- इंडियन आयल हड़ताल पर 3 अक्टूबर को केंद्रीय मुख्य श्रमायुक्त ने मीटिंग बुलाई है। इसी मीटिंग में सेल कर्मचारियों की बात भी उठेगी।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के कर्मचारियों के आधे-अधूरे वेज रिवीजन, 39 माह का बकाया एरियर आदि का मामला उलझा हुआ है। 9 सितंबर को केंद्रीय मुख्य श्रमायुक्त ने यूनियनों की मांग पर बैठक तय की थी।
सेल प्रबंधन और यूनियनों के बीच समझौता होने की उम्मीद थी। उपराष्टपति चुनाव की वजह से बैठक स्थित कर दी गई थी। अब तक दोबारा बैठक की कोई तारीख नहीं आई है। इस मुद्दे को पाइपलाइन में डालने की बात भी कही जा रही है।
एटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व आल इंडिया स्टील वर्कर्स फेडरेशन के उपाध्यक्ष विद्यासागर गिरी का कहना है कि 3 अक्टूबर को आइओसीएल हड़ताल को लेकर केंद्रीय मुख्य श्रमायुक्त के साथ बैठक होनी है। इस बैठक के बाद अलग से केंद्रीय मुख्य श्रमायुक्त के साथ सेल के मुद्दे पर बातचीत की जाएगी। सेल प्रबंधन द्वारा बोनस को लेकर अपनाए तरीके आदि पर रोष जाहिर किया जाएगा।
विद्यासागर गिरी का कहना है कि मौजूदा सरकार का रवैया बिल्कुल कर्मचारी विरोधी है। सूचनाजी.कॉम से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा-सबसे ज्यादा प्रॉफिट देने वाली महारत्न कंपनी इंडियन आयल को बचाने की लड़ाई चल रही है।
इसे भी अडानी को धीरे-धीरे सौंपा जा रहा है। इंडियन आयल को बचाने की जंग है। 3 अक्टूबर को मुख्य श्रमायुक्त के यहां मीटिंग है। इस मीटिंग में ही स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल कर्मचारियों के आधे-अधूरे वेज रिवीजन, बकाया एरियर, पर भी चर्चा करेंगे।
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के कर्मचारियों के आधे-अधूरे वेज रिवीजन और बकाया एरियर को लेकर 9 सितंबर को होने वाली बैठक से कर्मचारियों को काफी आस थी, क्योंकि इसके बाद ही बोनस का फैसला होना था। एनजेसीएस की बैठक में बोनस की राशि पर समझौता नहीं हो सका और प्रबंधन ने 29 हजार 500 रुपए कर्मचारियों के खाते में डाल दिया है।
केंद्रीय नेता का कहना है कि सरकार और सेल मैनेजमेंट की मिलीभगत है। ग्रेच्युटी पर एकतरफा फैसला हो गया है। एचएमएस भिलाई के महासचिव प्रमोद कुमार मिश्र बताते हैं कि अब कर्मचारियों के हक के पैसे को भी दबा दिया गया है। 39 माह के एरियर पर भी लड़ाई है। सेल प्रबंधन दावा कर रहा था कि 2 हजार प्रॉफिट होने पर पर 600 करोड़, 4 हजार पर 1200 करोड़ और इससे ज्यादा प्रॉफिट पर एकमुश्त पैसा देंगे, लेकिन अब तक कुछ नहीं मिला।