बोकारो इस्पात संयंत्र हिंसा से प्रोडक्शन में करोड़ों का घाटा, राष्ट्र का भी नुकसान, बीएसएल का बड़ा बयान

Bokaro Steel Plant violence has caused loss of crores in production, loss to the nation as well, BSL statement
  • घटित आंदोलन के कारण कंपनी को उत्पादन में भारी नुकसान उठाना पड़ा, जिससे करोड़ों का आर्थिक घाटा हुआ है, जो राष्ट्र की भी क्षति है।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। बोकारो हिंसा पर प्रबंधन ने बड़ा बयान जारी किया है। कंपनी और राष्ट्रहित पर खुलकर अपना पक्ष रखा है। हिंसा के चलते कंपनी को हुए करोड़ों के नुकसान पर दुख व्यक्त किया है। इसे राष्ट्र का नुकसान बताया।
बोकारो इस्पात संयंत्र (Bokaro Steel Plant), लोक उपक्रम के क्षेत्र में भारत का चौथा एकीकृत इस्पात संयंत्र है, जिसे देश के प्रथम स्वदेशी इस्पात संयंत्र होने का गौरव प्राप्त है।

इसका निर्माण अधिकतम स्वदेशी उपकरणों, सामग्री और तकनीकी विशेषज्ञता के साथ किया गया था। वर्ष 1964 में जब इस संयंत्र की नींव रखी गई, तब से ही इसने न केवल औद्योगिक क्षेत्र में, बल्कि सामाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में भी एक नई शुरुआत की।

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इस संयंत्र की स्थापना से पूर्व यह क्षेत्र मुख्यतःवनाच्छादित एवं कृषि-आधारित ग्रामीण बस्तियों से युक्त था, जहाँ की अधिकांश जनसंख्या कृषि एवं पारंपरिक आजीविका पर निर्भर थी. लौह अयस्क, कोयला एवं अन्य खनिज संसाधनों की प्रचुरता, तथा सामरिक दृष्टिकोण से इसकी अनुकूल भौगोलिक स्थिति के कारण इस क्षेत्र का चयन एकीकृत इस्पात संयंत्र की स्थापना हेतु किया गया।

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बोकारो इस्पात संयंत्र (Bokaro Steel Plant) की स्थापना ने न केवल इस क्षेत्र में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और आधारभूत संरचनाओं का अभूतपूर्व विकास सुनिश्चित किया, बल्कि परिधीय क्षेत्रों के समग्र उत्थान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिससे स्थानीय निवासियों को भी राष्ट्र की विकास यात्रा में सक्रिय भागीदारी का अवसर प्राप्त हुआ।

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आज, बोकारो इस्पात संयंत्र (Bokaro Steel Plant) विभिन्न ग्रेड के फ्लैट स्टील उत्पादों का निर्माण करता है, जिनका उपयोग भारतीय रक्षा क्षेत्र, भारतीय रेलवे, ऑटोमोबाइल उद्योग, ड्रम निर्माण, एलपीजी सिलेंडर सेक्टर और कंस्ट्रक्शन आदि जैसे अनेक महत्वपूर्ण क्षेत्रों में होता है। उत्पाद न केवल देशभर में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी उत्कृष्टता के लिए पहचाने जाते हैं-जो हम सभी के लिए गर्व का विषय है।

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एक सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई के रूप में, बोकारो इस्पात संयंत्र प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को आजीविका प्रदान करता है तथा राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह केवल एक उद्योग नहीं, बल्कि एक सामाजिक उत्तरदायित्व है, जिसने लाखों परिवारों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है।

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यह संयंत्र भारत सरकार की नीतियों के अंतर्गत संचालित होता है और देश की जनता के प्रति जवाबदेह है। यह हम सभी का कर्तव्य है कि हम इस संयंत्र को राष्ट्र संपत्ति के रूप में देखें और इसकी सुरक्षा व उन्नति में अपना सक्रिय योगदान दें। इस संयंत्र ने अब तक अनगिनत कर्मचारियों और उनके परिवारों के साथ – साथ यहाँ निवास कर रहे लाखों लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में अपनी भूमिका निभाई है, और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी यह सतत अवसरों का द्वार बना रहेगा.

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समय-समय पर कुछ चुनौतियाँ और असंतोष सामने आ सकते हैं, किन्तु बोकारो इस्पात संयंत्र (Bokaro Steel Plant) संवाद से समाधान की समृद्ध परंपरा से जुड़ा रहा है। संयंत्र के उत्पादन एवं संचालन में किसी भी प्रकार का व्यवधान,न केवल संस्था के लिए बल्कि इससे जुड़े समस्त समुदाय के लिए नुकसानदेह होता है।

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हाल ही में घटित आंदोलन के कारण कंपनी को उत्पादन में भारी नुकसान उठाना पड़ा, जिससे करोड़ों का आर्थिक घाटा हुआ है, जो राष्ट्र की भी क्षति है। यह स्पष्ट है कि ऐसी कोई भी गतिविधि जो संयंत्र के नियमित संचालन को बाधित करती है, उसका व्यापक सामाजिक-आर्थिक प्रभाव पड़ता है, जो अंततः क्षेत्रीय विकास की गति को भी प्रभावित करता है। बोकारो इस्पात संयंत्र (Bokaro Steel Plant) संवाद से समाधान की परंपरा में विश्वास रखता है, और सभी हितधारकों से सकारात्मक सहयोग की अपेक्षा रखता है। राष्ट्र की धरोहर-बोकारो इस्पात संयंत्र की सुरक्षा, उन्नति और निरंतर प्रगति के द्वारा ही यह आने वाले समय में आत्मनिर्भर भारत का सशक्त प्रतीक बन सकेगी।

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