निर्यात कर के बोझ से उद्योगपति भय की स्थिति में हैं, क्योंकि स्टील उद्योग कम मार्जिन में कार्य करते है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। छतीसगढ़ चेम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज भिलाई का एक दल उद्योगपतियों की एक एक गंभीर समस्या लेकर आज उपमुख्यमंत्री अरुण साव से मिला। नगर निगम भिलाई की तानाशाही के विरोध में चेम्बर का दल उपमुख्यमंत्री को अपनी व्यथा बताई।
महामंत्री अजय भसीन ने बताया कि भिलाई नगर निगम भिलाई के उद्योग से .1% निर्यात कर की मांग कर रहा है जो कि अनैतिक और सरासर गलत है। इस वक्त हम विश्व को निर्यात करने की तैयारी कर रहे है।
गारगी शंकर मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि छतीसगढ़ प्रदेश देश का सबसे ज्यादा जीएसटी कर प्रदाता है उद्योग छतीसगढ़ की रीढ़ है और उद्योग पर अतिरिक्त व आवश्यक बोझ उद्योगो को बंद करने का एक षडयंत्र प्रतीत हो रहा है।
उद्योग चेम्बर अध्यक्ष जेपी गुप्ता ने भी साव जी को बताया कि निर्यात कर के बोझ से उद्योगपति भय की स्थिति में हैं, क्योंकि स्टील उद्योग कम मार्जिन में कार्य करते है। ऐसे में निर्यात कर की वजह से कई उद्योगो के बंद होने का खतरा है।
अरुण साव जी ने सभी सारे विषय को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि छतीसगढ़ सरकार व्यपारियो व उद्योग को बढ़ावा देने वाली सरकार है ऐसा कोई भी कर नही थोपा जाएगा जो हमारी अर्थ व्यवस्था को प्रभावित करें। उन्होंने आश्वासन दिया कि आपकी इस शिकायत पर गौर कर सही निर्णय लिया जाएगा।
भिलाई चेम्बर और मंत्रालय के बीच कॉर्डिनेटर महेंद्र बगडोरिया जी ने किया। भिलाई चेम्बर द्वारा माननीय उपमुख्यमंत्री जी को भिलाई औद्योगिक नगरी आने का निमंत्रण दिया गया। मुख्य रूप से नर्सिंग कुकरेजा, अतुल गर्ग, दिलीप अग्रवाल, आशीष अग्रवाल, सुनील मिश्रा, चिन्नाराव, विकास जायसवाल, राजेश शर्मा, निरंकार सिंह व अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे। यह सूचना शंकर सचदेव की ओर से जारी की गई।
ये खबर भी पढ़ें: Pension Latest News: शासकीय पेंशनधारियों का होगा ऑनलाइन सत्यापन