
- ईडी स्तर के अधिकारियों के सामने किरकिरी से बचने के लिए रस्म अदायगी कर दी गई है।
- बीएसपी के लॉ डिपार्टमेंट ने स्टेट कोर्ट के जरिए कानूनी कार्रवाई का रास्ता दिखाया।
- टीए बिल्डिंग के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से भागते नजर आ रहे थे।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai STeel Plant) की साख को अधिकारी ही बट्टा लगा रहे हैं। नगर सेवाएं विभाग के कई अधिकारियों की कार्य संस्कृति 100-50 रुपए के अवॉर्ड पर पटरी से उतर चुकी है। अपनी जिम्मेदारी से ऐसा मुंह फेरे कि कब्जे को भी सियासी तराजू पर तौल दिया। उच्चाधिकारी भी अपनी जिम्मेदारी से सीधेतौर पर मुकरते हुए नजर आए। भला हो, ईडी सतर के अधिकारी का, जो कार्यवाहक डायरेक्टर इंचार्ज की कुर्सी पर बैठे और एक्शन हो गया।
सेक्टर 9 हॉस्पिटल प्रकरण पर नगर सेवाएं विभाग के उच्चाधिकारियों ने यहां तक बोल दिया था कि सीधेतौर पर उनकी कोई दखल ही नहीं है। लॉ डिपार्टमेंट के सामने सारा मामला खुला। लॉ डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने आइना दिखाते हुए कई कानूनी सलाह दी।
ईडी स्तर के अधिकारियों के सामने किरकिरी से बचने के लिए रस्म अदायगी कर दी गई है। अब देखना यह है कि जमीन पर कितना एक्शन हो पाता है। दावा किया जा रहा है कि पेपरबाजी के अलावा कुछ नहीं किया गया है।
फिलहाल, नगर सेवाएं विभाग के अधिकारियों की जमकर किरकिरी हो रही है। सियासी दखल को देखते हुए बीएसपी कार्मिकों ने अब सीबीआई से शिकायत का फैसला किया है। ट्रेड यूनियन के नेताओं ने कहा कि बीएसपी के नगर सेवाएं विभाग के कई अधिकारी ठेकेदारी में अघोषित रूप से पैसा लगाए हुए हैं।
यही वजह है कि ठेकेदार और अधिकारी मिलकर बीएसपी को लूटपाट का केंद्र बना चुके हैं। ऐसे आरोपितों की लिस्ट तैयार करके सीबीआई को हैंडओवर की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय को भी भेजी जाएगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को भी इसकी कॉपी प्रेषित करेंगे, ताकि वह भी पूरे घटनाक्रम से वाकिफ रहें।
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यूनियन नेताओं ने कहा कि सेल बीएसपी के विजिलेंस डिपार्टमेंट से शिकायत करने का कोई फायदा नहीं है। विजिलेंस के अधिकारी पर कोई भरोसा नहीं किया जा सकता है। ये साल में सिर्फ जागरुकता सप्ताह और निबंध प्रतियोगिता कराने में ही ज्यादा सक्रिय दिखते हैं। अगर, विजिलेंस डिपार्टमेंट सक्रिय होता तो खुलआम धांधली नहीं चल पाती।