Durgapur Steel Plant: सेल CMD Amarendu Prakash निजीकरण, अस्पताल, NJCS, बकाया एरियर पर सवाल सुने, पर जवाब नहीं दिए

Durgapur Steel Plant SAIL CMD Amarendu Prakash Heard Questions on Privatization Hospital NJCS Pending Arrears, but did not Answer
  • दुर्गापुर स्टील प्लांट-डीएसपी पहुंचने पर सीएमडी का स्वागत डायरेक्टर इंचार्ज सुरजीत मिश्र ने किया।

सूचनाजी न्यूज, दुर्गापुर। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के सीएमडी अमरेंदु प्रकाश दुर्गापुर और इस्को बर्नपुर स्टील प्लांट के दौरे पर हैं। पहले 7 से 9 नवंबर तका शेड्यूल था, जिसे शुक्रवार दोपहर में बदल दिया गया। अब शुक्रवार और शनिवार तक ही दोनों प्लांट को समेटकर सीएमडी दिल्ली लौट जाएंगे।

दुर्गापुर स्टील प्लांट-डीएसपी पहुंचने पर डायरेक्टर इंचार्ज सुरजीत मिश्र ने सीएमडी का स्वागत किया। इसके बाद प्लांट विजिट पर गए। शाम 6 बजे से यूनियन प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई। इंटक, सीटू, एचएमएस, एटक, बीएमएस, सीटीयूसी के पदाधिकारियों के साथ करीब आधे घंटे तक चर्चा की। 15 मिनट तक सीएमडी ने पहले अपनी बातों को रखा।

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इसके बाद यूनियन नेताओं ने सवालों की बौछार की। सेल की संपत्तियों के निजीकरण अस्पताल, टाउनशिप और अन्य पर जैसे ही सवाल पूछे गए, सीएमडी ने कहा-आप लोग सारी बातें रख लीजिए। एक साथ मैं सबका जवाब दूं। बातचीत आगे बढ़ती गई और अचानक से अधिकारी उठे और नमस्कार करके रवाना हो गए। यूनियन नेताओं के सवालों का कोई जवाब सामने नहीं आया।

डीआइसी सुरजीत मिश्र और ईडी एचआर सुष्मिता राय की मौजूदगी में स्थानीय युवाओं की भर्ती, डीएसपी में 300 करोड़ का इंवेस्ट करने के बाद निजी हाथों में देने आदि पर सवाल पूछा गया कि सरकार की पॉलिसी है या सेल प्रबंधन का फैसला है?

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सेल अध्यक्ष अमलेंदु प्रकाश ने डीएसपी का दौरा किया और डीएसपी और एएसपी के प्रत्येक यूनियन के दो-दो ट्रेड यूनियन नेताओं से मुलाकात की। एचएसडब्लूयू (इंटक, डीएसपी इकाई) से महासचिव रजत दीक्षित और संयुक्त सचिव असीम मोसान भी इसमें शामिल हुए। सीटू से सुमांतो चटर्जी, सपन मजूमदार, एचएमएस से सुकांत रक्षित, तापस राय, बीएमएस ऋषिकेश सिंह, एस. राय, एटक से शंभु प्रमाणिक, आइएनटीटीयूसी से मानस अधिकारी, बप्पा चट्‌टाराज मौजूद रहे।

सेल सीएमडी ने 5 बिंदुओं पर बात की

1. वैश्विक बाजार: भारत अब 150 मिलियन टन इस्पात उत्पादन के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि चीन 1109 मिलियन टन इस्पात उत्पादन के साथ है। दुनिया भर में इस्पात बाजार में गिरावट है, लेकिन भारत में इसकी मांग है। हर साल 9% की दर से बढ़ रही है। इसलिए हम दबाव में हैं, लेकिन लाभप्रदता कम है।

2. उत्पादन वृद्धि: हमें समय के साथ उत्पादन बढ़ाना होगा। अब 10 लाख टन स्टील उत्पादन की लागत 9 हज़ार करोड़ रुपये है।

3. ग्रीन स्टील: डी-कार्बोनाइजेशन। हमारा लक्ष्य कार्बन उत्सर्जन को 2.34 टन तक कम करना है।

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कच्चा माल: सेल अब तक अपनी खनन इकाइयों का उपयोग कर रहा है। हमें अपना खनन उत्पादन बढ़ाना होगा। हमें अपनी खनन इकाइयों का उपयोग करने और बाज़ार में बेचने की अनुमति मिल गई है।

4. डिजिटलीकरण: सेल खनन से लेकर सभी स्टील प्लांट और सीएमडी तक, एक नेटवर्क के साथ डिजिटलीकरण का उपयोग करके लाभ को 1000 करोड़ रुपये तक बढ़ाने जा रहा है। मैकिंस को अनुबंध मिला है।

5. मैनपॉवर: उन्होंने माना कि हमारे पास कुशल, शिक्षित और मेहनती उत्पादक जनशक्ति है।

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बकाया एरियर, एनजेसीएस का भी उठा मुद्दा

इसके बाद सभी यूनियन नेताओं ने अपनी माँगें रखीं। विभिन्न मुद्दे उठाए गए। कुछ प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं। एनजेसीएस, एमओए, बकाया 39 माह के एरियर, ब्राउन और ग्रीन फील्ड निवेश, क्यूआर लीजिंग/लाइसेंसिंग, टाउनशिप में परिसंपत्तियों का लाभ कमाने के लिए उपयोग, आरआईएस-07, ठेकेदार कर्मचारी भर्ती मानदंड, अस्पताल/टाउनशिप की तरह निजीकरण न करना, डीएसपी मुख्य अस्पताल को लाभदायक बनाने के लिए विशेष देखभाल, आदि, एक्सचेंज के माध्यम से स्थानीय प्रतिभाशाली युवाओं की भर्ती पर सवाल दागे गए। अध्यक्ष ने ध्यान से सुना, लेकिन समय की कमी की बात बोकर किसी भी बिंदु पर उत्तर नहीं दिए।