ठेका श्रमिकों को अलग-अलग राज्य सरकार का डेली वेज देकर कंपनी नंबर वन कैसे बनेगी, उसमे भी उनकी हाजिरी से लेकर वेतन मे ठेकेदार खुलेआम धांधली कर रहे हैं। जबकि मात्र एक पॉलिसी लाकर "ठेकेदार बदले ठेका लेबर नहीं" तथा ठेका लेबर का पैनल बनाकर उनके शोषण की समस्या का स्थाई समाधान किया जा सकता है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश ने बुधवार दिन में बड़ा ख्वाब देखने का जज़्बा पैदा किया। कर्मचारियों और अधिकारियों को संबोधित करते सेल को नंबर-1 बनाने का सपना देखने का हौसला दिया। चेयरमैन का संबोधन हुआ। शाम साढ़े 5 बजे से पहले Suchnaji.com में विस्तार से खबर आ गई। इसी बीच सेल के दुखी कर्मचारियों का दुखड़ा भी सोशल मीडिया पर छा गया।
चेयरमैन ने ठेका मजदूरों पर खुलकर बात की। लेकिन, 77 माह से आधे-अधूरे वेतन समझौता पर कुछ भी नहीं बोले। इसी बात को कर्मचारियों के एक वर्ग ने पकड़ लिया। लंबा-चौड़ा पोस्ट लिख दिया गया। चेयरमैन को ही आड़े हाथ लिया गया। यह पोस्ट किसी से छुपा नहीं है। सेल के अधिकारियों के समूह की नजरों के सामने से गुजर चुका है।
सोशल मीडिया पर लिखा गया है कि सेल चेयरमैन ने अपने लोगों के साथ पहले सार्वजनिक संबोधन में सभी को नंबर वन बनने के लिए तथा कंपनी को नंबर-1 बनाने के लिए आह्वान किया है। ठेका लेबर की समस्यओं पर भी काफी बोले हैं। फिर वहीं, भूखे पेट कब तक हम सभी हरी भजन करते रहेंगे?
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कर्मचारी ने लिखा-77 माह तक कर्मचारियों का वेतन समझौता अधूरा रहे तो उनका आत्मविश्वास कैसे बढ़ेगा? 50 यूनियन तथा 500 नेताओं को बैठा कर वेतन तथा सुविधा देने से कंपनी नंबर वन कैसे बनेगी?
जबकि कर्मचारी कह रहे है कि हमें हमारा वेतन तथा बाकि सभी सुविधा सही तरीके से दो हम और दिल लगाकर काम करेंगे। हम झंडा ढोने तथा प्रदर्शन करने के लिए नौकरी में नहीं आए हैं।
सोशल मीडिया पर दहाड़ने वालों ने लिखा-प्रबंधन द्वारा पोसे हुए नेता एक तरफ कर्मचारियों, ठेका श्रमिकों से हड़ताल, प्रदर्शन करवाते हैं। दूसरी तरफ उसी प्रबंधन के साथ मिलकर उनका शोषण भी करवाते हैं। भिलाई तथा बोकारो में ट्रांसफर और निलंबन की मार झेल रहे कर्मचारियों को लंबी सजा देकर कंपनी नंबन वन कैसे बनेगी?
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ठेका श्रमिकों को अलग-अलग राज्य सरकार का डेली वेज देकर कंपनी नंबर वन कैसे बनेगी, उसमे भी उनकी हाजिरी से लेकर वेतन मे ठेकेदार खुलेआम धांधली कर रहे हैं। जबकि मात्र एक पॉलिसी लाकर “ठेकेदार बदले ठेका लेबर नहीं” तथा ठेका लेबर का पैनल बनाकर उनके शोषण की समस्या का स्थाई समाधान किया जा सकता है।
चेयरमैन के संदेश के बाद कर्मचारियों ने सोशल मीडिया पर लिखा-कंपनी प्रबंधन ने यू ट्यूब पर चेयरमैन साहब के मैसेज का लिंक डालकर उनके मैसेज का प्रसारण का दायित्व निर्वहण कर लिया है, जबकि पूरे संबोधन में मात्र 325-330 लोग ही लाइव थे। अर्थात 59000 नियमित तथा 60000 ठेका कर्मियों में से मात्र 325 लोग उनके भाषण को सुने हैं।