- सभी यूनियनों ने वर्तमान बोनस फॉर्मूला का विरोध एनजेसीएस मीटिंग में किया था। 32 हजार 500 रुपए बोनस की मांग की गई थी।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल कर्मचारियों के बोनस की राशि एनजेसीएस मीटिंग में तय किए बगैर प्रबंधन ने कर्मचारियों के खाते में पैसा डालने का फैसला किया है। लगातार तीसरे साल प्रबंधन ने यह दांव खेल दिया है।
एनजेसीएस को आइना दिखाते हुए एकतरफा फैसला ले लिया गया। इससे निश्चित रूप से यूनियनों का गुस्सा भी बढ़ गया है। सीटू ने सेल के सभी प्लांट और खदान में आंदोलन तेज करने का फैसला लिया है। फेडरेशन के फैसले में तत्काल आंदोलन करने की रणनीति बनी है। अन्य यूनियनों से भी समर्थन मांगा जा रहा है। अब देखना यह है कि सीटू के आह्वान पर कौन-कौन सी यूनियनें सामने आती हैं।
एसडब्ल्यूएफआई के महासचिव ललित मोहन मिश्र ने सूचनाजी.कॉम से बातचीत करते हुए कहा-सेल प्रबंधन ने बहुमत के आधार पर पूर्व में बोनस फॉर्मूले का समझौता किया था। इसकी वजह से कर्मचारियों को अब नुकसान उठाना पड़ रहा है। सभी यूनियनों ने वर्तमान बोनस फॉर्मूला का विरोध एनजेसीएस मीटिंग में किया था। 32 हजार 500 रुपए बोनस की मांग की गई थी।
साथ ही बोनस फॉर्मूला तत्काल बदलने की भी आवाज उठी थी। सेल प्रबंधन ने समझौता करने के बजाय एकतरफा फैसला करते हुए कर्मचारियों के खाते में पैसा डालने का आदेश जारी किया है। इसके खिलाफ अब कर्मचारियों को सड़क पर उतरना पड़ेगा। यूनियन के पदाधिकारी हर प्लांट और खदान में तैयारी में जुट जाएं। पिछले साल स्ट्राइक नोटिस दिया था। इस बार भी कुछ इसी दिशा में फैसला लिया जा सकता है। सभी यूनियनों से बातचीत के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।