- स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के सीएमडी अमरेंदु प्रकाश और डायरेक्टर पर्सनल केके सिंह के खिलाफ भी नारेबाजी।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल बोनस के खिलाफ भिलाई स्टील प्लांट के कर्मचारियों ने बुधवार सुबह सीटू के बैनर तले प्रदर्शन किया। शाम होते ही बीएसपी अनाधिशासी कर्मचारी संघ के बैनर तले सड़क पर उतर गए। बारिश रुकने का फायदा मिला और कार्यक्रम में कर्मचारी जुट सके। मुर्गा चौक से एसबीआई मोड तक पैदल मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया गया। एनजेसीएस भंग करने और कर्मचारियों के लिए पीआरपी लागू करने की मांग की गई। साथ ही एनजेसीएस नेताओं और प्रबंधन का पुतला फूंका गया।
सेल प्रबंधन और एनजेसीएस नेताओं के खिलाफ आक्रोश जाहिर किया गया। हाथों में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के सीएमडी अमरेंदु प्रकाश और डायरेक्टर पर्सनल केके सिंह की फोटो लिए कर्मचारी चल रहे थे।
वहीं, एनजेसीएस नेताओं को चोर बोलने वाले बीएसपी अनाधिशासी कर्मचारी संघ के सदस्य हाथों में तख्तियां लिए नजर आए। पुलिस की मौजूदगी में पैदल मार्च निकाला गया। बीएकेएस अध्यक्ष अमर सिंह के नेतृत्व में पैदल मार्च निकाला गया।
यूनियन का कहना है कि अवैध ASPLIS भुगतान के खिलाफ कर्मचारियों में गुस्सा है। ASPLIS के बदले उत्पादन संबंधी वेतन लागू करने की मांग की जा रही है। मनमाने ASPLIS भुगतान को स्पष्ट रूप से अस्वीकार करते हैं, जो अवैध, अन्यायपूर्ण और कंपनी के उत्पादन और विकास को संचालित करने वाले कार्यबल का अपमान है। पिछले तीन वर्षों से, प्रबंधन कर्मचारियों की बार-बार की आपत्तियों को नज़रअंदाज़ करते हुए, इस अवैध भुगतान को जबरन थोपा गया है।
यह स्पष्ट है कि कुछ बाहरी यूनियन नेता प्रबंधन के साथ मिलकर जानबूझकर वास्तविक कर्मचारियों को कमज़ोर कर रहे हैं। इस हेराफेरी को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और इसमें शामिल नेताओं और प्रबंधन अधिकारियों, दोनों को अपने कार्यों के परिणामों के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा।
वर्तमान ASPLIS फॉर्मूले को तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए, क्योंकि यह अवैध और मूल रूप से अनुचित है। कर्मचारी केवल उत्पादन के लिए ज़िम्मेदार हैं, और भुगतान वास्तविक उत्पादन प्रदर्शन से सख्ती से जुड़ा होना चाहिए। अन्य असंबंधित कारकों को शामिल करना अनुचित और अक्षम्य है, क्योंकि गैर-पूर्व कर्मचारियों की इन अन्य कारकों के लिए कोई ज़िम्मेदारी नहीं है, जिससे ASPLIS फॉर्मूला त्रुटिपूर्ण और गैरकानूनी हो जाता है।
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यह स्पष्ट रूप से समझा जाना चाहिए कि इस मनमानी और अवैध प्रथा को जारी रखने से कंपनी पर गंभीर परिणाम होंगे, और वरिष्ठ प्रबंधन किसी भी परिचालन व्यवधान, वित्तीय नुकसान या औद्योगिक अशांति के लिए पूरी तरह से ज़िम्मेदार होगा। यदि इस मामले को तुरंत नहीं सुधारा गया, तो कर्मचारी संगठित, वैध और निर्णायक कार्रवाई करेंगे, जिसमें काम बंद करना, विरोध प्रदर्शन और अन्य समन्वित उपाय शामिल हैं।
कर्मचारियों का धैर्य समाप्त हो चुका है और निरंतर निष्क्रियता उत्पादन, अनुशासन और औद्योगिक सद्भाव को गंभीर रूप से प्रभावित करेगी। निष्पक्षता, विश्वास और विश्वसनीयता बहाल करने के लिए प्रबंधन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।