भिलाई और बोकारो में आ रही एक और यूनियन, छत्तीसगढ़ प्लेसमेंट कर्मचारी संघ करेगा भंडाफोड़

  • बोकारो स्टील प्लांट में भी भिलाई स्टील प्लांट की तरह नॉन एक्स कर्मचारी संघ अस्तित्व में आने वाला है।

अज़मत अली, भिलाई। कर्मचारियों के नाम पर पहले से कर्मचारी संघ है। विचारधारा और मन-मुटाव से टकराहट पैदा होने की वजह से इसका दायरा काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है। कहीं कर्मचारियों के हक के लिए लड़ने तो कहीं कर्मचारियों के हक को मारने वाले ठेकेदारों के खिलाफ मोर्चा खोलने की मुहिम तेज होने जा रही है। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के बोकारो स्टील प्लांट (Bokaro Steel Plant) और भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) में एक और कर्मचारी यूनियन का दफ्तर खुलने जा रहा है। दोनों ही प्लांट में जल्द ही नई यूनियन का चेहरा सबके सामने होगा।

ये खबर भी पढ़ें:  SAIL को नंबर 1 बनाने का सपना: चेयरमैन का नारा-काम कम मत करो, काम को कम मत लो, मजदूरों से पेमेंट वापस लेने वाले ठेकेदारों की अब खैर नहीं

सेल (SAIL) के दोनों प्लांट पर फोकस किया गया है। अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा यूनियन की कमान संभाली गई है। सीटू और एचएमएस में सक्रिय रहने वाले लखविंदर सिंह छत्तीसगढ़ प्लेसमेंट कर्मचारी संघ (Chhattisgarh Placement Karmchari Sangh) लेकर आ रहे हैं। यूनियन बनाने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। सेक्टर-5 में दफ्तर भी तैयार किया जा रहा है।

Suchnaji.com से बातचीत के दौरान लखविंदर सिंह ने बताया कि प्लेसमेंट के नाम पर ठेका मजदूरों का शोषण हो रहा है। हमारी यूनियन छत्तीसगढ़ में काम करेगी। वेतन संबंधित विसंगतियों को दूर करने पर फोकस है। जो प्लेसमेंट हो चुका है, उसकी जांच की जाएगी और मजदूरों को हक दिलाया जाएगा।

ये खबर भी पढ़ें:  BSP के SMS 3 ने जुगाड़ टेक्नोलॉजी से बनाया कबाड़ से रेस्ट रूम

अक्सर एक ही ठेकेदार बार-बार मजदूरों के प्लेसमेंट को बदलता है। प्लांट के अंदर ही कभी कोक ओवन में तो उसी मजदूर को कभी फर्नेस में लगा दिया जाता है। इस तरह से मजदूरों का ठेका बदलकर अंतिम भुगतान सहित कई लाभ से वंचित कर दिया जाता है। इस तरह का खेल लंबे समय से चल रहा है। इसको रोकने की दिशा में यूनियन तेजी से काम करेगी।

ये खबर भी पढ़ें:  देश का पहला प्लांट बना Bhilai Steel Plant, ब्लूम कास्टिंग में ट्रिपल सेंचुरी

मजदूरों का नेचर ऑफ वही रहता है, लेकिन स्थान और ठेका बदल जाता है। भिलाई स्टील प्लांट, प्राइवेट कंपनियों पर फोकस किया जाएगा। 12 साल से काम करने वाले मजदूरों की हिस्ट्री निकाली गई तो पता चला कि कागजों में 5 ठेकेदार बदल गए, लेकिन वह काम एक ही ठेकेदार के यहां काम करता रहा। यही अंधकार को दूर करने पर जोर दिया जाएगा।

दूसरी ओर बोकारो स्टील प्लांट में भी भिलाई स्टील प्लांट की तरह नॉन एक्स कर्मचारी संघ अस्तित्व में आने वाला है। सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले मौजूदा यूनियन के खिलाफ माहौल बनाकर कर्मचारियों को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं। नई यूनियन आने के बाद चुनाव में भी जोर आजमाने की तैयारी है।