- भिलाई इस्पात संयंत्र टाउनशिप को और भी अधिक सुरक्षित, सुविधाजनक और टिकाऊ बनाने के लिए यह तकनीकी हस्तक्षेप एक महत्वपूर्ण कदम है।
सूचनाजी न्यूज़, भिलाई। बरसात के मौसम में भिलाई टाउनशिप के कई मकानों की छतों से सीपेज आना एक सामान्य समस्या रही है। पहले इन छतों की मरम्मत के लिए टार फेल्टिंग प्रक्रिया का उपयोग किया जाता था, लेकिन यह तकनीक प्रभावी साबित नहीं हो रही हैं। अब इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए भिलाई इस्पात संयंत्र के नगर सेवाएँ विभाग द्वारा अब टाउनशिप में छतों की मरम्मत के लिए एटैक्टिक पॉलीप्रोपाइलीन (एपीपी) तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
एपीपी तकनीक एक उच्च गुणवत्ता वाली सीलिंग प्रक्रिया है, जिसमें विशेष रूप से विकसित पॉलीप्रोपाइलीन सामग्री का उपयोग कर छतों की वॉटरप्रूफिंग की जाती है। यह तकनीक न केवल टार फेल्टिंग की तुलना में अधिक प्रभावशाली है, बल्कि लंबे समय तक चलने वाली और स्थायित्व भी देती है। विशेषज्ञों के अनुसार, एपीपी तकनीक बरसात के मौसम में रिसाव की समस्या को पूरी तरह समाप्त कर सकने में सक्षम है और रखरखाव की आवश्यकता को न्यूनतम कर देती है।
एनबीसीसी द्वारा क्रियान्वयन और गुणवत्ता पर निगरानी
इस कार्य को नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) द्वारा निष्पादित किया जा रहा है। निर्माण कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण और निगरानी की जिम्मेदारी भी इसी संस्था को सौंपी गई है, जिससे काम की पारदर्शिता और टिकाऊपन सुनिश्चित हो सके।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में नई गति
एपीपी प्रक्रिया की शुरुआत संयंत्र के नगर सेवाएं विभाग द्वारा विगत वर्ष की गई थी, जिसके अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग 1,500 मकानों की छतों की मरम्मत की गई। सफलता के बाद इसे इस वर्ष और अधिक विस्तार दिया गया है। 2025-26 की पहली तिमाही तक टाउनशिप के 275 आवास व बीएमडीसी सहित 9 शासकीय भवनों में यह कार्य पूर्ण हो चुका है। वर्तमान में इस तकनीक से मरम्मत का कार्य 25,000 वर्गमीटर क्षेत्र में हो चुका है, साथ ही 1,000 और मकानों को इस वित्तीय वर्ष में शामिल किया जाना प्रस्तावित है।
टाउनशिप को सीधा लाभ
इस तकनीक का सबसे बड़ा लाभ टाउनशिप में रहने वाले नागरिकों को मिल रहा है। पहले जहां बीएसपी आवासों में हर बरसात में छत से पानी टपकने की शिकायत आम थी, अब लोग राहत महसूस कर रहे हैं। एपीपी तकनीक के माध्यम से न केवल बेहतर समाधान मिला है, बल्कि मकानों की उम्र भी बढ़ जाएगी। हालांकि इस प्रक्रिया की लागत पारंपरिक विधि की तुलना में अधिक है, परन्तु इसके परिणाम और दीर्घकालिक लाभ इसे पूर्णतः न्यायोचित ठहराते हैं।
भविष्य की दिशा
भिलाई इस्पात संयंत्र टाउनशिप को और भी अधिक सुरक्षित, सुविधाजनक और टिकाऊ बनाने के लिए यह तकनीकी हस्तक्षेप एक महत्वपूर्ण कदम है। बीएसपी प्रबंधन का प्रयास है कि टाउनशिप में सभी पुराने मकानों को जहाँ जरुरत है, चरणबद्ध तरीके से इस तकनीक के तहत मरम्मत प्रदान की जाए, जिससे विशेषकर बारिश के मौसम में किसी भी निवासी को असुविधा का सामना न करना पड़े।