कार्मिक तथा कंपनी हित में सेल तथा भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों को एक ग्रेड पे-स्केल अपग्रेडेशन का लाभ दिया जाए, ताकि गैर कार्यपालक कर्मचारी भी सम्मान और गर्व के साथ अपने को महारत्न स्टेटस के साथ जोड़ सकें। वहीं, इंडिया ग्रेट वर्क प्लेस जैसी वैश्विक संस्था की लिस्ट मे सेल को ला सकें।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। इस वक्त देश में मोदी सरकार 9 साल की उपलब्धियां बयां कर रही है। केंद्र सरकार के अधीन आने वाले स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) के कर्मचारी भी 9 साल का आंकड़ा पेश कर अपना दुखड़ा सुना रहे हैं। गलत नीतियों और सुविधाओं से वंचित करने की वजह से 2013-14 से अब तक 2568 बीएसपी कर्मचारी सेल से इस्तीफा दे चुके हैं। यह बड़ी संख्या सरकार और कंपनी को परेशान कर सकती है।
प्रशिक्षित प्रतिभाओं का पलायन रोकने की आवाज उठाई गई है। भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) सहित सभी सेल इकाइयों के कर्मियों को नियुक्ति में महारत्न स्टेट्स के लाभ के तहत पे स्केल अपग्रेड करने की मांग की गई है। निदेशक कार्मिक , निदेशक प्रभारी भिलाई इस्पात संयंत्र तथा पांचों केंद्रीय एनजेसीएस नेताओं को पत्र लिख कर डिमांड किया गया है।
यूनियन ने मांग किया है कि कार्मिक तथा कंपनी हित में सेल तथा भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों को एक ग्रेड पे-स्केल अपग्रेडेशन का लाभ दिया जाए, ताकि गैर कार्यपालक कर्मचारी भी सम्मान और गर्व के साथ अपने को महारत्न स्टेटस के साथ जोड़ सकें। वहीं, इंडिया ग्रेट वर्क प्लेस जैसी वैश्विक संस्था की लिस्ट मे सेल को ला सकें।
सेल और आरआईएनएल का जिक्र
यूनियन ने अपने पत्र में लिखा है कि भारत सरकार का लोक उद्दम विभाग (डीपीई) द्वारा सेल को महारत्न कंपनी जैसी विशिष्ट श्रेणी में रखा गया है, जो सभी सेल कार्मिकों के लिए गर्व की बात है। परंतु महारत्न स्टेटस का लाभ सेल में गैर कार्यपालक कर्मचारियों को नहीं मिल रहा है। वर्तमान में सार्वजनिक क्षेत्र की दो कंपनियां इस्पात का उत्पादन कर रही हैं। पहला सेल तथा दूसरा आरआईएनएल विशाखापत्तनम।
यहां उठाया गया बड़ा सवाल
सेल महारत्न कंपनी है, जबकि आरआईएनएल नवरत्न कंपनी है। वहीं, दोनों कंपनियो के गैर कार्यपालक कर्मचारियों का ग्रेड तथा पे स्केल एक समान है। जबकि इन्हीं दोनों कंपनियों में कार्यरत अधिकारी वर्ग का पे स्केल अलग है, क्योकि सेल में नियुक्त अधिकारी वर्ग को महारत्न स्टेटस के तहत एक ग्रेड अपग्रेडेशन का लाभ मिलता है। अतः सेल में कार्यरत गैर कार्यपालक कर्मचारी वर्ग को भी महारत्ना स्टेटस के तहत नियुक्ति में एक ग्रेड अपग्रेड पे स्केल का लाभ दिया जाए।
सेल में दो ग्रेड और पे-स्केल में होती है नियुक्ति
S1 ग्रेड: 25070-3%-35070
S3 ग्रेड: 26600-3%-38170
कर्मचारी संघ ने सेल-बीएसपी प्रबंधन को दिया सुझाव
बीएसपी अनाधिशासी कर्मचारी संघ ने सेल प्रबंधन तथा भिलाई इस्पात प्रबंधन को सुझाव दिया है कि दोनों नियुक्ति ग्रेड को एक ग्रेड अधिक अपग्रेड कर नियुक्त किया जाए। पहले से नियुक्त गैर कार्यपालक वर्ग को एक ग्रेड अधिक पे स्केल का लाभ दिया जाए। आईटीआई/अप्रेंटिश योग्यता वाले कर्मचारियों को S2 ग्रेड में 25810-3%-36730 पे-स्केल में तथा डिप्लोमा योग्यता वाले कर्मचारियों को S4 ग्रेड तथा पे स्केल 27080-3%-42900 में नियुक्त किया जाए। वहीं, पहले से नियुक्त गैर कार्यपालक कर्मचारियो को एक ग्रेड पे स्केल अपग्रेड कर उनको भी महारत्न स्टेटस का लाभ दिया जाए।
जानिए महारत्न स्टेटस से लाभ
-सेल की अंतरराष्ट्रीय छवि बढ़ेगी तथा वैश्विक पुरस्कार मिलने की संभावना अधिक होती है।
-भिलाई इस्पात संयंत्र मे लगभग 13000 तथा सेल में वर्तमान मे लगभग 49000 गैर कार्यपालक कर्मचारी हैं।
-अगर इतने कर्मचारियों को भी अधिकारी वर्ग के तर्ज पर महारत्न स्टेट्स का लाभ मिलता है तो ये सभी कर्मचारी उत्साहित होकर कंपनी के ब्राण्ड अम्बेसडर के तौर पर कार्य करेंगे।
-कंपनी की छवि पूरे विश्व में मजबूत होगी। भविष्य में कंपनी का स्थान इंडिया ग्रेट वर्क प्लेस” जैसी संस्था जो अच्छे कार्यस्थल वाली कंपनी का चयन करती है, उसमे स्थान मिलेगा।
-भारत से टाटा स्टील लगातार कई वर्षो से “इंडिया ग्रेट वर्क प्लेस” का खिताब जीत रही है।
-सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में एनटीपीसी के पास यह खिताब जा रहा है।
कर्मचारियों को ये भी लाभ हो जाएगा
-गैर कार्यपालक कर्मचारियों के पास कनिष्ठ अधिकारी (E0) परीक्षा में भाग लेने के लिए जल्द योग्यता मिल जाएगी।
-पिछले एक दशक में (2013-2023) 2568 गैर कार्यपालक कर्मचारियों द्वारा नियुक्ति उपरांत सेल की सभी यूनिटों से इस्तीफा दे कर दूसरी सार्वजनिक कंपनियों, केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार की नौकरी का चयन किया गया है, जो कि कंपनी की नियुक्ति, प्रशिक्षण आदि के बाद कार्मिकों द्वारा कंपनी से इस्तीफा देना एक बहुत बड़ा मैनपावर हानि है। पे-स्केल अपग्रेडेशन से उच्च प्रशिक्षित कार्मिकों का पलायन काफी हद तक रुक सकेगा।