Automobile Update: RTO की जरूरत नहीं, इन स्कूलों में बनेगा आपका लाइसेंस, जून से बदल रहा रूल

  • RTO ऑफिस में ड्राइविंग टेस्ट से मिलेगा छुटकारा।

सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। अगर आप भी ड्राइविंग लाइसेंस (DL) बनवाने की तैयारी कर रहे है तो आपके लिए हम गुड न्यूज लाए हैं। अब आपको रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (RTO) जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि ड्राइविंग स्कूल से आपका DL मिल जाएगा। आगामी जून से नियमों में बदलाव किया जा रहा है।

आगामी एक जून से ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने को लेकर नया रूल लागू होने जा रहा है। इसके बाद से आप बैगर RTO जाए किसी अधिकृत ड्राइविंग स्कूल से भी अपना ड्राइविंग लाइसेंस हासिल कर पाएंगे। लेकिन इसके लिए कुछ नियमों को मानना आवश्यक होगा।

आर्टिकल में नीचे आप विस्तार से समझिए पूरी डिटेल…

ऐसे बहुत से लोग होंगे जो 18 वर्ष के होने का वेट कर रहे होंगे। 18 कंप्लीट होते ही आप DL भी बनवाएंगे। इसके लिए आप अप्लाई भी करेंगे। वर्तमान स्थिति में DL के लिए RTO दफ्तर में हाजिरी लगाने की आवश्यकता होती है। मगर इंडियन गवर्नमेंट ने रूल्स को बदल दिया हैं। अब किसी शख्स को DL के लिए अप्लाई करने के लिए RTO ऑफिस में टेस्ट देने की आवश्यकता नहीं पड़ेंगी। आप किसी अधिकृत प्राइवेट इंस्टीट्यूट से भी ड्राइविंग टेस्ट की प्रक्रिया क्लियर कर सकते है।

DL से जुड़ा नए नियमावली को एक जून से लागू कर दिया जाएगा। इसके लिए अधिसूचना जारी हो चुकी हैं। अब निजी संस्थान से आप ड्राइविंग के गुर का प्रशिक्षण प्राप्त करने के साथ ही वहीं से ड्राइविंग टेस्ट दे कर DL हासिल करने अधिकृत हो सकते है।

-किस तरह के इंस्टीट्यूट से मिलेगा DL

हरेक ड्राइविंग स्कूल में यह नियम लागू नहीं होगा। जारी हुए सूचना की मानें तो केवल वहीं ड्राइविंग स्कूल ही ड्राइविंग लाइसेंस इस्सू कर पाएंगे जो तय आवश्यक नियमों और शर्त को कंप्लीट करते हो।

तो यह है शर्तों का ब्यौरा…

1)ऐसे ट्रेनिंग सेंटर को न्यूनतम एक एकड़ भूमि पर स्थापित हो या फिर उनके पास इतनी भूमि मौजूद हो। जबकि फोर वहीकर्स के प्रशिक्षण के लिए न्यूनतम दो एकड़ भूमि का होना अति आवश्यक नियमों में से एक हैं।

2) ड्राइविंग सेंटर्स में पर्याप्त तौर पर प्रशिक्षण और ड्राइविंग की सुविधाएं मौजूद होनी चाहिए। ऐसे लोग जो राइडर या भावी ड्राइवरों को प्रशिक्षण दे रहे हैं उनके पास न्यूनतम हाई स्कूल डिप्लोमा या इसके समकक्ष की शिक्षा होना जरूरी कर दिया गया हैं।

3) ट्रेनर्स के पास मिनिमम पांच वर्ष का ड्राइविंग का अनुभव होना भी आवश्यक कर दिया गया हैं। साथ ही उन्हें फन्डामेन्टल बॉयोमैट्रिक्स और इनफॉर्मेशन टेक्नालॉजी (IT) सिस्टम की बेसिक जानकारी होना भी जरूरी कर दिया गया हैं।

4) हल्के वाहनों के लिए कम से कम चार हफ्ते का प्रशिक्षण होना चाहिए या तो 29 घंटें के भीतर कंप्लीट होनी चाहिए। प्रशिक्षण में थ्योरिटिकल और प्रैक्टिकल दोनों तरह का ट्रेनिंग इनवॉल्व होना आवश्यक हैं।

5) भारी वाहनों के लिए न्यूनतम 38 घंटों का प्रशिक्षण आवश्यक हैं। इसमें आठ घंटे की थ्योरी कक्षाएं और शेष समयावधि में प्रैक्टिकल के लिए निर्धारित किया जाएगा।