- सोशल मीडिया के माध्यम से पैरेंट्स अपना दिल हलका कर रहे हैं।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। आज से ही स्कूल की छुट्टी कर दिए जाने से अभिभावकों मे रोष साफ नजर आ रहा है और हो भी क्यों नहीं। दिल्ली पब्लिक स्कूल रिसाली, भिलाई की कार्यशैली ही पिछले कुछ दिनों से कटघरे में है।
और अभिभावकों के आंख की किरकिरी बनी हुई है। बच्चों की पढ़ाई की पूरी जिम्मेदारी पैरेंट्स पर डाल दी जाती है। ऐसा लगता है कि पीटीएम का आयोजन ही इसलिए किया जाता है।
साल भर के वार्षिक कैलेंडर के अलावा भी बात-बात पर अवकाश, स्कूल में कोई आयोजन हो तो अवकाश। यहां तक की मंडे टेस्ट भी केवल औपचारिकता हो कर रह गया है। पैरेंट्स आख़िर अपने मन की बात कहां करें। अत्यधिक फीस लेने के बावजूद भी पढ़ाई का स्तर लगातार गिरता जा रहा है।
इसलिए सोशल मीडिया के माध्यम से पैरेंट्स अपना दिल हलका कर लेते हैं। कुछ एक पैरेंट्स ने जो कहा है, वह गलत नहीं है कि नॉन बीएसपी की फीस दस हजार रुपए महीना हो गई है, जो की गणना करने पर 335 रुपए पर डे के हिसाब से होती है। और हम पूरे 365 दिन की फीस देते हैं, जिस तरह नो वर्क नो पे होता है, उसी तरह नो स्कूल नो फीस होना चाहिए।
हालांकि यह तर्क उचित नहीं है, लेकिन स्कूल प्रबंधन की कार्यशैली पैरेंट्स को यह सब सोचने पर विवश कर रही है। अब भिलाई में ही देखिए। सभी जगह स्कूल चल रहे हैं और डीपीएस भिलाई ने आज से ही स्कूल सस्पेंड कर रखा है। यहां तक की सोशल मीडिया में पैरेंट्स बोल रहे हैं कि भारी भरकम फीस लेने के बाद भी पढ़ाई नहीं होने से बच्चे को प्राइवेट ट्यूशन लगाओ, जिसका आर्थिक बोझ भी पैरेंट्स झेल रहे हैं।
इस तरह से पढ़ाई के दिन कम होने से पैरेंट्स का अपने बच्चों के शिक्षा के प्रति चिंतित होना स्वाभाविक है। पैरेंट्स का कहना है कि दीपावली अवकाश के बाद जो सोमवार आ रहा है उस दिन भी डीपीएस में अवकाश दिया गया है। लेकिन स्कूल प्रबंधन को इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता देख अब पैरेंट्स फिर से जमीनी स्तर पर एकजुट होकर डीपीएस प्रबंधन को घेरने का मन बना रहे हैं। पिछली बार बच्ची से छेड़छाड़ का मामला तूल पकड़ा था। काफी हंगामा हुआ था।












