IIT Bhilai के फेस 2 प्रोजेक्ट का Prime Minister Narendra Modi ने किया वर्चुअल शिलान्यास, पढ़ें आगे क्या होगा खास

Prime Minister Narendra Modi Virtually laid the Foundation Stone for IIT Bhilais Phase 2 Project Read What will Happen Next
  • आईआईटी में आयोजित कार्यक्रम में तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार मंत्री गुरु खुशवंत साहेब हुए शामिल।

सूचनाजी न्यूज, दुर्ग। आईआईटी भिलाई को लेकर खास खबर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आईआईटी भिलाई के फेस-2 परियोजना का किया वर्चुअल शिलान्यास कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने झारसुगुड़ा ओडिशा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान देश के 8 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में विभिन्न अधोसंचरना विकास कार्यों का वर्चुअल शिलान्यास किया।

आईआईटी भिलाई के फेस-2 परियोजना के कार्य भी शामिल है। इसके अलावा अन्य सात आईआईटी, आईआईटी पटना, आईआईटी इंदौर, आईआईटी जोधपुर, आईआईटी तिरुपति, आईआईटी पलक्कड़, आईआईटी धारवाड़ और आईआईटी जम्मू के फेस-2 का उद्घाटन शामिल है। समारोह का सीधा प्रसारण नालंदा व्याख्यान कक्ष, आईआईटी भिलाई परिसर में आयोजित किया गया।

समारोह में छत्तीसगढ़ के कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार तथा अनुसुचित जाति विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब और अहिवारा के विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा भी उपस्थित थे। मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश के लिए यह गौरव की बात है कि देश के 8 आईआईटी में विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास देश के प्रधानमंत्री द्वारा किया गया है।

निर्देशक प्रो. डॉ. राजीव प्रकाश ने कहा…

आईआईटी भिलाई के निर्देशक प्रो. डॉ. राजीव प्रकाश ने आईआईटी की उपलब्धियों पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला। उल्लेखनीय है कि फेस-2 निर्माण की आधारशिला रखने के साथ, आईआईटी भिलाई बुनियादी ढांचे के विकास के अगले चरण की ओर बढ़ रहा है। भारत सरकार ने 29 मई 2025 को फेस-2 के लिए 2,257.55 करोड़ रुपये मंजूर किए, जिसमें से 1092 करोड़ रुपये परिसर निर्माण के लिए हैं।

इस परिसर के साथ निर्मित क्षेत्र को अतिरिक्त 1,51,343 वर्ग मीटर तक बढ़ाया जाएगा। यह नए इंजीनियरिंग और विज्ञान विभागों, अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं, आईसीटी सक्षम व्याख्यान कक्षों और उपकरण और प्रोटोटाइप सुविधाओं को जोड़ने का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।

छात्रावास, मेस हॉल, इनडोर खेल परिसर, खेल ग्राउंड

फेस-2 के दायरे में भवन और सुविधाओं में छात्रावास, मेस हॉल, इनडोर खेल परिसर, ओपन एयर थिएटर, कैंटीन, क्रिकेट, फुटबॉल और हॉकी मैदान, टेनिस कोर्ट, आवासीय भवन और स्वास्थ्य केंद्र और खरीदारी परिसर का विस्तार भी शामिल है।

छात्रों की संख्या भी 1500 से बढ़कर 3000 हो जाएगी। फेस-2 के प्रमुख विकासों में से एक परिसर में 96 करोड़ रुपये की लागत से एक अनुसंधान पार्क की स्थापना होगी, जो छत्तीसगढ़ राज्य में पहला होगा। अनुसंधान पार्क का उद्देश्य अकादमिक उद्योग के सहयोग का महत्वपूर्ण लाभ उठाना और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी विकास के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। इस परियोजना को अक्टूबर 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

फेस-2 निर्माण के लिए 1090.17 करोड़ रुपये मंजूर

2016 में स्थापित, आईआईटी भिलाई को भारत सरकार द्वारा फेस-2 निर्माण के लिए 1090.17 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे। इस चरण के तहत, आईआईटी भिलाई परिसर की स्थापना कुटेलभाटा, दुर्ग जिले में 1,34,450 वर्ग मीटर के निर्मित क्षेत्र के साथ की गई थी।

आईआईटी भिलाई ने अकादमिक कठोरता, व्यक्तिगत विकास और एक स्थायी जीवन शैली के लिए डिज़ाइन किया गया एक स्मार्ट, छात्र-केंद्रित परिसर विकसित किया। इस संस्थान को माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 20 फरवरी 2024 को राष्ट्र को समर्पित किया गया था।

मास्टर प्लान को कई अनुकरणीय प्रदर्शन पुरस्कार

आईआईटी भिलाई के मास्टर प्लान को कई अनुकरणीय प्रदर्शन पुरस्कारों के साथ-साथ लार्ज डेवलपमेंट (एलडी) खंड में पांच सितारा रेटिंग के साथ सर्वोच्च जीआरआईएचए पुरस्कार मिला है। आईआईटी भिलाई ने जीआरआईएचए एलडी रेटिंग और एनएससीआई सुरक्षा पुरस्कार 2021 के तहत पैसिव आर्किटेक्चर डिजाइन और ऊर्जा प्रबंधन जैसे कई अन्य पुरस्कार जीते हैं।

गोंड आदिवासी कला से प्रेरित, प्रवेश गलियारों में सांस्कृतिक रूप से निहित प्रतिष्ठान हैं जो छत्तीसगढ़ की विरासत का जश्न मनाते हैं। वर्तमान में आईआईटी भिलाई लगभग 185 करोड़ रुपये की 300 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय परियोजनाओं का नेतृत्व कर रहा है और 30 पेटेंट दायर किए गए हैं।

आई.आई.टी. भिलाई विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग

आई.आई.टी. भिलाई विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अंतःविषय साइबर-भौतिक प्रणालियों (एन.एम.आई.सी.पी.एस.) पर राष्ट्रीय मिशन के तहत स्थापित एक सेक्शन 8 कंपनी, आई. आई. टी. भिलाई नवाचार और प्रौद्योगिकी फाउंडेशन (आई. बी. आई. टी. एफ.) की भी मेजबानी करता है।

अपने उत्कृष्ट कार्य की मान्यता में, आईबीआईटीएफ को हाल ही में ष्वित्तीय क्षेत्र के लिए प्रौद्योगिकी (फिनटेक)-प्रौद्योगिकी-संचालित नवाचार के माध्यम से हाशिए पर रहने वाले समुदायों को सशक्त बनानाष् शीर्षक के तहत श्रेणी ए हब के रूप में नामित किया गया है।

आईआईटी भिलाई की सबसे उल्लेखनीय पहलों में से एक विद्या समीक्षा केंद्र, छत्तीसगढ़ है, जो राज्य भर के स्कूलों, शिक्षकों, छात्रों और वितरण प्रणाली के लिए एक केंद्रीकृत, वास्तविक समय डिजिटल निगरानी प्रणाली है।

40 करोड़ की 60 लाख पाठ्यपुस्तकों की बचत

छात्रों और पाठ्यपुस्तक डेटा को मानकीकृत और प्रमाणित करके, मंच ने 10 लाख गैर-मौजूद छात्र रिकॉर्ड की पहचान की और उन्हें समाप्त कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप  40 करोड़ की 60 लाख पाठ्यपुस्तकों की बचत हुई।

इसके अलावा, गहन तकनीक समाधानों के माध्यम से जनजातीय समुदायों के उत्थान के लिए अपनी प्रतिबद्धता में, आईआईटी भिलाई द्वारा देश भर में कुल 54 जनजातीय विकास परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जिनका कुल परिव्यय 19 करोड़ रुपये है।

वर्तमान में आईआईटी भिलाई में बीटेक, एमटेक, एमएससी और पीएचडी कार्यक्रमों के तहत 1525 छात्र नामांकित हैं। फेस-2 के विकास के पूरा होने के साथ, संस्थान न केवल अपने शिक्षण और अनुसंधान विकास कार्यक्षेत्रों में अपने दायरे और भूमिका का विस्तार करेगा, बल्कि सहयोगी परियोजनाओं में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में और राज्य के तकनीकी रूप से सहायता प्राप्त विकास को बढ़ावा देगा। इस अवसर पर संस्था के विषय विशेषज्ञ, प्रध्यापक, गणमान्य नागरिक और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।