आइजी संजय प्रकाश बिहार के पटना के रहने वाले हैं। भतीजे ने 2 तारीख को अपनी मौसी को 6 पेज का सुसाइड नोट भेजा था।
अज़मत अली, भिलाई। केंद्रीय सुरक्षा औद्योगिक बल (Central Industrial Security Force) यानी सीआइएसएफ (CISF) के आईजी संजय प्रकाश पर भतीजी को नजर बंद रखने का गंभीर आरोप लगाया गया है। भतीजी ने 2 तारीख को अपनी मौसी को 6 पेज का सुसाइड नोट भेजा था, जिसमें लिखा था कि उसे भिलाई से ले जाया जाए, वरना वह आत्महत्या कर लेगी।
मौसी अनिता शर्मा ने इसकी शिकायत पटना स्थित महिला विकास मंच की राष्ट्रीय संरक्षक वीणा मानवी से की। वहां से वीणा मानवी, अध्यक्ष अरुणिमा, उपाध्यक्ष फहीमा खातून और मौसी अनीता शर्मा शनिवार सुबह भिलाई पहुंचीं। सीधे उतई स्थित सीआइएसएफ आइजी के आवास पहुंचने पर गेट पर ही उन्हें रोक दिया गया
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सुबह साढ़े 11 से दोपहर डेढ़ बजे तक गेट पर ही खड़े रहने के बाद किसी से मुलाकात नहीं हो सकी। इसके बाद सभी लोग एसपी दुर्ग शलभ सिन्हा के पास पहुंचे। वहां से पुलिस मदद मिली और आइजी के घर पर टीम पहुंची। इसके बाद लड़की को रेस्क्यू किया गया। 22 साल की लड़की का मेडिकल और पुलिस बयान के बाद मौसी को सुपुर्द कर दिया गया है। रविवार सुबह सभी लोग पटना के लिए रवाना हो जाएंगे।
इस पूरे घटनाक्रम पर आइजी संजय प्रकाश ने Suchnaji.com को अपना पक्ष बताया। उन्होंने कहा कि बड़े भाई कैंसर से पीड़ित थे। उनका इलाज मैं दिल्ली पोस्टिंग के समय भी कराता रहा। भिलाई आया तो यहां भी कराता रहा। अक्टूबर में स्पर्श हॉस्पिटल में भाई की मौत हुई। उनकी पत्नी का निधन 2016 में हो गया था। एक बेटी है, जो मेरे साथ ही रहती थी।
पांच-छह दिन पहले वह बोली कि मुझे पटना जाना है। मैंने मना किया तो उसने मौसी को पत्र लिखकर बुला लिया। ननिहाल वाले लोगों ने क्या कहा, मुझे इसकी जानकारी नहीं है। मेरे पास एसपी दुर्ग का फोन आया था, मैंने उनसे भी यही कहा था कि वह जिसके साथ रहना चाहती है रहे, मुझे कोई आपत्ती नहीं है। लेकिन, लड़की का मेडिकल और पुलिस बयान पहले कराया जाए। इसके पुलिस ने अपनी मौजूदगी में बयान कराया और भतीजी मौसी के साथ चली गई।
महिला विकास मंच राष्ट्रीय संरक्षक वीणा मानवी ने सूचनाजी.कॉम को बताया कि लड़की की मौसी अनीता शर्मा ने 2 तारीख को शिकायत की थी। 6 पेज का सुसाइड नोट देखने के बाद हम लोग पटना से रवाना हो गए थे। पूरा मामला प्रॉपर्टी का है। परिवार को लेकर तरह-तरह का सवाल उठाया जा रहा है। कई केस पूर्व में हो चुका है। एसपी शलभ सिन्हा और बाल विकास विभाग की मदद से लड़की को रेस्क्यू किया गया है।
वीणा मानवी ने बताया कि वह लोग पहले आइजी के घर पहुंचे ताकि घर की बात घर में ही रह जाए। लेकिन, आइजी मिलने को तैयार नहीं थे। इसलिए पुलिस में जाने की जरूरत पड़ी। चार महिलाएं गेट पर थीं। आइजी की पत्नी से मिलने की बात की, लेकिन कोई नहीं आया।
आरोप लगाया जा रहा है कि लड़की के नाम पर बिहार में 380 बीघा जमीन थी। आइजी ने 180 बीघा जमीन को बिकवा दिया। पिछले दिनों करीब 5 लाख के चेक पर लड़की से साइन कराया गया। पुलिस की मौजूदगी में लाकर की चाबी, बैंक पासबुक, चेक बुक, गहने आदि लड़की को सौंप दिए गए हैं।