बोनस पर गुस्साए कर्मी बोले-मैनेजमेंट सेल का मालिक नहीं, हाई पेड कामगार, बोनस फॉर्मूला करे खारिज, फिर होगी बातचीत

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। 1 अक्टूबर को दिल्ली में बोनस की बैठक थी। यूनियनों का कहना है कि प्रबंधन ने बैठक में मनमानी करते हुए जो स्थिति निर्मित किया, उसके खिलाफ 2 अक्टूबर को 5 राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन बैठक करके 5 अक्टूबर को सेल के सभी इकाइयों में प्रदर्शन करने का निर्णय लिया, जिसके तहत भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) के मुर्गा चौक पर जबरदस्त प्रदर्शन हुआ।

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प्रदर्शन के दौरान संयंत्र से घर जा रहे कर्मी स्वयं से रुक कर प्रदर्शन में भाग लिए। अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि अब तो आर पार की लड़ाई है। यदि प्रबंधन मजदूरों की बात नहीं माना तो आने वाले दिनों में लड़ाइयां और तेज होगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी केवल और केवल सेल प्रबंधन (SAIL Management) की होगी। आज के प्रदर्शन में इंटक, एटक, एचएमएस, बीएमएस, सीटू, ऐक्टू, स्टील वर्कर्स यूनियन, लोईमु, इस्पात श्रमिक मंच ने भाग लिया।

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प्रबंधन के एक तरफा निर्णय के खिलाफ कर्मियों में बढ़ रहा है गुस्सा

यूनियन नेताओं (Union Leaders) ने कहा-वेतन समझौता से लेकर रात्रि पाली भत्ते, ग्रेच्युटी सीलिंग, बोनस फार्मूले, बोनस की बैठक तक हर जगह प्रबंधन एक तरफा निर्णय ले रहा है। और कहीं ना कहीं यह जताने की कोशिश कर रहा है कि वह प्रबंधन नहीं बल्कि सेल के मालिक हैं। लेकिन वास्तविकता यह है कि वह हाई पेड कामगार है। कर्मचारी लो पेड कामगार हैं। बावजूद इसके लगातार प्रबंधन के निर्णय मजदूर विरोधी होते जा रहे हैं, जिसके कारण कर्मचारियों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है, जो आज प्रदर्शन के माध्यम से फूट पड़ा।

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लंबित मांगों को हल करवाने किया जमकर नारेबाजी

अफॉर्डेबिलिटी क्लास (Affordability Class) का हवाला देकर 39 महीने का एरियर्स का पैसा रोक दिया गया है। हाउस रेंट अलाउंस का मुद्दा अभी भी लंबित है। इन सबके बीच 1970 में त्रिपक्षी वार्ता समिति में लिए गए असीमित ग्रेच्युटी के निर्णय को एक तरफा सीलिंग कर दिया गया है और बहुत से मुद्दे अभी भी लंबी थे।

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इसके खिलाफ कर्मियों ने जमकर नारेबाजी की और कहा कि देश के अंदर जितने भी सार्वजनिक उद्योग है, उसमें सेल एक ऐसा सार्वजनिक उद्योग है जहां की प्रबंधन इस तरह की मनमानी और अड़ियल रवैया पर उतर आई है। इसके खिलाफ 30 जून 2021 जैसी बड़ी हड़ताली कार्यवाही करना जरूरी है, जिसकी संयुक्त यूनियन ने तैयारी शुरू कर दी है।

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पहले फार्मूला खारिज करें, फिर होगी आगे की बातचीत

1 अक्टूबर को NJCS यूनियनों ने फॉर्मूले को लेकर स्पष्ट कह दिया था कि सभी यूनियनों ने पहले ही इस फार्मूले को खारिज कर दिया है। इसीलिए उसे फार्मूले पर आधारित किसी भी राशि पर चर्चा करने के लिए यूनियन तैयार नहीं है। अतः प्रबंधन उसे फार्मूले को खारिज करे। 40500 के ऊपर बातचीत शुरू करें।

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इस बोनस को निर्धारित करने के बाद फॉर्मूले पर फिर से चर्चा करेंगे। किंतु प्रबंधन अपने अड़ियल रवैया पर ही कायम रहा और बैठक बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई। अब प्रबंधन एक तरफ कर्मियों के खाते में पैसा डालने की तैयारी कर रहा है। इसके खिलाफ कर्मियों का गुस्सा भड़क गया।

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14 एवं 15 अक्टूबर को धरना तथा नवंबर में होगी हड़ताल

यूनियन नेताओं ने कहा कि आज के सफल कार्यक्रम के बाद यूनियने 14 एवं 15 अक्टूबर को होने वाले धरने की तैयारी शुरू कर रही है। धरने के बाद नवंबर में 2 दिन की हड़ताल होगी। यदि प्रबंधन स्थिति से बचना चाहता है तो अभिलंब बैठक बुलाए और सारे मुद्दों का निराकरण करे। अन्यथा इन पूरी कार्रवाई की जिम्मेदारी केवल और केवल प्रबंधन की होगी।

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