- 17 नवंबर को मतदान और 3 दिसंबर तक रिजल्ट का इंतजार ही कीजिए।
अज़मत अली, भिलाई। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Assembly Election) के लिए मतदान कुछ ही समय में शुरू हो जाएगा। दुर्ग जिला सुर्खियों में है। सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel), गृहमंत्री भी इसी जिले से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व भाजपा प्रत्याशी प्रेम प्रकाश पांडेय (Former Assembly Speaker and BJP candidate Prem Prakash Pandey) भी भिलाईनगर से मैदान में हैं। एक तरफ वरिष्ठ और अनुभवी चेहरा है तो दूसरी तरफ युवा जोश है।
मतदान शुरू होने से पहले की रात को कत्ल की रात पुकारा जाता है। इस रात में क्या और कौन-कितना गुल खिला पाएगा, यह देखने वाली बात होगी। जनता का मिजाज क्या है, यह जानने के लिए सूचनाजी.कॉम की टीम भिलाईनगर क्षेत्र में घूमी।
पहला सामना केनाल रोड चौक पर कुछ कार्यकर्ताओं से हुआ। हाथों में वोटर लिस्ट लिए, यह नाम खोज रहे थे। किसका नाम कटा, किसका बचा, यह चेक किया जा रहा था आगे बढ़े तो खुर्सीपार बालाजी नगर के अल्लूरीसीतारामराजू चौक पर युवाओं की टोली मोर्चा संभाले दिखी। भाजपा का पट्टा गले में डाले कुछ युवा धार्मिक आइने से कमल का महत्व समझा रहे थे।
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तार्किक तरीके से अपनी बात रख रहे थे, तभी इनके बीच बीएसपी के रेल मिल के एक कर्मचारी पहुंचे। इनका मकान भी इसी दुकान के पीछे है। भाई साहब से रहा नहीं गया, तपाक से बोल दिए कि 30 साल में क्या था यहां…। आज चकाचक सड़क, सीसीटीवी कैमरा, लाइट है। साफ-सफाई दिख रही है।
भाजपा-कांग्रेस का पक्ष सुनने के बाद कुछ गलियों का सफर तय करते हुए हम आगे बढ़े, तभी घर के बाहर बैठीं कुछ महिलाए दिखीं। चुनावी माहौल शब्द मुंह से निकला ही था कि जवाब आया-बाबू यहां सबके मकान पर दोनों पार्टी का झंडा दिख रहा है न…। यहां तो 50-50 मामला है।
गली से बाहर निकलते ही चाय का होटल नजर आया। यहां बनारस के एक यादव ने कुछ ऐसा बोल दिया कि घरों पर झंडा लगाने वाले चिढ़ ही जाएंगे। बोले-गुरु, यहां झंडा-डंडा नजर आवत हव न…। अंदर ही अंदर सब सेट हो गइलन हैं। एकतरफा मामला हव।
किसी से भी पूछो, यही बोलता रहा कि यहां टक्कर है। बराबरी में लड़ाई है। छावनी तक पहुंच गए, यही शब्द सुनने को मिलता रहा। खुर्सीपार डिजिटल लाइब्रेरी में पहुंचे तो वहां युवाओं की जुबां पर भी एक ही नाम सुनने को मिला।
खुर्सीपार का चक्कर लगाने के बाद टाउनशिप में पहुंचे। सेक्टर-1 बैंक के सामने जलपान सेंटर पर ठहर गए। दुकानदार भी बगल की चेयर पर बैठ गए। बतकही आगे बढ़ी और भाई साहब के चेहरे पर तनाव नजर आया।
इन्होंने कहा-भैया वोटरों का 2 खेमा हो गया है। सीनियर और यूथ अपना-अपना झंडा संभाले हुए हैं। दुकानदार ने सुबह से दोपहर तक ग्राहकों के बीच होने वाली बतकही का पिटारा खोल दिया।
ओडिशा के रहने वाले एक पार्टी के समर्थक माने जाते हैं, लेकिन यहां भी सेंधमारी की बात कही गई। इन दावों पर यकीन करें तो कुछ मिलाकर जीत-हार की मार्जिन बहुत कम वोटों की होने वाली है। फिलहाल, 17 नवंबर को मतदान और 3 दिसंबर तक रिजल्ट का इंतजार ही कीजिए।