- सीटू ने कहा-कभी-कभी तो ऐसा लगता है कि बैठक करने के एजेंडा को पूरा करने के लिए बैठक बुलाया गया है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। प्रबंधन के साथ बैठक होने के बाद सीटू ने कहा कि प्रबंधन के कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है। सुरक्षा का बहाना बनाता है और गेट में आवाजाही को रोकता है। बाहरी लोगों के अनाधिकृत रूप से अंदर आने की बात कहता है और रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिटी कार्ड जारी करने की बात कहता है। जीएम आइआर विकास चंद्रा के साथ मीटिंग के बाद सीटू ने बखिया उधेड़ दिया है।
युवा कर्मियों को बेहतर घर देने की बात कहता है और पुराने कर्मियों के रिटेंशन पर नए-नए आदेश जारी करता है और खाली होने वाले घरों को कब्जा होने से रोक भी नहीं पाता है। कर्मियों के हैप्पीनेस की बात कहता है और वेतन समझौता के एरियर पर रोक लगाते हुए वेतन समझौता पूर्ण हो जाने की बात कह कर गुमराह करता है यही है प्रबंधन की कथनी और करनी।
यूनियन के सवाल का नही था प्रबंधन के पास कोई जवाब
यूनियन के द्वारा पूछे गए सवालों को प्रबंधन नोट करता रहा अर्थात मैनेजमेंट के पास यूनियन के किसी सवाल का कोई जवाब नहीं था। यूनियन ने पूछा एरियर्स का क्या हुआ? एचआरए का क्या हुआ? एक अतिरिक्त इंक्रीमेंट का क्या हुआ? वेतन समझौता को पूरा करने के लिए क्या रोड मैप है?
आवास को लेकर प्रबंधन का क्या पॉलिसी है? इन सब पर प्रबंधन जो कह रहा था, उसे स्पष्ट हो रहा था कि उन्हें इस सबके बारे में पता नहीं। यूनियन ने पूछा कि प्रबंधन कह रहा है कि संयंत्र में 6500 कर्मी रहेंगे तो इन 6500 कर्मियों में से किस विभाग में कितने लोग रहेंगे। प्रबंधन ने बोला यह सब 2030 तक होगा हमें पता नहीं।
एजेंडा के साथ बैठक नहीं बुलाता है प्रबंधन
सीटू नेता ने कहा कि यूनियनें जब भी प्रबंधन से समय मांगती हैं तो पूरी स्पष्टता के साथ ऐजेंडा देकर आती हैं। छः माह पूर्व ऐजेंडा देने के बावजूद प्रबंधन से कई बार कोई रिस्पांस तक नहीं मिलता है। किंतु प्रबंधन अचानक से यूनियन के साथ बैठक बुला लेती है और एजेंडा पूछने पर मोटा मोटी ऐसे एजेंडा को बताते हैं जिस पर तैयारी कर कर आना संभव नहीं हो पाता है। कभी-कभी तो ऐसा लगता है कि बैठक करने के एजेंडा को पूरा करने के लिए बैठक बुलाया गया है।
यूनियन के साथ होने वाली कई बैठकों में कार्मिक अधिकारी नहीं रहते हैं उपस्थित
सीटू नेताओं ने कहा-पहले से एजेंडा नोट देकर प्रबंधन से समय मांगने पर अस्पताल प्रबंधन ने बैठक का समय दिया और जब बैठक शुरू हुई तो प्रबंधन का पहला कथन था कि कार्मिक अधिकारी छुट्टी पर हैं। इसीलिए कार्मिक अधिकारी से संबंधित किसी भी मुद्दे पर बातचीत नहीं हो पाएगी। हम कार्मिक अधिकारी से जुड़े एजेंडा पर बाद में अलग से बात करेंगे। मतलब कुल मिलाकर मामला टांय-टांय फिश।
बायोमेट्रिक पर अभी तक नहीं निकल सका है समाधान
सीटू ने प्रबंधन के सामने बात रखते हुए कहा कि 1 जुलाई 2024 को बायोमेट्रिक सिस्टम चालू किया गया, तब से लेकर अब तक बायोमेट्रिक सिस्टम में हर महीने हाजिरी को लेकर कोई ना कोई समस्या पैदा हो रही है और प्रबंधन डीलेइंग टेक्टिस पर काम कर रहा है।
अर्थात कर्मचारी कितने भी परेशान हो जाए और प्रबंधन से शिकायत करते रहें उस पर ध्यान मत दो, यही करते करते प्रबंधन डेढ़ साल बिता लिया है। धीरे-धीरे कर्मी उसके आदी हो गये है और आने वाले दिनों में बोलना भी बंद कर देगा शायद यही प्रबंधन की मंशा है।
रोड सेफ्टी को लेकर लापरवाह है प्रबंधन
बैठक में सीटू ने कहा कि जब पंथी चौक में एक छात्रा की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी तो उस समय सीटू ने आईजी दुर्ग रेंज से मिलकर कुछ महत्वपूर्ण सुझाव पेश करते हुए चर्चा किए थे, जिसके परिणाम स्वरूप न केवल उस सड़क पर बड़े गाड़ियों के आवाजाही पर कुछ ठोस नियम बने, बल्कि वहां पर ट्रैफिक पुलिस की भी तैनाती शुरू हो गई। किंतु उस दौरान प्रबंधन ने अपनी ओर से कोई भी पहल नहीं किया, जिसका परिणाम यह है कि आज भी ड्यूटी आते जाते समय नो एंट्री टाइम में बड़ी गाड़ियां धड़ल्ले से घूम रही है और प्रबंधन कुछ भी नहीं कर रहा है।
संयंत्र के अंदर बड़ी है चोरियों की घटना
सीटू ने संयंत्र के अंदर हो रहे चोरियों पर बात उठाते हुए कहा कि संयंत्र में केवल चोरी से लेकर अन्य दूसरे महत्वपूर्ण उपकरणों के चोरी की घटनाएं बढ़ी हैं और इसके लिए जिन औजारों का इस्तेमाल हो रहा है। वह सामान्य रूप से संयंत्र में नहीं मिलता है, उसे संयंत्र के बाहर से ही लाया जाता है। अब प्रबंधन और सीआईएसएफ यह बताएं कि वह सामान संयंत्र के अंदर कैसे आ रहा है, जबकि सारे गेट सीआईएसएफ के नियंत्रण में है।
















