SAIL Hospital Privatization पर जवाब के बजाय इस्पात मंत्री ने यूनियन से पूछे-2 सवाल, एरियर, बोनस पर ये हुई बात

Steel Minister asks Two Questions to Union on SAIL Hospital Privatization Discusses Arrears Bonus
  • मंत्री कुमारस्वामी, सेल सीएमडी अमरेंदु प्रकाश, डीआइसी आलोक वर्मा की मौजूदगी में मान्यता प्राप्त यूनियन पदाधिकारियों संग बैठक।

सूचनाजी न्यूज, राउरकेला। इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी राउरकेला स्टील प्लांट के दौरे पर हैं। प्लांट विजिट और प्रोडक्शन आदि पर मंथन के बाद यूनियन नेताओं से भेंट मुलाकात की गई। मान्यता प्राप्त यूनियन इंटक और सहयोगी यूनियन गंगपुर मजदूर मंच ने आइजीएच के निजीकरण का विरोध किया। मंत्री से आश्वासन मांगा कि कर्मचारियों को अच्छी खबर देकर जाइए। लेकिन, मंत्री जी ने उल्टे इंटक के महासचिव प्रशांत बेहरा से दो सवाल पूछे। पहला-अस्पताल से आप लोगों को क्या-क्या फायदे हैं और निजीकरण के बाद क्या नुकसान होगा…?

प्रशांत बेहरा ने कहा-कटक के बाद आइजीएच ओडिशा का सबसे बेहतरीन हॉस्पिटल है। आइजीएच 300 बेड का है। कर्मचारियों, अधिकारियों और परिवार वालों की जीवनदायिनी है। प्राइवेट होने से आर्थिक रूप से नुकसान होगा। उदाहरण के रूप में अपोलो में एक बार इलाज कराने पर 4-5 लाख की बिल बनती है। रिटायर्ड कर्मचारियों और अधिकारियों को राहत के बजाय तनाव बढ़ाने का दांव हैं। एरियर, बोनस फॉर्मूला, एचआरए आदि विषयों पर सीएमडी बोले-एनजेसीएस मीटिंग होने जा रही है। वहां विस्तार से एक-एक मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।

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राउरकेला श्रमिक संघ-इंटक के महासचिव प्रशांत कुमार बेहरा और गंगपुर मजदूर मंच के महासचिव गोपाल दास के नेतृत्व में दोनों यूनियनों का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी से राउरकेला हाउस में मिला।

निजीकरण, बकाया 39 माह के एरियर, रिवॉर्ड बोनस, एलडीपी, एनजेसीएस, प्लांट विस्तारीकरण आदि सहित इस्पात श्रमिकों के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। विस्तार से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई।

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इस्पात मंत्री को सौंपे गए मांग पत्र को पढ़िए

  • इस्पात जनरल अस्पताल (आईजीएच) और राउरकेला इस्पात संयंत्र, राउरकेला के टाउनशिप के निजीकरण की प्रक्रिया को रोकें।
  • निरंतर चर्चा के माध्यम से सभी लंबित मुद्दों का शीघ्र समाधान करके 10वें एनजेसीएस समझौते को समयबद्ध तरीके से शीघ्र पूरा करें। एनजेसीएस बैठक में हुई सहमति के अनुसार गैर-कार्यकारी कर्मचारियों को 39 महीने के बकाया का भुगतान।
  • राउरकेला इस्पात संयंत्र की क्षमता को मौजूदा 4.5 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 9 मीट्रिक टन करने के लिए विस्तार कार्य। वर्तमान अत्यधिक प्रतिस्पर्धी घरेलू और वैश्विक इस्पात बाजार में यह एक रणनीतिक आवश्यकता है।
  • उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले एलडीपी उम्मीदवारों की भर्ती 5 ग्रेड में की जानी चाहिए, जो अनुकंपा उपयुक्त रोजगार के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के समान है।
  • उच्चतम ग्रेड अर्थात S11 के कर्मचारियों को विकास के अवसर प्रदान करने के लिए S-12 और S-13 ग्रेड का कार्यान्वयन।
  • आरएसपी में प्रोत्साहन, पुरस्कार, सीबीएमएस और क्यूबीएमएस योजनाओं का शीघ्र संशोधन ताकि संगठन में वर्तमान स्थिति के साथ बेहतर उत्पादन, उत्पादकता और लाभप्रदता और कर्मचारियों पर बढ़ते कार्यभार के साथ संरेखित किया जा सके।
  • कर्मचारियों की अविवाहित आश्रित बहनों के लिए चिकित्सा सुविधाओं की बहाली,जिसे प्रबंधन के अतार्किक निर्णय द्वारा रद्द कर दिया गया था, जिसके तहत विधवा बहन (जिसे अपने पति की संपत्ति विरासत में मिली हो) को कर्मचारी पर आश्रित माना जाता है, लेकिन बिना किसी आय स्रोत वाली अविवाहित बहनों को नहीं।
  • ओडिशा राज्य आवास बोर्ड के अंतर्गत, राउरकेला इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों और पूर्व कर्मचारियों के लाभ के लिए शहर में कम से कम 10,000 आवास परियोजना विकास परियोजना का निर्माण, राउरकेला इस्पात संयंत्र के पास उपलब्ध विशाल अप्रयुक्त भूमि बैंक से।

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यूनियन के साथ मीटिंग में ये रहे मौजूद

सेल अध्यक्ष अमरेंदु प्रकाश, डीआईसी आलोक वर्मा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे और चर्चा सकारात्मक रही। इस प्रतिनिधिमंडल में यूनियन से उपाध्यक्ष दिलीप महापात्रा, उपाध्यक्ष अक्षय जेना, बिरकिशोर शेखरदेव, रघुनाथ भड्डा, सत्य साहू, तुषार साहू, गंगपुर मजदूर मंच के उपाध्यक्ष सुलेमान कौड़िया, संतोष कुजूर, मांगे एक्का, थॉमस टोपो, विष्णु महंत, और अन्य शामिल थे।

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