) की उपाधि प्राप्त करने पर बधाइयों का दौर जारी है।

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शोधकर्ता डॉ सावित्री जंघेल, आर्यावर्त शिक्षा महाविद्यालय रूआबंधा, भिलाई नगर, दुर्ग (छ.ग.) में शिक्षा संकाय की सहायक प्राध्यापक हैं। डॉ सावित्री जंघेल ने “योगाभ्यास का शिक्षकों की रक्षा युक्ति एवं कक्षाकक्ष व्यवहार पर प्रभाव का अध्ययन” विषय पर शोध कार्य किया।

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शोध कार्य के लिए, छत्तीसगढ राज्य के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ विकासखंड (Dongargarh Block) और खैरागढ़ विकासखंड (Khairagarh Block) के प्राथमिक विद्यालय के 120 शिक्षकों को लिया गया था। प्राथमिक स्तर के शिक्षकों को तीन महीने तक योगाभ्यास में आसन, प्राणायाम, ध्यान का अभ्यास कराया गया। शोध कार्य से यह निष्कर्ष प्राप्त हुआ कि योगाभ्यास करने से शिक्षक शारीरिक और मानसिक रूप से सुदृढ़ होता है।

वह वास्तविक स्थितियों का सामना करने के लिए मजबूत बनता है और वह वास्तविकता से पलायन करने वाली रक्षा युक्ति का कम उपयोग करता है।

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