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महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने फीता काटकर रेल ट्रैक पर लगे सोलर पैनल का विधिवत उद्घाटन किया। भारतीय रेलवे में नई पहल।
सूचनाजी न्यूज, वाराणसी। भारतीय रेलवे को नई पहचान बनारस रेल इंजन कारखाना ने दे दी है। इनोवेशन को बढ़ावा देते हुए इतिहास रच दिया है। रेल पटरियों के बीच में सोलर पैनल सिस्टम लगाया गया है। हर दिन 67 यूनियन बिजली बनेगी। इस मॉडल को भारतीय रेलवे में हर जगह अपनाने का रास्ता भी खुल गया है।
भारतीय रेलवे नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन शमन पर केंद्रित दृष्टिकोण के अनुरूप, अधिक सतत और हरित परिवहन प्रणाली की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है।
बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में, इस दिशा में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए भारत का पहला हटाने योग्य सौर पैनल सिस्टम सक्रिय रेलवे पटरियों के बीच स्थापित करने में सफल हुआ है।
महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने फीता काटकर रेल ट्रैक पर लगे सोलर पैनल का विधिवत उद्घाटन किया। उन्होंने इस कार्य को संपन्न कराने हेतु मुख्य विद्युत सर्विस इंजीनियर श्री भारद्वाज चौधरी एवं उनकी पूरी टीम की हौसला अफजाई की।
भारत में अपनी तरह की पहली पहल
बरेका की कार्यशाला की लाइन संख्या 19 पर स्थापित इस पायलट प्रोजेक्ट में, स्वदेशी डिज़ाइन की गई विशेष इंस्टॉलेशन प्रक्रिया का उपयोग कर पटरियों के बीच सौर पैनल लगाए गए हैं। इस प्रक्रिया में ट्रेन यातायात पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा, वहीं पैनलों को जरूरत पड़ने पर आसानी से हटाने की सुविधा भी प्रदान की गई है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि यह नवाचार बरेका परिसर में पहले से स्थापित रूफटॉप सोलर पावर प्लांट्स के साथ मिलकर हरित ऊर्जा उत्पादन को और गति देगा।
स्थापना से पहले पार की गई चुनौतियां
- कंपन से सुरक्षा-ट्रेन गुजरने से उत्पन्न कंपन को कम करने के लिए रबर माउंटिंग पैड का उपयोग किया गया।
- मजबूत फिक्सेशन-पैनलों को एपॉक्सी एडहेसिव से कंक्रीट स्लीपर पर चिपकाया गया, जिससे धातु-कंक्रीट का मजबूत बंधन सुनिश्चित हो।
- फाई और रखरखाव-पैनलों को धूल और मलबे से मुक्त रखने के लिए आसान सफाई व्यवस्था।
- तेज़ी से हटाने की सुविधा-पटरियों के रखरखाव के लिए 4 एस.एस. एलन बोल्ट के जरिए पैनलों को जल्दी हटाया जा सकता है।
तकनीकी मुख्य बिंदु और परियोजना विवरण:
ट्रैक लंबाई: 70 मीटर
क्षमता: 15 किलोवाट पीक (KWp)
पैनल संख्या: 28
पावर डेंसिटी: 220 KWp/किमी
ऊर्जा घनत्व: 880 यूनिट/किमी/दिन
सोलर पैनल विशेषताएं:
आकार: 2278×1133×30 मिमी
वजन: 31.83 किग्रा
मॉड्यूल दक्षता: 21.31%
144 हाफ कट मोनो क्रिस्टलाइन PERC बाइफेसियल सेल्स
जंक्शन बॉक्स IP: 68, अधिकतम सिस्टम वोल्टेज: 1500 V
भविष्य की अपार संभावनाएं
- भारतीय रेलवे के 1.2 लाख किमी ट्रैक नेटवर्क में, यार्ड लाइनों का उपयोग कर इस तकनीक को व्यापक स्तर पर अपनाया जा सकता है।
- भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं-पटरियों के बीच की जगह का ही उपयोग।
- अनुमानित क्षमता: 3.21 लाख यूनिट/वर्ष/किमी ऊर्जा उत्पादन।
बरेका की प्रतिबद्धता
महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने कहा, बरेका का यह नवाचार, भारतीय रेलवे को नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य की ओर एक बड़ा कदम है। यह परियोजना न केवल सौर ऊर्जा के उपयोग का नया आयाम है, बल्कि यह भविष्य में भारतीय रेलवे के लिए हरित ऊर्जा का सशक्त मॉडल बनेगा।”













