
- बीएसपी – बीएसएल में हुए प्रत्येक प्राणघातक दुर्घटना को सभी अधिकारियों के एसीआर से जोड़ा जाए।
- दुर्घटना वाले विभाग, विभाग के अधिकारी तथा सुरक्षा से जुड़े अधिकारी समूह के वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) में प्रत्येक प्राणघातक दुर्घटना का जिक्र किया जाए।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। बोकारो व बीएसपी अनाधिशासी कर्मचारी संघ ने सेल चेयरमैन को पत्र लिखकर भिलाई-बोकारो इस्पात संयंत्र (Bhilai-Bokaro Steel Plant) में हुई सभी प्राणघातक दुर्घटना की स्वतंत्र जाँच कराने की मांग की है। साथ ही साथ दुर्घटना का जिक्र सभी वरिष्ठ अधिकारियों के वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में करने की मांग किया है।
यूनियन ने अपने पत्र में लिखा है कि बोकारो व भिलाई इस्पात संयंत्र में लगातार औद्योगिक दुर्घटना, सड़क दुर्घटना तथा अन्य दुर्घटनाएँ हो रही है। जिसके कारण कई कार्मिकों, ठेका कार्मिकों को जान से हाथ धोना पड़ रहा है। अथवा शारिरिक अपंगता का शिकार होना पर रहा है। औद्योगिक दुर्घटनाओं को रोकने के लिए संबंधित विभाग तथा उससे जुड़े पदाधिकारियों की जिम्मेदारी तय करना समय की माँग है।
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इसके तहत दुर्घटना वाले विभाग, विभाग के अधिकारी तथा सुरक्षा से जुड़े अधिकारी समूह के वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) में प्रत्येक प्राणघातक दुर्घटना का जिक्र किया जाए। साथ ही प्रत्येक दुर्घटना के बाद संयंत्र से बाहर की स्वतंत्र जाँच टीम का सहयोग लिया जाए, जिसमे कम से कम आधे सदस्य सेल से बाहर के हो।
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बोकारो अनाधिशासी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष हरिओम ने कहा-स्वतंत्र जाँच टीम की रिपोर्ट को अक्षरशः लागू किया जाए। साथ ही जिम्मेदार पदाधिकारियों को दंडित भी किया जाए। यूनियन का मानना है कि जब संयंत्र के उत्पादन या अन्य क्षेत्रों में रिकॉर्ड बनने पर संबंधित विभागों तथा पदाधिकारियों को पुरस्कृत किया जाता है। उनके वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में बेहतर ग्रेडिंग दी जाती है तो दुर्घटना का जिम्मेदार भी उन्हें माना जाए।
साथ ही दुर्घटना की रिपोर्ट छुपाने की जगह आम कर्मचारियों के साथ साझा करने की भी माँग यूनियन ने किया है। इससे आम कर्मचारियों में दुर्घटना रोकने हेतु जागरुकता आएगी।
मरने वाले पशु नहीं, आदमी थे
कार्मिकों की मौत के बाद मुआवजा तथा आश्रितों को नौकरी देने की प्रथा के आगे हम सभी को सोचना होगा। मरने वाले पशु नहीं, आदमी थे। इस सोच को आगे लाना होगा। औद्योगिक दुर्घटना के कारण प्रशिक्षित श्रम शक्ति को लगातार खोना, व्यवस्था में खामी को प्रदर्शित कर रहा है। एक प्रशिक्षित श्रम शक्ति के खोने से कारखाना को तो हानि होती ही है, वरन देश परिवार, समाज को भी हानि होती है।
नवीन मिश्रा,
कोषाध्यक्ष, बीएकेएस भिलाई
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