SAIL हाउस लीज: डीड रजिस्टर्ड होते ही Bhilai Township के लीजधारी आ गए रेरा कानून के दायरे में…!

  • रेरा कानून आपको किसी भी तरह बचने नहीं देगा। इसलिए कम से कम 6 माह इंतजार करना चाहिए। प्रबंधन की कार्यशैली में एवं नियमों में क्या बदलाव होता है, उस पर नजर रखना चाहिए।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। जिला पंजीयक के पास लीज हाउस धारकों के पंजीकृत होने के बाद अब यह बीएसपी हाउस लीज में निर्मित आलीशान मकान रेरा कानून के अंतर्गत आ गए हैं। भिलाई इस्पात संयंत्र में 2002 लेकर 2023 तक लीजधारकों के अतिरिक्त निर्माण पर मनमर्जी से अधिकारी कार्य करते थे, जहां जरूरत होती थी वहां तोड़फोड़ करते थे। और जहां न्याय प्रक्रिया के अंतर्गत कार्य करना है, वहां न्याय प्रक्रिया के अंतर्गत कार्य करते हुए संपदा न्यायालय में प्रकरण दर्ज किया जाता।

4500 पास में लगभग 4200 आवासो में लीज धारकों ने अपनी आवश्यकतानुसार निर्माण अनाधिकृत रूप से किया। इस निर्माण पर अधिकारियों की मौन चुप्पी संदेह के दायरे में रही। स्टील सिटी चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष ज्ञानचंद जैन ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन के संरक्षण में पंजीयन की जो प्रक्रिया आरंभ हुई वह दो पक्षों का समझौता है, जिसमें शासन के पक्ष में करोड़ों रुपए राजस्व की वसूली एक माध्यम है।

Vansh Bahadur

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Rajat Dikshit

चेंबर अध्यक्ष ज्ञानचंद जैन ने भिलाई इस्पात संयंत्र के इन हाउस धारकों के अतिरिक्त निर्माण पर भिलाई प्रबंधन से जानना चाहा कि क्या इन आवासों पर अब पैनल रेट की वसूली आरंभ होगी, क्योंकि इन आवास धारकों ने बिना अनुमति निर्माण किया है और पंजीयन के पश्चात जिस तरीके से शहर के तृतीय पक्ष कहे जाने वाले व्यापारी वर्ग के सहआवास पर प्रतिमाह दण्ड राशि की वसूली होती है। इस तरह की वसूली करने की बाध्यता भिलाई इस्पात संयंत्र की अब हो गई है।

Janta Mazdoor Sangh Bokaro

जैन ने कहा कि यदि हाउस लीज धारक जो भिलाई इस्पात संयंत्र के बड़े-बड़े अधिकारी व कर्मचारी अथवा सेवानिवृत्त कर्मचारी अधिकारी हैं। इनके आवास को नियमित करने के लिए भिलाई इस्पात संयंत्र को कोई नया कानून बनाना होगा और जब नया कानून बनेगा तब उसका लाभ सभी वर्ग के लोगों को होगा।

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ज्ञानचंद जैन ने कहा है कि लीज पंजीयन हेतु जो अनुबंध तैयार किया गया है, उसमें आवाज धारकों को 30 वर्ष बीत जाने के बाद आगामी 66 वर्षों के लिए किसी भी तरह की प्रीमियम राशि नहीं लिए जाने का उल्लेख है। जबकि व्यापारियों के लिए अनुबंध में स्पष्ट होने के बाद भी बाजार दर से 25% की राशि का मांगा किया जाना दुखद एवं निंदनीय है।

जैन ने प्रबंधन से कहा है कि व्यापारियों के प्रकरण शांतिपूर्वक ढंग से भिलाई इस्पात प्रबंधन निपटा दें अथवा व्यापारियों के द्वारा इस प्रकरण को न्यायालय में ले जाया जाएगा, जिसमें भिलाई इस्पात संयंत्र के अधिकारियों को इस संपूर्ण घटनाक्रम का दोषी मानते हुए अपराधी घोषित करने की मांग करेगा।

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ज्ञानचंद जैन ने बीएसपी हाउस लीज धारकों से अनुरोध किया है कि दो पक्षों के मध्य होने वाले इस तरह के पंजीकृत समझौते से वर्तमान में उन्हें कोई लाभ नहीं है और ना भूमि पर कोई मालिकाना हक मिलने वाला है। पूर्व की तरह जिस तरह वे उन आवासों में रह रहे हैं, उसी तरह रहें, क्योंकि आप कर्मचारी-अधिकारी हैं। इसलिए आपके ऊपर किसी भी तरह का कोई नियम लागू नहीं करेगा।

लेकिन पंजीयन कार्यालय में पंजीकृत होने के बाद आप कानून के दायरे में आ जाएंगे और रेरा कानून आपको किसी भी तरह बचने नहीं देगा। इसलिए कम से कम 6 माह इंतजार करना चाहिए। प्रबंधन की कार्यशैली में एवं नियमों में क्या बदलाव होता है, उस पर नजर रखना चाहिए।