
कोश्यारी समिति की रिपोर्ट को ही लागू कराने के लिए प्रयास करते तो पेंशनभोगियों को न्याय मिलता।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। कर्मचारी पेंशन योजना 1995: ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन 7500 रुपए की मांग हो रही है। सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप है। पेंशनभोगी ईपीएफओ और मोदी सरकार पर गुस्सा उतार रहे हैं।
पेंशनभोगी वीरेंद्र कश्यप का कहना है कि 10 साल से मायूसी हाथ लगी है। ईपीएस 95 पेंशनर ने 7500 रुपए न्यूनतम पेंशन, डीए, मेडिकल की मांग किया है, तो बीएमएस ने महज 5000 की मांग कर दी। यूनियन का पता था कि 7500 रुपए की मांग हो रही है, फिर बीच में इस तरह घुसने का क्या मतलब है।
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कम से कम बुजुर्गों प्रति नजरिया रखते। कोश्यारी समिति की रिपोर्ट को ही लागू कराने के लिए प्रयास करते तो पेंशनभोगियों को न्याय मिलता। 5000 रुपए की डिमांड सरकार से कर रहे हैं। बुजुर्ग ईपीएस 95 के हिमायती के बजाय नुकसान पहुंचाने का दांव खेला गया है।
पेंशनर सतीश मिश्रा ने कहा-यह राशि भी इस कर्मचारी विरोधी सरकार द्वारा स्वीकृत नहीं की जाएगी। सुरेश सहस्रभोजनी ने कहा-हमारी मांग है 7500+डीए और चिकित्सा भत्ता। 5000 रुपए नहीं। बीएमएस कम क्यों चाहता है? एनएसी जिंदाबाद…।
हीरा लाल शर्मा ने कहा-कोरोना से पहले 9500, फिर मंहगाई और डॉलर औंधे हुए? तो 7500+डीए+चिकित्सा, अब 5000 में क्यों? Mukund Pingale ने कहा-ये बीजेपी की ही ब्रांच है। ये और क्या कर सकती है। इसने कभी कर्मचारियों के हित में काम ही नहीं किया है। पेंशनर्स और उनका कोई संबंध नहीं, फिर भी टांग अड़ा रहे हैं। उनको लगता है सरकार अपनी है अपनी ही सुनेंगे।
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