- सफ़ेद बाघ के नन्हें शावकों का नामकरण हुआ। दर्शकों के लिए केज में छोड़ा गया।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। व्हाइट टाइगर को देखने के लिए जंगल सफारी में जानने का प्लान बना रहे हैं तो ठहर जाइए। भिलाई के मैत्रीबाग में एक बार जरूर घूम आइए। यहां सफेद बाघों का कुनबा और 3 छोटे-छोटे इनके बच्चे आपको अटखेलियां करते दिख जाएंगे। इसकी तस्वीर आप कैमरे में कैद कर सकते हैं और सेल्फी लेकर लम्हें को यादगार बना सकते हैं। इन तीन बच्चों के माता-पिता का नाम भी आप जान लीजिए। सफेद बाघ सुल्तान और रक्षा से तीन शावकों का जन्म हुआ। इन शावकों का नाम रुस्तम, राणा और बॉबी रखा गया है।
सेल (SALE) – भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) के उद्यानिकी विभाग के मैत्री बाग में सफ़ेद बाघों के कुनबे में 3 नए मेहमानों, 2 नर एवं 1 मादा शावक का जन्म, 28 अप्रैल 2023 को हुआ था। पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार, आजादी के 76 वें वर्षगांठ पूरे होने के जश्न के साथ ही 15 अगस्त 2023 को इन नन्हे शावकों का नामकरण किया गया। इन शावकों का नाम रुस्तम, राणा और बॉबी रखा गया है।
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एक गरिमामयी कार्यक्रम में इन प्यारे चंचल शावकों को पहली बार आम जनता के लिए खोला गया। शावकों ने स्वयं को पहली बार खुले में पाकर आनंद से खूब उछल कूद मचाया और पर्यटकों का मनोरंजन किया। एक दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजाति राजसी सफेद बाघ और उनके नन्हें शावक अपने आकर्षक धारियों, सफेद रंग और चमकदार नीली आंखों के साथ बहुत ही प्यारे लग रहे थे।
जिन्हें देखने भारी संख्या में लोग उपस्थित थे। मनमोहक शावकों को अठखेलियां करते देख अत्यंत हर्ष हो रहा था। मुलायम पंजों के साथ चंचलतापूर्वक वे अपने आस-पास के हर कोने की खोज कर रहे थे। ऐसा आकर्षक दृश्य हमें इन असाधारण प्रजातियों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए प्रेरित करता है।
इन शावकों के पिता का नाम सुल्तान है। शावकों की मां रक्षा ने पिछले 3.5 माह से बच्चों का लालन पालन पूरी ममता के साथ किया। वन्यजीव विशेषज्ञ, भिलाई मैत्री बाग प्रभारी एवं उप महाप्रबंधक (उद्यानिकी) डॉ एनके जैन ने जानकारी दी कि जू अथॉरिटी के मार्गदर्शन अनुसार ही इन नन्हें शावकों और इनकी मां की देखभाल की गई।
मैत्रीबाग प्रबंधन द्वारा लगातार इन नन्हे शावकों और बाघिन मां रक्षा को पौष्टिक आहार तथा विभिन्न प्रकार के आवश्यक विटामिन आदि भोजन के साथ दिया जा रहा है।
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गौरतलब है कि भिलाई मैत्री बाग सफ़ेद बाघों की सबसे अधिक संख्या के साथ भारत के शीर्ष चिडियाघरों में से एक बन गया है। मैत्री बाग प्रबंधन ने सेंट्रल जू ऑथोरिटी के नियमानुसार, अब तक देश के 5 से भी अधिक चिडियाघरों में बाघों का आदान-प्रदान किया है। मौजूदा समय में शावकों के नए जन्म के साथ ही मैत्री बाग में सफेद बाघों की कुल संख्या 09 हो गई है।