
- पंजीयन विभाग में दस नवीन क्रांतियों का शुभारंभ
- पंजीयन मंत्री ओपी चौधरी ने विभागीय कार्यों का लिया जायजा।
- पारदर्शिता, डिजिटल सुधारों और सेवा गुणवत्ता बढ़ाने के दिए निर्देश।
- जिला पंजीयकों एवं उप पंजीयकों के कार्यों की गहन समीक्षा।
सूचनाजी न्यूज, रायपुर। वाणिज्य कर (पंजीयन) मंत्री ओपी चौधरी ने अटल नगर नवा रायपुर स्थित मंत्रालय महानदी भवन में पंजीयन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर विभागीय कार्यों की समीक्षा की। बैठक में महानिरीक्षक पंजीयन पुष्पेंद्र मीणा, विभाग के अधिकारी एवं सभी जिले के जिला पंजीयक और उप जिला पंजीयक उपस्थित थे।
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बैठक में विभागीय कार्यों की विस्तृत समीक्षा करते हुए मंत्री चौधरी ने पिछले एक वर्ष में हुए सुधारों, पंजीयन दस्तावेजों की स्थिति, राजस्व प्राप्ति, स्थापना, सतर्कता प्रकोष्ठ की गतिविधियों, न्यायालयीन प्रकरणों की स्थिति, मुदांक एवं आरआरसी प्रकरणों, ऑडिट रिपोर्ट्स तथा डाटा डिजिटाईजेशन की जिलेवार प्रगति पर चर्चा की।
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मंत्री ने फील्ड स्तर पर विभागीय सेवाओं के संचालन में आ रही समस्याओं को भी सुना और तकनीकी सेवाओं को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए अधिकारियों से सुझाव प्राप्त किए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आम जनता के लिए शासन द्वारा दी जा रही विभिन्न सुविधाओं का प्रचार-प्रसार करें और पंजीयन कार्यालयों में फ्लैक्स व बैनर लगाए जाएं ताकि ज्यादा से ज्यादा पक्षकार इन सेवाओं का लाभ उठा सकें।
राजस्व संग्रहण में पंजीयन विभाग का योगदान
पंजीयन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2,979 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 18.86 प्रतिशत की वृद्धि है। विभिन्न जिलों में दस्तावेजों की संख्या एवं राजस्व प्राप्ति के आधार पर रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर शीर्ष पर रहे।
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इस तरह प्रदेश के राजस्व संग्रहण में पंजीयन विभाग महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मंत्री श्री चौधरी ने इस उपलब्धि के लिए विभाग के समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना की और कार्यों को संवेदनशीलता एवं पारदर्शिता से करने की प्रेरणा दी।
तकनीकी मजबूती के लिए नई पहल
मंत्री चौधरी ने बताया कि विभाग को तकनीकी रूप से सुदृढ़ करने के लिए सेटअप का पुनरीक्षण कर नए पदों का सृजन किया गया है। इससे फील्ड में काम कर रहे अमले को दस्तावेजों की गहन जांच कर पंजीयन करने में सुविधा होगी।
मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि आधार आधारित प्रमाणीकरण, डिजीटल लॉकर सुविधा, फेसलेस रजिस्ट्री और ऑनलाइन दस्तावेज सत्यापन जैसे नवाचारों को तेजी से लागू करें। उन्होंने कहा कि इससे नागरिकों को घर बैठे सुरक्षित और त्वरित सेवाएं मिलेंगी।
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दस नई क्रांतिकारी सुविधाएं शुरू
मंत्री श्री ओपी चौधरी के मार्गदर्शन में पंजीयन विभाग में आम जनता की सुविधा और दस्तावेजों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपने सॉफ्टवेयर में दस नई सुविधाओं को शामिल किया है
आधार आधारित प्रमाणीकरण की सुविधा:- पक्षकारों की बायोमैट्रिक पहचान के जरिए रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा रोकने की व्यवस्था की जा रही है।
ऑनलाइन सर्च एवं डाउनलोड सुविधा:- खसरा नंबर से पूर्व पंजीकृत रजिस्ट्री का ऑनलाइन अवलोकन और डाउनलोड की सुविधा।
भारमुक्त प्रमाण पत्र:- संपत्ति पर किसी भार या बंधक की जानकारी ऑनलाइन प्रमाण पत्र के माध्यम से उपलब्ध होगा।
एकीकृत कैशलेस भुगतान प्रणाली:- स्टांप ड्यूटी और पंजीयन शुल्क का संयुक्त कैशलेस भुगतान की सुविधा।
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व्हाट्सएप मैसेज सेवा:- पंजीयन से संबंधित अपडेट्स की रियल टाइम जानकारी व्हाट्सएप पर जानकारी प्राप्त हो सकेगी।
डिजी लॉकर सुविधा:- रजिस्ट्री दस्तावेजों का डिजिटल भंडारण और एक्सेस।
ऑटो डीड जनरेशन:- दस्तावेजों का स्वतः ऑनलाइन निर्माण और प्रस्तुतिकरण।
डिजी डॉक्यूमेंट सेवा:- शपथ पत्र, अनुबंध आदि गैर-पंजीकृत दस्तावेजों का ऑनलाइन निर्माण।
घर बैठे रजिस्ट्री की सुविधा:- ऑनलाइन विलेख निर्माण, साक्षात्कार और पंजीयन की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। होम विजिट के माध्यम से पंजीयन कराये जाने की सुविधा तथा तत्काल आपाइंटमेंट सहित पारिवारिक दान, हक त्याग आदि में पंजीयन फीस मात्र 500 रूपए लिये जाने का प्रावधान है।
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स्वतः नामांतरण सुविधा:- रजिस्ट्री के बाद स्वचालित रूप से राजस्व अभिलेखों में नामांतरण की सुविधा होगी। यह आम नागरिकों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण सुधार है, इससे पक्षकारों को विचौलियों से मुक्ति के साथ नामातंरण की लंबी प्रक्रिया से होकर गुजरना नहीं पड़ेगा। समय और श्रम के साथ आर्थिक बोझ भी कम होगा।
मंत्री चौधरी ने विभागीय अधिकारियों को इन सभी नवाचारों को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए और आम जनता को उनकी सुविधाओं के बारे में जागरूक करने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि इन सुधारों से न केवल आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी बल्कि विभाग की पारदर्शिता और कार्यक्षमता भी बढ़ेगी।